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रविवार, 16 अक्टूबर 2016

मैंने अपनी कुवारी चूत की सील अपने भाई से खुलवाई

मेरा नाम निकी है। यह बात अजीब है.. पर सच है कि मेरा पहला अनुभव मेरे भाई के साथ ही हुआ। उस वक़्त मैं 22 साल की थी और वो 21 साल का था।
हम दोनों उस वक़्त तक बिल्कुल सामान्य भाई-बहन के जैसे ही थे।

मेरे एक भाई के सिवाए और कोई दूसरा भाई नहीं है और नहीं ही कोई बहन है.. बस हम दोनों ही हैं। हमारे माता-पिता और हम दोनों सब साथ ही रहते हैं।

बात एक साल पहले की है जब हमारे मॉम-डैड घर से बाहर किसी शादी में गए थे।
उस वक़्त घर में सिर्फ़ हम दोनों थे।


मैंने इस बात का फायदा उठाया और मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ शाम को घूमने चली गई।
क्योंकि घर पर मॉम-डैड नहीं थे तो मुझे ज़्यादा किसी से झूठ नहीं बोलना था।

मैंने भाई से कहा- मैं अपने फ्रेंड के पास नोट्स लेने जा रही हूँ।
उसने कोई बात नहीं पूछी कि किस फ्रेंड के पास जा रही हो।

इधर मैं तो अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ घूमना चाहती थी.. लेकिन शायद उस दिन किस्मत को कुछ और ही चाहिए था। जब मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ घूम रही थी, तो मेरे भाई ने मुझे देख लिया।

मुझे इस बारे में नहीं पता था, तो मैंने ध्यान भी नहीं दिया। इस दिन से पहले मैंने कभी किसी को हाथ भी नहीं लगाया था।
हम दोनों अभी-अभी ब्वॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बने थे।

मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने एक सुनसान जगह पर मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे पेड़ से लगा कर किस करने लगा। मुझे भी अच्छा लग रहा था.. क्योंकि मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया था।

यह मेरा पहला चुम्बन था।
हम दोनों किस आदि से आगे बढ़ते उससे पहले उसी वक़्त मेरे ब्वॉयफ्रेंड के मोबाइल पर उसके घर से बुलावा आ गया और उसको जाना पड़ा।
मुझे भी देर हो रही थी.. तो मैं भी चली गई।

वासना की कहानी बस से शुरू हुई -1


लेकिन इस वक़्त तक मुझे ये नहीं पता था कि मेरा भाई मुझ पर नज़र रख रहा है।

घर पर मैंने उसे नोटिस किया कि उस दिन वो मुझे गहरी नज़र से देखने लगा.. तब भी मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और नहाने चली गई।
बाहर बारिश हो रही थी.. तो मैं भीगते हुए घर आई थी।

मेरा भाई मुझ पर अब भी नज़र रखे हुआ है.. मैं ये नहीं जान रही थी।

मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आई तो भाई मेरे कमरे में ही था, शायद वो कुछ खोज रहा था।
मैंने उससे कहा- कुछ खोज रहे हो क्या?

वो मुझे अचानक देख कर चौंक गया क्योंकि मैं सिर्फ़ तौलिये में थी।

एक पल के लिए वो मुझे बस देखता ही रह गया और जैसे ही मैंने उसे आवाज़ लगाई.. तो वो ‘सॉरी’ कहकर चला गया।
मुझे कुछ समझ नहीं आया.. पर उसे कमरे में इस तरह देख कर अजीब ज़रूर लगा।

फिर उसी रात खाने के टेबल पर वो मेरी ओर बार-बार घूरने लगा.. शायद वो मेरे दोनों निप्पल्स को देख रहा था।
काफ़ी देर तक वो इन्हें निहारता रहा था।

दोस्त की बहन की कुवारी चूत मस्ती में चोदी

हैलो दोस्तो.. एक बार फिर हाजिर हूँ.. एक वासना युक्त दास्तान लेकर। मेरी पिछली कहानी को आपने खूब सराहा.. उसके लिए धन्यवाद।

मैं अभी रायपुर में हूँ। मैं जिस जगह पर रहता हूँ.. वहाँ बगल में एक फैमिली रहती है.. जिसमें एक अंकल जी, उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं।

मेरा लंड एक इंच उसकी चूत में घुस गया

दोस्तो, मैं सेटी खान अलवर के एक छोटे से गाँव में अपने परिवार के साथ रहता हूँ।
मेरी उम्र 19 साल है.. मेरा कद 5 फीट 5 इंच है, रंग गोरा, देखने में आकर्षक लगता हूँ। मेरे लिंग की लंबाई 6 इंच है।
मैं पिछले 3 साल से मस्ताराम.नेट का नियमित पाठक रहा हूँ।

रविवार, 9 अक्टूबर 2016

गुरुवार, 22 सितंबर 2016

बीवी की काम वासना में कमी

मेरा नाम सूरज है और मेरी पत्नी का नाम शिखा (दोनों नाम बदले हुए) दोनों की उम्र 49 वर्ष है और दोनों की लंबाई भी 5.6 फ़ीट है।
हमारी शादी को 27 वर्ष हो चुके हैं, 2 बच्चे हैं और उनकी भी जल्दी शादी कर दी है।

पोर्न की दुनिया की रानी सविता भाभी की कहानी

मित्रो पोर्न की दुनिया की रानी सविता भाभी अपनी उफनती जवानी का नया किस्सा लेकर एक बार फिर आप सबके सामने हैं।

एक दिन सविता भाभी अपने पति के साथ बैठी हुई थीं, उनके पति अशोक को दो दिनों के किसी काम से शहर के बाहर जाना था।
नया बांका जवान नौकर

तभी उनके घर का बूढ़ा नौकर गोपाल आया और उसके साथ एक हट्टा-कट्टा नौजवान भी था।
उसे किसी के साथ यूं आया देख सविता भाभी चौंकी और गोपाल से पूछने लगीं- क्या हुआ गोपाल.. तुम्हें क्या चाहिए?

उसने सविता भाभी से कहा- मेमसाब मुझे बहुत जरूरी काम से गाँव जाना पड़ रहा है, घर के कामों में कोई दिक्कत न हो इसलिए मैं इस लड़के मनोज को लाया हूँ.. ये मेरी गैरहाजिरी में घर के सभी कामों को बखूबी पूरा करेगा।

‘हम्म.. क्या इसे घर के सभी कामों को करने का अनुभव है?’

तभी मनोज बोला- भाभीजी.. मुझे घर के सभी कामों का अच्छा अनुभव है.. मैं मिसेज गुप्ता के घर पर काम करता था।


जैसे ही मनोज ने मिसेज गुप्ता का नाम लिया.. सविता भाभी को एकदम से अपनी सहेली शालिनी के द्वारा कही हुई एक बात याद आ गई, जो उसने मिसेज गुप्ता के किसी नौकर से जिस्मानी रिश्तों को लेकर कही थी।

सविता भाभी ने मनोज को गौर से देखा और सोचा कि हो न हो यह वही लड़का है।

गोपाल ने भाभीजी को यूं कुछ सोचते हुए देखा तो वो उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगा।

सविता भाभी एकदम से बोल उठीं- ओके.. तो मिसेज गुप्ता के यहाँ तुम काम करते थे.. अच्छा है।

सविता भाभी ने मनोज को गौर से देखा और सोचने लगीं कि यह लौंडा तो मस्त है इसका मजबूत जिस्म मिसेज गुप्ता के लिए हर तरह की ‘मेहनत’ के काम करता होगा।

अब सविता भाभी ने गोपाल से कहा- ठीक है गोपाल, इसको यहाँ रख लो और जाने से पहले इसे घर के सारे काम ठीक से समझा देना। अब तुम जा सकते हो।

गोपाल मनोज को लेकर चला गया और उसने मनोज को सब काम ठीक से समझा दिए।

पति के चले जाने के बाद सविता भाभी अपने कमरे में ड्रेसिंग टेबल के सामने अपने बाल संवार रही थीं।

कुछ देर बाद मनोज कमरे में आया और सविता भाभी से बोला- भाभी जी, मैंने खाना बना दिया है.. इस मेरे लिए कोई और काम हो बता दीजिए?

सविता भाभी ने उसकी तरफ मुड़ कर देखा और कहा- हाँ जरा ये बेडरूम साफ़ कर दो.. यहाँ बहुत सा सामान बिखरा सा पड़ा है।
‘ठीक है भाभी जी..’

मनोज कमरे को साफ़ करने में जुट गया।
सविता भाभी की ब्रा

तभी उसे फर्श के एक कोने में लाल रंग की एक ब्रा पड़ी दिखी।
मनोज ने ब्रा को उठाया और उसे सविता भाभी को दिखाते हुए कहा- भाभीजी आपकी ‘ये’ यहाँ पड़ी थी।

सविता भाभी ने मनोज के हाथों में ब्रा को देखा तो वे चौंक गईं और मन में सोचने लगीं कि लगता है ये ब्रा उस दिन वो सेल्समेन ले जाना भूल गया।

‘ओह्ह.. लाओ ये मुझे दो.. शायद उस दिन वो सेल्समेन आया था, उसी से छूट गई है।’

मनोज ने जैसे ही ब्रा के सेल्समेन की बात सुनी, वो सविता भाभी को बताने लगा- मेरा भी एक दोस्त है वो महिलाओं के लिए बहुत अच्छे ब्रा-पैन्टी बेचता है। मिसेज गुप्ता हमेशा उससे ही ब्रा-पैन्टी खरीदती हैं।

सविता भाभी ने मुस्कुराते हुए मनोज की तरफ देखा और चहकते हुए कहा- क्या तुम सच कह रहे हो.. मिसेज गुप्ता उसी से सामान खरीदती हैं.. कभी उसे बुलाओ मैं भी उसको ट्राई करूँगी।

सविता भाभी की मुस्कुराहट मनोज को घायल कर गई, वो सविता भाभी की कमनीय काया का शिकार हो गया और सोचने लगा कि सविता भाभी बाल काढ़ते वक्त कितनी मस्त लग रही हैं।
भाभी के बदन की मालिश

मनोज ने भाभी को प्रसन्न देखा तो उसने उत्तर देते हुए कहा- ठीक है भाभीजी.. मैं उसको आपके लिए बुला लाऊँगा.. मिसेज गुप्ता मुझे बहुत पसंद करती थीं.. मेरा मतलब मेरे कामों को..
‘अरे वाह.. तुम मिसेज गुप्ता के लिए ऐसा क्या करते थे?’

‘भाभीजी मैं उनके लिए घर के सभी कामों को करता था, लेकिन वो मुझसे तेल मालिश करवाना बहुत पसन्द करती थीं। तेल मालिश करना मैंने गाँव में सीखा था।’

‘हम्म.. नाइस.. मतलब तुम मालिश भी करना जानते हो?’
‘हाँ भाभीजी.. मैं पूरे बदन की मालिश बहुत अच्छे से करना जानता हूँ।’

सविता भाभी ने पूरे जिस्म की मालिश का नाम सुना तो उनकी चूचियां फड़क उठीं और वे अपनी मदमस्त चूचियों को दिखाती हुई मनोज की तरफ घूमीं।

‘मैं तो कब से तेल मालिश कराने के लिए बेचैन हूँ मैंने सुना है कि तेल मालिश से त्वचा भी एकदम चिकनी हो जाती है। क्या तुम कर सकते हो?’
‘हाँ हाँ.. क्यों नहीं भाभी जी, जब आपकी इच्छा हो बता दीजिएगा मैं आपकी मस्त मालिश कर दूँगा। वो आज जरा मुझे देर हो गई है मुझे और भी घरों में काम निबटाने जाना है वरना आज ही..’

‘मगर.. थोड़ा सा वक्त ही तो लगेगा.. मैं भी आज फ्री हूँ और दो दिन के बाद जब तुम्हारे अशोक सर आ जाएंगे तो फिर हम लोगों को मालिश के लिए समय ही नहीं मिलेगा।’

‘ठीक है भाभी जी, जब आप इतना कह रही हैं तो कुछ समय के लिए ही सही.. मैं आपकी मालिश करने को तैयार हूँ।’

इतना सुनते ही सविता भाभी की बांछें खिल गईं और वे पलंग की ओर बढ़ गईं।

पलंग पर बैठते ही उन्होंने पास रखी तेल की शीशी मनोज को पकड़ा दी- लो मनोज.. यह तेल की शीशी लो और मेरे पूरे जिस्म पर लगा कर अच्छी सी मालिश कर दो.. मेरी पीठ.. जांघें.. सब जगह जरा ढंग से मालिश होनी चाहिए।

मनोज ने तेल की शीशी से थोड़ा तेल निकालते हुए कहा- अब मैं आपके पैरों से तेल मालिश शुरू करता हूँ।

ज़रा देख कर करना मनोज.. कहीं मेरी साड़ी खराब न हो जाए।
‘जी भाभी जी आप बेफिक्र रहिए..’

अब मनोज ने सविता भाभी के पैरों से तेल मालिश करना शुरू की और वो पिण्डलियों से होता हुआ भाभी की जाँघों तक अपने हाथों को फेरने लगा।

सविता भाभी को मजा आने लगा- वाह मनोज तुम्हारे हाथों में तो जादू है.. बहुत अच्छा लग रहा है।

मनोज भी पूरा घाघ था.. उसने भी सविता भाभी को मस्त होते देखा तो उसने अपनी शर्ट उतारनी शुरू कर दी।

सविता भाभी चौंक गईं और उससे बोलीं- ये क्या कर रहे हो तुम.. शर्ट क्यों उतार रहे हो?

मनोज ने कहा- वो तो मैंने इसलिए उतारी कि मेरी शर्ट तेल लगने से खराब न हो जाए.. यदि आपको ठीक नहीं लग रहा हो तो मैं इसे वापस पहन लेता हूँ।
सविता भाभी ने उसकी चौड़ी छाती और मर्दाना भरा पूरा जिस्म देखा तो उनकी चूत में पानी आ गया, उन्होंने झट से कहा- नहीं.. ठीक है..

मनोज ने फिर से मालिश करना शुरू कर दी।

‘मनोज.. जरा और ऊपर को करो..’

मनोज ने अपने हाथ सविता भाभी की साड़ी को ऊपर उठाते हुए और अन्दर तक मालिश करना शुरू कर दी।
यह कहानी आप गुरुमस्ताराम डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मनोज- आप चिंता न करें भाभीजी मैं आपके पूरे शरीर पर मालिश करूँगा.. एक भी हिस्सा नहीं छूटेगा।

बस फिर क्या था..
सविता भाभी ने अपनी आँखें बंद कर लीं और मनोज ने अपनी आँखें खोल लीं।

मनोज ने सविता भाभी के पूरे जिस्म की मालिश किस तरह की.. और उनकी उफनती जवानी और मचलती चूत में अपने लौड़े से किस तरह से मालिश की इस सब का मजा आपको कहानी से अधिक सचित्र चित्रांकन में आएगा।

सविता भाभी की कार्टून कॉमिक्स में आपका स्वागत है।

गुरुवार, 4 अगस्त 2016

चाची ने मुठ मारते पकड़ लिया

यह सारांश मौजूद नहीं है. कृपया पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें .

गुरुवार, 30 जून 2016

पहली चुदाई में उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ा था

मैं अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम का नियमित पाठक हूँ। मैं इसमें प्रकाशित हर कहानी को पढ़ता हूँ और इन कहानियों को पढ़ते हुए मैंने सोचा क्यों न आज मैं भी अपनी कहानी यहाँ लिख भेजूँ ताकि आपको भी मजा आए।

हमारी सुहागरात की मजेदार कहानी

दोस्तो मेरा नाम प्रतिभा चौहान है, मेरे पति का नाम गौरव चौहान है, हम जबलपुर के रहने वाले हैं।
अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर यह हमारी पहली कहानी है। बहुत समय से मेरी इच्छा थी कि मैं भी मेरी सेक्स स्टोरी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पेश करूँ.. पर टाइम नहीं मिलता था।
आज मैं हौंसला करके यह कहानी लिख रही हूँ.. उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी और आप मेरा हौसला बढ़ाएंगे।
यह कहानी मैं अपने पति के शब्दों में लिख रही हूँ।

मेरा नाम गौरव चौहान है, मेरी अपनी लैपटॉप रिपेयर की शॉप है। मेरा कद 5 फिट 9 इंच का है। गाँव के देसी घी दूध के कारण मैं कसरती बदन का मालिक हूँ। मैं शादी-शुदा हूँ.. मेरी बीवी का नाम प्रतिभा है और मैं उसको बहुत प्यार करता हूँ, मैं अपनी बीवी को तन और मन से खुश रखता हूँ।

हमारी शादी को अभी एक साल से कुछ ऊपर ही हुआ है। हम दोनों पति-पत्नी बहुत मजे करते हैं और अपनी लाइफ को एन्जॉय करते हैं।

मैंने शादी से पहले कभी सेक्स नहीं किया था और मेरी पत्नी भी सेक्स के मामले में बिल्कुल अनाड़ी थी।
सुहागरात को मैं अपने कमरे में गया.. मेरी नई-नवेली दुल्हन शादी के जोड़े में बहुत खूबसूरत लग रही थी।

मैं कमरे के अन्दर प्रवेश कर चुका था.. मन में कई तरह के सवाल थे.. कि उसका मेरे प्रति कैसा व्यवहार होगा.. ऐसा कुछ सोचते हुए मैं उसके पास जा कर बैठ गया।
ना वो कुछ बोल रही थे ना मैं..

अब मैंने थोड़ा बात शुरू की.. और उससे अपने घर वालों के बारे में पूछा।
उसने कहा- सब बहुत अच्छे हैं।

शादी से पहले फोन पर हमारी बात होती रहती थीं। इस तरह मैंने उससे बात शुरू की.. उसके बाद मैंने उससे कहा- वो चेंज कर ले और आराम से बिस्तर पर आ जाए।
उसने कहा- जी ठीक है।

वो अलमारी से अपने कपड़े निकाल कर बाथरूम में जा कर चेंज करने लगी।
लगभग 5 मिनट बाद वो नाइट सूट पहन कर बाहर आ गई।

अब वो और मैं एक साथ बिस्तर में बैठे थे, मैंने धीरे से उसके चेहरे को पकड़ कर अपनी तरफ किया और उसके माथे पर एक चुम्बन किया.. मेरे चुम्बन से ही उसका बदन कांप गया और चेहरा लाल पड़ गया।

अभी मैं आगे बढ़ने ही वाला था कि उसने बिस्तर की एक तरफ रखा दूध का गिलास मेरे आगे कर दिया।
मैंने आधा गिलास खुद पिया और बाकी उसके सामने कर दिया।

उसने शरमाते हुए गिलास लिया और दूध पी लिया।
मैंने गिलास एक तरफ रख दिया और उसे अपनी तरफ खींचने लगा।

इतने में उसने अपना सुहागरात का गिफ्ट माँग लिया।
मैंने उसे एक सोने की एक रिंग गिफ्ट में दी।
वो रिंग ले कर बहुत खुश हुई।
अब हमारे शगुन पूरे हो चुके थे।

मैंने उसको कंधों से पकड़ कर बिस्तर में लिटा दिया और उसके बगल में मैं खुद लेट गया।
वो अब भी शर्मा रही थी… मैं उसको एकटक देखे जा रहा था।
उसने कहा- लाइट ऑफ कर दो..

मैंने लाइट ऑफ कर दी और नाइट बल्ब जला दिया।

लाल बल्ब की रोशनी में वो बहुत सुंदर लग रही थी। मैं उसको एकटक देखे जा रहा था.. तो उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और उसके माथे पर एक चुम्बन कर दिया.. तो वो सिसकार उठी ‘ऊंह.. सस्स्सस्स..’
उसके होंठ कांपने लगे.. मगर उसने अपनी आँखें नहीं खोलीं। मैंने अगला वार किया और एक चुम्बन होंठों पर कर दिया।
इससे वो बुरी तरह हिल गई और अपने आप मेरे सीने से लग गई।
किसी लड़की का पहला स्पर्श मुझे भी मदहोश कर रहा था।

अब मैंने उसको अपनी बाँहों में भरना शुरू किया.. तो वो लता की तरह मेरे सीने से चिपक गई और अपना सर मेरी छाती में छुपा लिया। उसने कस के मुझे पकड़ लिया.. क्योंकि वो मेरी तरफ देखना नहीं चाहती थी, उसे शर्म आ रही थी।
उसने मुझे बाद में बताया था।
न्यू कहानी अपडेट : बहन भाई की चुदाई की कहानी

वो सिमटती हुई मेरी गिरफ्त में आ गई, मैंने उसे बाँहों में भर कर अपने ऊपर कर लिया। अब मैं नीचे था और वो मेरे ऊपर थी।
मैं उसके होंठों पर.. गाल.. माथे पर.. चुम्बनों की बरसात कर रहा था, वो सिसकारियाँ भर रही थी.. उसका शरीर तंदूर जैसे गर्म हो रहा था।

मैंने उसकी नाइटी को उतारना चाहा.. तो वो मना करने लगी।
मैंने कारण पूछा.. तो उसने कहा- उसकी भाभी कहती थीं कि पहली बार में बहुत दर्द होता है।
मैंने उसे कहा- पहली बार में थोड़ा दर्द तो होगा।

वो कहने लगी- हम आज नहीं करेंगे.. कल को कर लेना।
यह कहानी आप अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
पर मैंने सोचा कि अगर मैंने आज कुछ नहीं किया तो कल मेरे दोस्त मुझे ताने मारेंगे.. तो मैंने हिम्मत नहीं हारी और लग गया अपने काम पर।

मेरे बहुत कहने पर वो फोरप्ले को मान गई.. तो मैंने सोचा कि अगर मैंने कुछ ज़ोर जबरदस्ती की.. तो इसका हमारे रिश्ते पर बुरा असर पड़ सकता है।

तो मैंने बहुत प्यार से उसके नाइट सूट को उसके बदन से अलग कर दिया। अब उसके बदन पर कपड़ों के नाम पर ब्रा और पैन्टी थी। मैं अब तक उसे दोनों हाथों से गरम करता जा रहा था और साथ में किस भी कर रहा था।

मैंने उसकी गर्मी का फ़ायदा उठाते हुए उसकी ब्रा को भी खोल दिया.. जो अब हम दोनों के नंगे बदन के बीच दीवार की तरह लग रही थी। मैंने पलटी मारी और मैं उसके ऊपर चढ़ गया.. अब वो मेरे नीचे थी।

मैंने खुली हुई ब्रा को उसके बदन से अलग कर दिया। वाह.. क्या मम्मे थे यार.. एकदम माउंट एवेरस्ट की तरह सर उठाए खड़े थे।

मैंने देर ना करते हुए उन पर अपने उल्टे हाथ की दो उंगलियाँ फिरानी शुरू कर दीं। मेरे ऐसा करने से उसकी आग और भड़क उठी और बस वो धीरे से मेरे कान में बोल पड़ी- जी.. मुझे दर्द मंजूर है।
                                      
                                   न्यू कहानी अपडेट : माँ बेटे की चुदाई की कहानी

बस फिर क्या था हमारी सुहागरात पूरी मन गई.. उसमें जो भी होता है.. वो आप सभी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम की कहानियों में पढ़ते ही हैं।

आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लगी प्लीज कमेंट में लिख कर जरुर बताये |

बुधवार, 29 जून 2016

भाभी की टाइट चूत में मेरा मोटा लंड घुस गया

मेरा नाम इकरम है, मैं मेरठ का रहने वाला हूँ, आपको अपनी एक सच्ची घटना के बारे में बताने वाला हूँ।

बात करीब ३ महीने पुरानी है जब हम अपने नए मकान में आये थे, हमारे घर में चार मंज़िल बनी हुई हैं और हमारे ठीक बराबर में एक परिवार रहता है जिसमें पति पत्नी और उनके दो बेटे हैं।

पति शहर की छोटी राजनीति में लगे रहते हैं और भाभी जी अक्सर घर पर ही रहती हैं।
भाभी काफी मोटी है और उनके चूतड़ तो लाजवाब हैं और अक्सर बिना दुपट्टे के ही बाहर घूमने लगती हैं तो उनके मोटे मोटे दूध अलग ही दिखाई देते हैं।


एक बार की बात है जब मैं सुबह के समय अपने घर की सबसे ऊपर वाली छत पर टहल रहा था तो भाभी सुबह में टॉयलेट से निकल रही थी और उन्होंने सलवार का नाड़ा भी नही बाँधा था, वो उसे बांधते हुए ही निकल रही थी।

उनकी सलवार के अंदर का नज़र देख कर तो मेरा लण्ड मचल गया और बस मैंने तभी मन में ठान लिया कि चाहे जो भी हो लेकिन भाभी की चूत और गांड का रस ज़रूर चखूँगा।

इतनी मोटी और उभरी हुई चूत और गांड मैंने इससे पहले कभी नही देखी थी!
धीरे धीरे मैंने उनके घर जाना शुरू किया और उनके बच्चों को पढ़ाने लगा बिना कोई फीस लिए हुए!

एक रोज़ की बात है जब पास के शहर में पार्टी की एक बड़ी रैली थी जिसमें हमारे पड़ोसी को जाना था और अगले दिन वापस आना था! बस उस रोज़ बच्चों के पढ़ाने थोड़ी देर से गया जब बच्चे भी सोने वाले थे जब मैं वहाँ पहुँचा तो बच्चे पढ़ने के मूड में नहीं थे और बच्चों को छुट्टी दे दी और उन्हें उनके कमरे में भेज दिया!

भाभी थोड़ी कम पढ़ी हुई थी और बच्चों की अंग्रेजी की किताब लेकर उसे देख रही थी। मैंने भाभी से किताब मांगी तो भाभी ने नहीं दी, मैंने थोड़ी देर बाद फिर मांगी तो फिर से नहीं दी और एक अजीब सी मुस्कराहट उनके चहरे पर थी।

बस इसी मुस्कराहट का तो मैं दीवाना था और मुझे लगा कि शायद आज काम बन जाये…
जब तीसरी बार मांगने पर भी भाभी ने किताब नहीं दी तो मैंने वो किताब उनसे ज़बरदस्ती छीनने की कोशिश की लेकिन भाभी आज मस्ती में थी और मुह लोग ज़ोर आज़माने लगे!

किताब के छीनने में कई बार मेरा हाथ भाभी के मोटे मोटे दूधों पर पड़ा और मेरे लण्ड में झनझनाहट सी हो गई और धीरे धीरे मेरा लण्ड खड़ा होने लगा!

तभी भाभी का हाथ अचानक मेरे लण्ड पर लगा, मुझे थोड़ी तकलीफ हुई और मैं बहाना करके बैठ गया।

भाभी मुझसे पूछने लगी- क्या ज्यादा लगी है?
वो बोलते बोलते मेरे पास आ गई, मेरा हाथ पकड़ लिया!

मैंने बोला- बहुत गलत जगह लगी है।
तो भाभी बोली- आओ मैं मालिश कर देती हूँ…

उनकी बात सुन कर में उन्हें देखता रह गया।
वो बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? तुम्हें क्या लगता है कि तुम मुझे रोज़ टॉयलेट से निकलता देखते हो और मेरी चूत पर नज़र लगाये रहते हो तो मुझे पता नहीं है? मुझे सब पता है और हाँ मैं भी जान बूझ कर रोज़ सलवार बाहर आकर बांधती थी ताकि तुम मेरी चूत के दर्शन कर लो।

इतना कहना था कि मैंने भाभी को अपनी बाँहों में भर लिया और भाभी को चूमने लगा और उनके दूध दबाने लगा।
भाभी के चूतड़ों पर जैसे ही मेरा हाथ गया तो भाभी बोली- तुम्हें पता है, तुम्हारे भैया का लण्ड इतना छोटा है की मेरी चूत को मज़ा नहीं पाता है! फिर मैंने भाभी के कपड़े उतारे और भाभी ने मेरे… मैं बस भाभी की गांड में उंगली करने लगा और भाभी की चूत को चाटने लगा!
काफी देर चूत चाटने के बाद भाभी ने अपना पानी मेरे मुंह में ही छोड़ दिया और अब वो मेरा लंड चूसने लगी।

फिर मैंने भी पाना पानी भाभी के मुंह में छोड़ दिया और हम लोग शांत हो गए लेकिन मैं तब भी उनके चूतड़ों पर ही हाथ फेर रहा था और मेरा लुंड फिर से खड़ा होने लगा!

भाभी भी फिर से मस्ती के मूड में आ गई और मेरे लण्ड को सहलाने लगी और फिर उसे चूसने लगी और बोली- तुम्हारे भैया तो बाहर ही रहते हैं और थक कर सो जाते हैं लेकिन आज तुम मेरी प्यास बुझाओ!


मैंने भाभी की चूत में अपनी दो उंगली डाल दी और फिर भाभी को घोड़ी बनने को कहा।

भाभी तुरंत ही घोड़ी बन गई और मैंने मोटे लण्ड का सुपारा जैसे ही भाभी की चूत में घुसाया तो भाभी ने मेरे हाथ खींच कर उस पर काट लिया और दांत दबाने लगी।

मेरा लण्ड काफी मोटा और लम्बा था और भाभी की चूत काफी टाइट थी लेकिन मैंने धीरे धीरे धक्के लगा कर अपना पूरा लंड भाभी की चूत में घुसा दिया और अब भाभी भी मस्ती में आ रही थी और घोड़ी की तरह उछल उछल कर गांड मरा रही थी।

करीब दस मिनट के बाद मैंने जब ज़ोर के धक्के लगाये तो भाभी रोने लगी और बोली- तेज़ तेज़ कर… मज़ा और दर्द दोनों मिल रहे हैं।

और फिर मैंने रफ़्तार बढ़ा दी और उनकी चूत का बुरा हाल कर दिया।
जब मैं झड़ गया और मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत से निकाला तो भाभी से उठा भी नहीं जा रहा था और अब हम हफ्ते मैं एक बार मस्ती ज़रूर कर लेते हैं।

आपको यह कहानी कैसी लगी… ज़रूर बताना, यह मेरी पहली कहानी है  http://antarvasna-hindistories.blogspot.in/ पर…
इकरम

एक दुसरे की बहनों की अदल बदल कर चुदाई

इरशाद और जुनेद दोनों स्कूल के समय से दोस्त हैं। तब दोनों के एक गन्दा चस्का लग गया था, दोनों स्कूल से निकल कर अक्सर शहर के बाहर जाकर सेक्सी किताबें पढ़ा करते थे | और एक दूसरे की मुठ मारा करते थे। वे अक्सर अपने क्लास की अध्यापिकाओं के बारे में सोच कर मुठ मारते थे तो कभी पड़ोस की भाभी और चाची को सोच कर उनके बारे में बातें किया करते थे, उनको बाथरूम में नहाते देखने के लिए दिन-दिन भर छत पर रहा करते थे। एक दिन जुनेद बोला- यार इरशाद, आखिर ऐसे कब तक हम मुठ मारते रहेंगे? अब तो इन किताबों से मज़ा नहीं आता है। कोई फिल्म देखने का जुगाड़ करते हैं।
इरशाद ने कहा- तेरी बात तो सही है जुनेद | कल मेरे अम्मी-अब्बू शहर से बाहर जा रहे हैं, घर पर सिर्फ छोटी बहन सकीना रहेगी। हम दोनों अपने कमरे में कल ब्लू फिल्म देखते हैं।
जुनेद बोला- ठीक है दोस्त, कल मैं कोई नई फिल्म की सीडी लाता हूँ, तू तैयार रहना | लेकिन घर में सकीना यानि सकीना होगी..?
जुनेद ने शंका से पूछा। तू फ़िक्र मत कर जुनेद | सकीना कमरे में नहीं आएगी। चल अब घर चलते हैं। अगले दिन जुनेद इरशाद के घर एक ब्लू फिल्म की सीडी लेकर पहुँच गया।
सकीना ने दरवाज़ा खोला- अरे जुनेद भाई जान…? कैसे हो? इरशाद भाई जान तो अम्मी अब्बू को स्टेशन तक छोड़ने गए हैं, इरशाद भाई जान आते ही होंगे, आप अन्दर आ जाओ। चलो, तब तक हम लूडो खेलते हैं।
जुनेद अन्दर चला गया। सकीना उसके लिए पानी लेकर आई। जब वह पानी दे रही थी तब जुनेद की नज़र उसकी कुरते से झांकते छोटे छोटे उभारों पर थी। वह जुनेद को इरशाद की तरह ही भाई मानती थी लेकिन आज वह जुनेद अचानक बहुत ही सेक्सी लग रही थी, जुनेद ने उसके जिस्म को ऊपर से नीचे तक देखा। जुनेद ने उससे कहा- सकीना, आज भाई जान की गोदी में नहीं बैठोगी? क्यों नहीं भाई जान अभी लो | कहते हुए वह जुनेद की गोदी में बैठ गई। अब बोलो, आइसक्रीम खिलाओगे? खिलाऊंगा | लेकिन एक वादा कर कि किसी को बोलेगी नहीं? क्या भाई जान?? सकीना की उम्र मात्र 18 साल की थी, उस पर अभी जवानी धीरे धीरे आ रही थी, उसके सीने पर हल्का हल्का उभार आने लगा था, उसके स्तन छोटी अम्बिया की तरह नुकीले थे। जुनेद ने उसको गोद में लेकर उसकी गोलाइयों को अपने हाथों से नापना शुरू कर दिया। ही ही ही..||| यह क्या कर रहे हो भाई जान गुदगुदी होती है | जुनेद का हाथ उसकी फ्राक अन्दर उसकी चड्डी में था, वह सकीना की छोटी सी नर्म योनि को सहला रहा था- कैसा लग रहा है सकीना…? जुनेद ने उसके गालों को चूमते हुए पूछा। अच्छा लग रहा है भईया | यह एक खेल है सकीना, लेकिन सिर्फ हम दोनों ही खेलेंगे, चुपके चुपके, किसी और को मत बताना।
ठीक है जुनेद भईया |
अन्दर चलो, बेड पर लेट जाओ तुम। जुनेद ने उसको गोद में उठा लिया था, वह उसके सीने से चिपकी थी, जुनेद के हाथ उसके चूतड़ों पर थे, जुनेद ने सकीना को बेड पर लिटा दिया और उसकी छोटी से गुलाबी चड्डी खींच कर निकाल दी।
उसकी योनि छोटी सी थी अन्दर से देखने पर एकदम सुर्ख | जुनेद ने उस पर जीभ लगा दी। ..उईए ईई यह क्या करते हो भाई जान…? सकीना मचल पड़ी जब जुनेद ने उसकी योनि चूसना चाही। कुछ नहीं होगा तुझको | बस तू चुपचाप लेटी रह, तुझे अच्छा लगेगा। कह कर जुनेद ने उसकी टांगें फैला दी और उसकी योनि पर मुँह लगा दिया। सकीना लेटी हुई थी। तभी दरवाज़े की घंटी बजी, जुनेद ने झट से सकीना की फ्राक नीचे की और उसको उठाया और कमरे से बाहर ले गया।
सकीना ने दरवाज़ा खोला।
क्या कर रही थी? सुनाई नहीं देती तुझको घण्टी?|| इरशाद सकीना पर चिल्ला कर बोला।
सकीना सहम गई।
अरे जाने दे न इरशाद, नहीं सुना होगा | …मैं भी रूम में था वरना… जुनेद ने बात सम्हालनी चाही।
बच्ची नहीं है… घोड़ी हो गई है, पढ़ती-लिखती कुछ नहीं है, दिन भर लूडो और टीवी | दसवीं में फेल हो चुकी है। कहते हुए इरशाद ने उसको एक चपत लगाई।
जुनेद ने देखा कि पीछे से सकीना की फ्राक की चैन खुली थी, देखते ही उसकी गांड फट गई। लेकिन फिलहाल इरशाद ने उस पर ध्यान नहीं दिया था।
दोनों कमरे में चले गए, इरशाद ने सीडी लगाई और सकीना को बोला कि अन्दर नहीं आना है।
मूवी में एक अँगरेज़ एक इंडियन लड़की की चुदाई कर रहा था। कुछ ही देर मैं एक अँगरेज़ और एक लड़की और आ गई, वे दोनों भी शुरू हो गए थे, बारी-बारी से दोनों लड़कियों की चुदाई कर रहे थे उनको कुतिया बना कर।
जुनेद और इरशाद दोनों को पसीना आ रहा था, तभी इरशाद ने बेड़ पर पड़ा कपड़ा उठा कर अपना मुँह पोँछा। लेकिन उसमें से उसको अजीब सी महक लगी, उसने कपड़ा खोल कर देखा यह सकीना की चड्डी थी जिससे इरशाद ने मुँह पोंछा था। देखने पर वह सोचने लगा कि सकीना की चड्डी यहाँ क्या कर रही है?
जुनेद का दिल धड़क रहा था, वह इरशाद से नज़रें चुराने लगा, उसने सकीना को आवाज़ दी और रिमोट से मूवी को बन्द कर दिया।
सकीना कमरे में आई, अभी इरशाद के हाथ में उसकी चड्डी थी, लग रहा था कि वह उससे पूछेगा कि यह यहाँ कैसे?
इरशाद- यह ले, तेरे कपड़े हैं और दोबारा मेरे कमरे में नहीं आना चाहिए।
सकीना सहम गई अपनी चड्डी लेकर वह कमरे से चली गई।
जुनेद ने मूवी को दोबारा शुरु की और इरशाद के डाऊन हो गए लंड को सहलाने लगा।
इरशाद- उसको छोड़ साले, यह बता तू सकीना के साथ क्या कर रहा था?
जुनेद- अरे || कुछ तो नहीं यार..||
इरशाद- झूट मत बोल, मुझे चुतिया समझ रहा है? मैंने देखा कि उसकी फ्राक पीछे से पूरी खुली थी, उसकी चड्डी यहाँ क्या कर रही थी.?? और दरवाज़ा खोलने में इतनी देर क्यों हुई…?? सच बता कि तूने सकीना के साथ क्या किया था?
जुनेद- बताता हूँ लेकिन तुझको दोस्ती की कसम | तू गुस्सा नहीं होगा।
इरशाद- पहले तू बता हरामी…?? वरना तुझे भी मारूँगा और सकीना को भी मारूँगा।
जुनेद- पहले तू कसम खा की तू गुस्सा नहीं होगा।
इरशाद- ठीक है | …बता…?
जुनेद- सकीना अब बड़ी हो गई है, उसके स्कूल में लड़के भी पढ़ते हैं और आज कल का मोर्डेन ज़माना है, हर लड़की का आजकल बॉयफ्रेंड है, कल सकीना का भी होगा।
इरशाद- मारूँगा पकड़ के उस माँ के लौड़े को |
जुनेद- तू पहले मेरी बात सुन | हर वक़्त तो तू सकीना के साथ रह नहीं सकता, और न ही उसको घर में बंद करके रख सकता है…
इरशाद- तू कहना क्या चाहता है?
जुनेद- अबे, तू मेरी बात सुन तो सही मेरे दोस्त | तू सकीना के हर समय साथ तो नहीं घूम सकता है, कल को उसका कोई यार भी होगा तो उसकी लेगा भी।
इरशाद- जुनेद, तू बकवास बंद कर |
यार, तू मेरी बात को ठन्डे दिमाग से समझ..पहले बता बॉयफ़्रेन्ड होगा तो लेगा या नहीं उसकी?
इरशाद- हाँ लेगा ही.||
समस्या यह नहीं है कि कोई बॉयफ़्रेन्ड उसकी लेगा, परेशानी यह है कि आजकल लड़के लड़कियों को ब्लैकमेल करने के लिए उनका वीडियो बना लेते हैं.. और फिर अपने दोस्तों को दिखाते हैं और उसको नेट पर डाल देते हैं। तू चाहेगा कि कोई सकीना के साथ ऐसे करे? या उसको ग्रुप सेक्स करने के लिए मजबूर करे…??
इरशाद- हरगिज़ नहीं…
जुनेद- लेकिन हर लड़की आजकल बॉयफ़्रेन्ड चाहती है…आखिर सकीना अब जवान हो रही है… मैं उसको अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हूँ इरशाद |
मैंने इरशाद का लंड सहलाते हुए कहा।
इरशाद- साले भईया बोलती है वह तुझे… मैं ऐसा कैसे मान लूँ?
जुनेद- इरशाद, बात को समझ कल को कोई उसको बेहरहमी चोदे, उसकी चुदाई की वीडियो, MMS बनाये, हम उसके नंगी फोटोग्राफ्स नेट पर देखें, तुझे अच्छा लगेगा? ..यार मैं उससे प्यार करता हूँ, मेरे साथ रहेगी तो सुरक्षित रहेगी… कोई और चोदे इससे तो बेहतर है। बाकी तू जो मांगेगा, वह मैं दूंगा |
कह कर जुनेद इरशाद के सामने कुत्ते की तरह खड़ा हो गया।
इरशाद- नहीं जुनेद, मैंने तेरी गांड तो बहुत ली है। मैं तुझे सकीना का चोदू तो बन जाने दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है।
जुनेद- क्या…?? बोल…?? दोस्त के लिए तो जान भी हाज़िर है यार…|
इरशाद- मैं तेरी बाजी हमीदा की लूँगा। जुनेद- यह क्या कह रहा है…?? हमीदा बाजी तेरे से बड़ी हैं, और मोटी भी है वह |
जुनेद ने यह नहीं सोचा था कि इरशाद इस कुत्तागिरी पर उतर आएगा।
इरशाद- देख जुनेद, मैं तेरे फायदे की बात कर रहा हूँ। सकीना छोटी भी है और उसका किसी से कोई चक्कर भी नहीं है, जबकि हमीदा… कोई लड़का छोड़ा है उसने गली का?..जिसके साथ सोई न हो। जिसका उसने लिया न हो? 4 दिन घर से गायब रही थी, मुझे मालूम है गोवा में आरिफ और अनुज के साथ थी, फोटो देखे हैं मैंने तेरी बहन के चड्डी में और नंगे भी, गोवा के बीच पर.. और तेरी अम्मी कहती रही कि खाला के घर गई है। सोच ले फ़ायदा तेरा ही है।
जुनेद- बस कर यार मुझे भी सब मालूम है…लेकिन यार हमीदा बाजी नहीं मानेगी…
तू उसकी फ़िक्र मत कर वह मुझ पर छोड़ दे | तेरी बाजी (बड़ी बहन) है इसीलिए अब तक कुछ नहीं किया था।
ठीक है तू हमीदा बाजी को पटा, मैं सकीना के साथ कुछ करता हूँ।
इरशाद- तेरी बाजी को मैं अभी लाया 10 मिनट में |
जुनेद- नहीं उसको पटाना इतना आसान भी नहीं है, नहीं ला सकता तू उसको 10-15 मिनट में।
इरशाद- शर्त लगाता है? अगर ले आया तो उसकी तेरे सामने लूँगा।
जुनेद- चल शर्त लगी।
ठीक है | और नहीं ला पाया तो मैं तेरी छोटी बहन सकीना की तेरे सामने पूरी नंगी करके लूँगा…??
ठीक है, अभी आया 10 मिनट में तेरी चुदक्कड़ बाजी हमीदा को लेकर |
कह कर इरशाद चला गया। इधर जुनेद ने सकीना को बुला कर उसको ब्लू फिल्म दिखाना शुरू कर दी, उसे मालूम था कि इरशाद शर्त हार जाएगा और वह उसकी छोटी बहन सकीना की लूँगा।
जुनेद ने सकीना को नंगा करके अपनी गोद में बिठा रखा था, उसका हाथ उसकी मासूम छोटी सी योनि को सहला रहा था और वह आः आआह्ह्ह कर रही थी।
जुनेद ने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी योनि में मुँह लगा दिया था- आह… उई… उम्म… जुनेद भाई जान… छोड़ दो।
फिर जब सकीना पूरी तरह जोश में आ गई तो जुनेद ने उसको कुतिया बनाया बेड पर और उसके पीछे से उसकी योनि पर लंड रख दिया।
अभी लंड का अग्र भाग (टोपी) अन्दर गई ही थी कि तभी दरवाजे की घण्टी बज गई।
जुनेद ने देखा कि अभी मात्र 15 मिनट हुए थे और शायद इरशाद आ गया था।
तय शर्त के मुताबिक जुनेद कमरे से बाहर निकल कर छुप गया, इरशाद हमीदा बाजी के साथ था। बाजी ने पीला कुरता और सफ़ेद सलवार पहन रखी थी।
उसने हमीदा को कमरे में किया और मेरे पास आया, बोला- देखा जुनेद, मानता है मुझे | अब शर्त के अनुसार तू खिड़की में से अपनी बाजी की चुदाई का कार्यक्रम देख।
जुनेद- छोड़ न यार, मैं तो मजाक कर रहा था | मैं नहीं देखूंगा.. तू जाने दे उसको।
इरशाद- देखना तो पड़ेगा | आखिर शर्त लगाई है तूने मुझसे | यह ले स्टूल और खड़ा हो जा खिड़की पर |
जुनेद ने खिड़की से झांक कर देखा हमीदा बाजी मज़े से ब्लू फिल्म देख रही थी।
इरशाद कमरे में चला गया, उसने हमीदा बाजी के पहले कंधों पर हाथ रखा और फिर कुछ कुछ सेकंड में उसका सफ़ेद दुपट्टा गले से अलग कर दिया। इरशाद ने बाजी को अपने सीने से लगा लिया।
जुनेद ने सोचा नहीं था कि एक दिन अपनी बड़ी बहन को इस तरह से अपने ही दोस्त से चुदते देखूंगा।
हमीदा की पीठ जुनेद तरफ थी, इरशाद ने जुनेद को आँख़ मारते हुए अंगूठे से उसकी तरफ इशारा किया, उसने बाजी के कुर्ते की चेन खोलना शुरू की और दूसरा हाथ उसका बाजी के चूतड़ों पर था।
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जुनेद को बड़ा अजीब सा लग रहा था, अपनी बहन को अपने सामने नंगा होते हुए देख रहा था।
हमीदा की पीठ पर उसका हाथ था और हमीदा बाजी उसके होंठो से होंठ लगाए हुए थीं।
तभी इरशाद थोड़ा सा अलग हुआ और उसने बाजी की सलवार का कमरबंद (नाड़ा) खोल दिया।
सफ़ेद पटियाला सलवार सरकती हुई फर्श पर जा गिरी, तभी जुनेद एक आईडिया सूझा, जुनेद ने सकीना को अपने पास बुला लिया और उसको गोदी में लेकर खिड़की से अन्दर का नज़ारा दिखाया।
वह खिलखिला कर हँस पड़ी, जुनेद ने उसको चुप रहने का इशारा किया।
हमीदा बाजी और इरशाद भाई जान भी यह सब खेलते हैं? सकीना ने मासूमियत से पूछा।
हाँ, वे दोनों दोस्त हैं। जुनेद ने खिड़की से झांककर देखा- हमीदा बाजी इरशाद का लंड चूस रही थी और इरशाद खड़ा था। और भी मजेदार कहानियां पढने के लिए यह क्लिक करे |
हमीदा बाजी को देख कर अब जुनेद के अन्दर सेक्स पैदा होने लगा था। वह उसे अब बड़ी बहन नहीं बल्कि एक जवान खूबसूरत लड़की लग रही थी।
इरशाद ने हमीदा को बेड पर पटक दिया था और उसकी काली चड्डी निकाल कर अलग कर दी और उसकी टांगे फैला कर उसकी योनि को चूस रहा था।
हमीदा बाजी सिसकारियाँ भर रही थी, मैंने झट से सकीना को पकड़ा और उसकी चड्डी निकाल दी और उसकी योनि पर मुँह लगा दिया, उसकी छोटी सी योनि पर हल्का सुनहरा रोंया था और वह पूरी तरह गुलाबी थी।
सकीना आह हाह अह करने लगी थी। फिर जुनेद का शानदार लण्ड सकीना के मुख के सामने था- आह | गोरा सा, तना हुआ सुपारा जोश से लाल सुर्ख हो रहा था। हाय क्या चीज़ बनाई है ऊपर वाले ने |
जुनेद ने अपना लंड सकीना को चूसने को लिए उसके मुँह में दे दिया, दूसरे ही पल उसका लाल सुपारा सकीना के नाजुक होंठों के बीच दब गया। सकीना मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी। जुनेद ने खिड़की से झांक कर देखा इरशाद ने हमीदा बाजी को कुतिया बनाया हुआ था और वह बाजी की पीछे से चुदाई कर रहा था, बाजी जोर जोर से सिसकारियाँ निकाल रही थी। बाजी की चोटी इधर-उधर डोल रही थी और चूड़ियाँ खन-खन कर रही थी। बाजी का जम्पर (कुर्ता) इरशाद ने एकदम ऊपर खिसकाया हुआ था। इरशाद जुनेद की बहन की ले रहा था ज़बरदस्त चुदाई कर रहा था, बड़ी बहन छोटे भाई के सामने चुद रही थी और जुनेद चुपचाप देख रहा था।
जुनेद ने झट से सकीना को भी कुतिया बना दिया और उसके पीछे से अपने लंड को करने लगा। लेकिन बाजी और सकीना में बहुत फर्क था, सकीना मात्र 18 साल की थी जबकि बाजी की उम्र २३ साल की थी। जुनेद की बहुत कोशिश करने के बाद भी लंड सकीना की योनि में नहीं गया और ज़बरदस्ती जुनेद करना नहीं चाहता था।
उधर इरशाद बाजी को अपनी गोद में लेकर अपने लंड को अन्दर-बाहर कर रहा था।
बाजी आह अआह कर रही थी, हमीदा बाजी पूरी तरह से सेक्स की आदी थी, कॉलेज का बहाना कर के वह अनुज और आरिफ के साथ 4 दिन तक गोवा में रही थी और जब वापस आने के लिए पैसे ख़त्म हो गए थे तो उन्होंने हमीदा बाजी को कई अंग्रेजों से चुदवा कर पैसे भी कमाए थे। सोच कर ही अजीब लगता है कि किस तरह से बाजी ने दो-दो अंग्रेजों का लिया होगा। देखने में तो एकदम भोली भाली और मासूम दिखती थी। अगर दो चोटी बांध दो तो किसी स्कूल की बच्ची लगती हैं। लेकिन सच यह था कि मेरी बाजी पूरी तरह से किसी रांड से कम न थी। इरशाद ने उसको कुतिया बनाया हुआ था और उसके पीछे से उसकी चूत को मार रहा था और ..बाजी आ आह्ह्ह …आह… ह… ह… कर रही थी।
हाय चूस… ओह… आह्ह… मेरी जान… ले… मेरा… लण्ड ले ले .. मस्त चूसती है रे तू |
इरशाद उसकी लण्ड चुसाई से मस्त हो रहा था। अपना मस्त लण्ड चुसा कर फिर उसने हमीदा बाजी को खड़ा कर के एक झटके में नंगी कर गोदी में उठा लिया। दस सेकण्ड बाद ही बाजी बिस्तर पर थी। उसने बाजी की टांगें चौड़ी कर दी और चूत को मस्ती से चाटने लगा। अब बाजी अन्ट-सन्ट बकने लगी थी- ओह माई डियर… लूट ले मुझे… आह चूस ले साले… डाल दे अपना लौड़ा मेरी चूत में |
अब वो बाजी के ऊपर छा गया। उसने अपना सात इन्ची लण्ड मेरी बाजी की चूत से टकरा दिया। चूत को पूरी गीली हो कर लसलसी सी चिकनी हो गई थी। जुनेद का शरीर सनसना उठा, फ़चाक से पूरा ही लण्ड मेरी बाजी की चूत में उतर गया। आह … स्स्स्सीऽऽऽ कैसे भाई हो… तुम मेरे इरशाद? बाजी मस्ती में चहकी। चुप साली, मैं तेरा भाई नहीं हूँ। इरशाद ने कहा। सगा ना सही, पर दूर के तो हो ना, कहीं का नहीं छोड़ा मुझे, आह्ह, चोद के ही छोड़ा ना मुझे | हमीदा ने उसे उकसाया।
इधर सकीना जुनेद लंड चूस रही थी और वो खिड़की से अन्दर का नज़ारा देख रहा था। फिर इरशाद ने बाजी के होंठों पर अपने होंठ दबा दिये और उसे कचकचा कर चूसा और काट लिया। चूत में मोटा लौड़ा लेकर अपने होंठ चुसवाने का मजा कुछ ओर ही होता है, यह तो वो ही जानती है जो इस तरह से कभी चुदी हो। आह्ह हमीदा की चूत भी तभी फ़चफ़चा कर झड़ गई। शायद इसी मजे के लिये पैसे वालों की लड़कियाँ भी रांड बन जाती हैं। थोड़ी देर के बाद उसने अपना लण्ड निकाल लिया, जुनेद ने उसे प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा। उसने अपना लम्बा लण्ड बाजी की दोनों चूचियों के बीच में रख दिया…| बाजी भी अब बेड पर गिर पड़ी थी, दोनों पूरी तरह से एकदम प्राकृतिक अवस्था मैं नंगे थे। जुनेद ने सकीना को अपने लण्ड से अलग किया और दबे पाँव उनके कमरे में गया। बाजी जुनेद को देख कर एकदम घबरा गई, उसने अपना दुपट्टा खींचते हुए पूछा- जुनेद तुम यहाँ…?? मैंने आप को सबकुछ करते हुए देखा है बाजी | मैं तो आप को बहुत सीधी सादी समझता था। लेकिन आप तो एक नंबर की रांड निकली। अब छुपाने से क्या फ़ायदा | आपकी यह मस्त लीला मैंने और सकीना दोनों ने देखी है | जुनेद बोला। इरशाद- सकीना…?? वह कहाँ थी..?? इरशाद सकीना का नाम आते ही उछल पड़ा- वह यहाँ थी | कहते हुए जुनेद ने सकीना को अपने पीछे से आने को कहा। सकीना उन दोनों के सामने थी, उसने छोटा सा फ्राक पहन रखा था जिसमें उसके चूतड़ और छोटी सी नर्म गुलाबी चूत साफ़ दिख रही थी।
सकीना- भाई जान, मैंने सब देखा है, अम्मी को बोलूंगी, आपकी और हमीदा बाजी की शिकायत करूंगी।
इरशाद- नहीं मेरी प्यारी गुड़िया रानी, अम्मी को मत बोलना | मैं तुझे आइसक्रीम लाकर दूंगा।
हमीदा- हाँ सकीना, मैं तुझे चॉकलेट लाकर दूंगी..
जुनेद पूरी तरह से सकीना को सिखा-पढ़ा कर लाया था कि क्या बोलना है। सकीना- मुझे नहीं चाहिए आइसक्रीम | मुझे आप लोगों के साथ खेलना है | सकीना ने उंगली दिखाते हुए कहा।
एकदम सही कह रही है सकीना | अब हम लोग भी साथ में खेलेंगे। कहते हुए जुनेद ने सकीना को अपनी गोद में उठा कर चूमते हुए उसको बिस्तर पर लिटा दिया। लेकिन सकीना मेरी छोटी बहन है यार… मैं उसके साथ कैसे सेक्स कर सकता हूँ? इरशाद ने किलसते हुए कहा। अच्छा तुम्हारी बहन – बहन है और मेरी बहन क्या रंडी है? तो क्या हुआ हमीदा बाजी भी तो मेरी बड़ी बहन है जिसको तुमने रंडी की तरह चोदा है? जुनेद बोला। इरशाद- यार तू समझा कर जुनेद | चल ठीक है, तू अपनी बाजी हमीदा की मार ले लेकिन मैं सकीना के साथ नहीं करूंगा, कुछ भी | हमीदा- पागल हो गए हो क्या इरशाद |?| जुनेद मेरा सगा भाई है, मैं उसके साथ नहीं कर सकती | हमीदा बाजी ने नाराज़ होते हुए कहा।
उनकी नज़र जुनेद की निक्कर पर थी जिसमें से उसका गीला लण्ड साफ़ चमक रहा था। जुनेद, प्लीज अम्मी को कहना नहीं। बाजी ने जुनेद के चेहरे पर हाथ रख कर कहा। मैं भी कुछ नहीं बताऊँगी। सकीना भी रण्बीर से चिपक कर बैठ गई।
सकीना, तू तो मेरी बहन है ना, मुझे माफ़ कर दे, जाने ये सब कैसे हो गया। इरशाद हकला कर बोला। नहीं बताएँगे कुछ भी अम्मी को | हम लोग सब साथ में खेलेंगे | जुनेद बाजी के घुटनों से चादर खींचते हुए कहा।
जुनेद | लेकिन यह गलत है। कहते हुए बाजी ने अपनी टाँगें ढीली कर दी। तभी जुनेद के दोनों हाथ हमीदा बाजी के सनसनाते हुए उरोजों के उभारों पर आ गये और फिर उन्हें दबा दिया। हमीदा सिसक उठी, उसकी काम ज्वाला भड़क सी उठी। जुनेद का लण्ड कठोर होकर जैसे हमीदा बाजी की कमर में ही घुसने लगा था। भाई जान, कुछ करने को मन कर रहा है। उसकी कमर कुछ कुछ कुत्ते की तरह चलने लगी थी। सकीना ने इरशाद की गोद में बैठते हुए कहा।
भाई, नहीं कर, मैं तो तुम्हारी बहन हूँ ना, ऐसे मत सीना दबाओ। इधर हमीदा जुनेद की हरकतों से पूरी तरह से जोश में आ गई थी। सकीना भी इरशाद की गोद में जोश में लहराने लग गई थी। उसका मन अब चुदने को होने लगा था। छोटे से मासूम तन में बिजली की चटखन होने लगी थी। बहुत अच्छा लग रहा है बहना | इरशाद वासना में डूब कर डूबते उतराते हुये जैसे कसमसा रहा था।
मुझे भी बहुत मजा आ रहा है, पर तुम मेरे भाई हो ना आह रे, अब बस करो, ओह नहीं थोड़ा सा और करो |
आह्ह्ह, मेरी प्यारी बाजी, घर की बात है बस चुपके चुपके लण्ड ले लेना, बस एक बार अपनी चूत में मेरा लण्ड ले लो। मोहल्ले के हर लड़के का तो ले चुकी हो आप बाजी। अब अपने छोटे भाई जान का भी ले लो एक बार। जुनेद के हाथ हमीदा जिस्म पर कसने लगे। उसने हमीदा को कमर पकड़ कर उठा लिया और बिस्तर पर लेटा दिया। हमीदा कामुक हो कर अपने भाई से चिपकती जा रही थी। अब वो जुनेद ऊपर चढ़ गई थी और बेतहाशा चूमने लगी थी, उसकी चूत गीली हो गई थी। अभी अभी जैसा उसने फ़िल्म में देखा था, सकीना ने कहा- भाई जान, अपना लण्ड तो चूसने दो, मजा आयेगा।
उसने जल्दी से खुद की फ्राक उतार दी। अब तक इरशाद भी जोश में आ चुका था। वह अपनी छोटी बहन सकीना की लेने के लिए तैयार था।
तब जुनेद ने भी अपने कपड़े उतार दिये।
आह |
सकीना की छोटी सी गुलाबी फ़ुद्दी कैसी पानी पानी हो रही थी। इरशाद का गोरा लण्ड कैसा मस्त हो कर लहरा रहा था। उसने उल्टा सुल्टा पोज बना कर लण्ड को सकीना के मुख की ओर कर दिया और खुद का मुख सकीना की फ़ुद्दी की तरफ़ कर दिया। इरशाद ने अपने चूतड़ सकीना के मुख पर दबा दिये। लण्ड चुटकी के मुख में आ चुका था।
हमीदा- जुनेद भाई, तू चाट ना मेरी फ़ुद्दी |
तभी हमीदा की चूत को एक ठण्डा सा मीठा सा अहसास हुआ। भाई की जीभ हमीदा की चूत में घुसने की कोशिश कर रही थी। जुनेद ने अपनी बाजी की चूत चाटनी आरम्भ कर दी थी, हमीदा उसका लण्ड फ़िल्म की भांति मस्ती से मुख में लेकर गपागप चाट रही थी।
जुनेद बेकाबू सा होने लगा था, हमीदा को लगा कि उसके भाई का लण्ड अपनी बाजी को चोदने के लिये तड़प रहा था।
तभी इरशाद ने पलट कर सकीना को दबा लिया- बस बहना बस | अब नहीं रहा जाता है।
उसका स्वर काम आवेग से थरथरा रहा था।
भाई जान, मुझसे भी नहीं रहा जा रहा है | सकीना भी चुदाने को आतुर आवेश से कांप रही थी।
इरशाद ने सकीना को लिपटा लिया और उसके होंठ चूसने लगा। तभी उसका सख्त लण्ड की ठसक सकीना की चूत में महसूस होने लगी। उधर जुनेद का लण्ड हमीदा बाजी की चूत में घुसता जा रहा था।
सकीना बेसुध होने लगी थी, काम में अंधी होकर भाई से ही चुदवाना चाह रही थी। शरीर आग का गोला बन गया था। जैसे ही इरशाद ने एक झटका मारा, सकीना की चीख पूरे कमरे में गूंज उठी, दर्द के मारे वो अपनी सुध-बुध खो चुकी थी।
जुनेद अपनी बाजी की चूचियों को नोच खसोट कर उसे जन्नत की सैर करा रहा था, बाजी चूत उछाल उछाल कर भरपूर जवाब दे रही थी, कस कर चुदाई हो रही थी, कमरे में भीगी चूत की फ़च फ़च आवाजें गूंजने लगी।
जब हमीदा झड़ गई तो भी जुनेद शॉट पर शॉट मार रहा था। हमीदा लस्त सी नीचे चूत की पिटाई सह रही थी।
हमीदा ने जुनेद को धीरे धीरे करने को कहा। उधर सकीना की चूत गीली थी और इरशाद का लंड हर धक्के के साथ अंदर समाता जा रहा था, थोड़ी ही देर में पूरा लंड अंदर समा गया। फिर वो थोड़ी देर उनसे लिपट कर यों ही पड़ा रहा और उनकी चूचियों से खेलता रहा।
अब तक दर्द के साथ कुछ मजा आने लगा था, उसकी सिसकारियाँ शुरु हो गई थी- आआ ह्ह ओह्ह ओफ्फ्फ्फ उम्म्म अह्ह्ह्ह अह |
सकीना ने अपने भाई को कस कर पकड़ रखा था, फिर इरशाद ने धीरे धीरे चोदना शुरु किया, दोनों टाँगों को पकड़ा और अपनी स्पीड तेज़ की।
हमीदा ने जुनेद को कहा- अब बस कर | अब नहीं सहा जा रहा।
इस पर जुनेद ने इरशाद को कहा- तू बाजी के साथ आ जा, सकीना को मैं चोदूंगा।
सकीना सातवें आसमान में थी और पूरे जोश में भी | और लगातार उसकी सिसकारियाँ बढ़ रही थी।
जुनेद इरशाद को हटा कर सकीना पर छा गया।
धीरे धीरे जुनेद की गति तेज़ होती जा रही थी और सकीना की सिसकारियाँ भी |
अब बाजी ने इरशाद के लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और कुछ ही समय में इरशाद हमीदा के मुख में झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया।
उस दिन जुनेद ने अपनी बाजी हमीदा और सकीना दोनों को चोदा और इरशाद कभी हमीदा बाजी को चोदता तो कभी सकीना को।
end

मंगलवार, 10 मई 2016

मौसी की लड़की और जीजाजी की ठुकाई

हेलो दोस्तों मेरा नाम राधव है मैं बनारस का रहने वाला हूँ और फिलहाल मुंबई मैं रहता हूँ | मुझे लड़कियो की चूत और गांड बहुत पसंद है| मैं 28 साल का युवक हूँ वैसे मैं बहुत शर्मिला किस्म का हूँ लकिन बीस्तर पर मैं हवान् से कम नही| आज की डेट तक मैं कई लड़कियो और भाभियो की चूत और गांड मारी हैं | लेकिन इसके पीछे भी कुछ वज़ह है मैं शुरू मैं बहुत शर्मीला और अपने मैं रहता था | मैं वो चुदाई की कहानी सुनाता हूँ जिसके वजह से मैं ठरकी हो गया और सिर्फ चूत गांड चाटने को मन करता है | बात उस समय के है जब मैं १२ क्लास मैं था मेरा लंड कही भी खड़ा हो जाता था इसलिए मैं हर दूसरे तीसरे दिन मुठ मरता रहता था लेकिन मुझे एक चीज़ बहुत परेशान करते थे वो थी आखिर लड़कियों के टांग के बीच में क्या होता है और कैसा दीखता है उनकी चूची कैसे होते है उसमें हड्डिया होती है की नहीं| इसी चक्कर में मैं अपने दीदी जब नहाने जाते थी तो मैं झुक के फाटक के नीचे से देखने के कोशिश करता रहा था लकिन कुछ दीखता नही था क्योकि मरे दीदी की चूत के बाल बहुत घने थे | जब वो कही चली जाती थीं तो उसकी पैंटी ब्रा सुंगता था और तकिया को पैंटी पहना के चुदाई करता था| मरे मन में अपने दीदी को लेकर कभी गलत इरादे नही थे लेकिन मैं हिलाने के लिए कुछ भी कर सकता था | शायद मैंने इस लिए आपको अपने दीदी के बारे में नही बताया | मुझे आज भी सेक्स पसंद हैं लेकिन रिस्तो से दूर और आपसी सहमति से ही | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | दिन बीतते गए और मैं ग्रेजुएशन मैं अड्मिशन हुआ फिर मैंने ब्लू फ्लिम देखे | मुखे सेक्स का भुखार चढ़ने लगा हमेशा मैं अब दीदी को ड्रेस बदलते देखना चाहता था वो मूतती कैसे है देखना चाहता था |मुझपे सुरूर ऐसा चढ़ा था की मैं जब दीदी ड्रेस चेंज करने जाती थीं तो चारपाई के नीचे पहले से छुप जाता था और चूत के दर्शन करना चाहता था और वही हिला लेता था| इसी बीच मेरे किरायदार चेंज हो गए और कुछ महीनो बाद नए किरायदार आये | उनकी अभी दो साल पहले शादी हुए थी कोई बच्चा नहीं था | आंटी बहुत सेक्सी थी मेरे आकर्षण उनकी तरफ होने लगा धीरे धीरे मैं उनकी चूत दर्शन कैसे होगा सोंचने लगा | मैं छत पर से उनकी पैंटी चुरा लेता था और सुंगता था कभी कभी पहन के हिलता भी लेता था | मैं उनकी करीब ६ से ज्यादा पैंटी चुराई थी | एक दिन जब मेरे घर मैं कोई नहीं था मम्मी दीदी ,बुआ के घर शादी पे गयी थी और मेरा एग्जाम नज़दीक होने के करण मुझे घर पर रुकना पड़ा और मम्मी ने आंटी से बोल दिया देखने के लिए |

मुझे तो आंटी की चूत देखनी थी सो मैं खुश था | अगले दिन सुबह जब आंटी दूध लेन गयी थी तब मैं ऊपर जा के उनकी बाथरूम जो सीढियों से थी चाकू से छेद बना दिया और इंतज़ार करने लगा |आंटी आई और मुझे खाना दिया और खुद नहाने चली गयी | मैं भी थोड़े देर बाद पीछे पीछे चल दिया और दरवाजे से झाकने लगा वह नज़ारा आज भी नही भूल सकता हूँ एकदम छोटे छोटे बाल और उसके बीच में चूत |आंटी तभी दरवाज़े के तरफ हुईं और खड़े खड़े मुत्तना शुरू कर दी |

मैं एकदम गरम हो गया ऐसा लग रहा था भुखार हो गया है नीचे आकर दीदी की पैंटी निकली और तीन बार मुठ मारा |शाम को उसके हस्बैंड आये मुझे थोड़ी खलबली मचने लगी | क्योकि अंकल कुछ दिन बाद आये थे तोह चुदाई तो होगी ही| आंटी कैसे चुदेंगी क्या वो लंड चूसेंगी | ये प्रश्न मुझे परेशान कर रहा था शाम भर यही सोंचता रहा क्या करू क्या करू कैसे चुदाई देखू | रात हुआ आंटी नोर्मल्ली लाइट ऑफ कर के सोती है लेकिन उस दिन लाइट जल रहा था मैंने झाकने की कोशिश की सुनने की कोशिश की लकिन सब नाकाम रहा | अंत में मैं अपने आप को ये समझाया की कल तो चूत देखेगा न और कल कुछ आईडिया कर लेना चुदाई देखने के लिए| सुबहः हुआ और उसका पति काम पे चला गया | आंटी मुझसे बात की और खाना खिलाई | मैं इंतज़ार करने लगा की कब चूत रानी को देखने को मिलेगा | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | जैसे ही वो नहाने गयी मैं जल्दी से दरवाज़े से झाकने लगा| लकिन मेरी किस्मत ख़राब निकली आंटी ने झट से दरवाज़ा खोल दिया | और मैं वहां खड़ा मिला | मैं भागने लगा लेकिन आंटी ने मेरे बल पकड़ के चार थपड मारा , मैं बहुत दर गया था सर से ले के पाव तक काँप रहा था | आंटी मुझे रूम मैं ले गयी और नीचे बैठा के पूछे बोली ये सब कबसे चल रहा है तेरी माँ से बोलू आवारा साले| वो मेरा बाल पड़ते हुए निचे मेरे रूम मैं ले गयी और कुछ ढूंढने लगी अलमारी में| मैं सर झुका के बैठा था तभी वो मेरे तरफ आई और बोले ये क्या है उनकी हाथ में उनकी पैंटी थी जो मैंने चोरे की थी| मादरचोद बहनचोद मेरे पैंटी चुराता है रुक तेरी गांड मरते हैं हम | मुझे तो सु सु आ ने लगी डर के मारे |मैं उनके पैर पड गया और भीख मांगने लगा लेकिन वो लात से मारना शुरू कर दी | उसने बोला बता सब कुछ सही सही नहीं तो पुलिस में कम्प्लेन करूंगी | मैंने सब कुछ बता दिया | मैंने ये भी बता दिया की सिर्फ में देखने की कोशिश करता था और कुछ नहीं | देखना हैं न तुझे अब चल , वो मुझे बाथरूम ले गयी और बैठा दी और अपने सलवार उतार दी मैंने कहा ये क्या आप मत करिये प्लीज ये गलत है | लेकिन वो एक नही मानी , उसने धमकाते हुए कहा या तो पुलिस या तो ये , में भी मान गया मुझे भी तो चूत मरने का पहला मौका मिला था सो ठीक है मैंने कह दिया | लेकिन वो मादरचोद रंडी साली कुछ और चाहते थी उसने अपना चूत मेरे मुह पर ला दिया मुझे लगा चाटना है लेकिन देखते ही देखते वो मूतना स्टार्ट कर दी | उसने बाल से ले कर मुह और पुरे शरीर पे मूत दिया | मुझे गुस्सा होने के बजाय अजीब सा लग रहा था | मूत खत्म होते हो वो बोली चाट मरे चूत को | मैंने चाटना शुरू कर दिया | थोड़े देर बाद वो बोले नहा के नंगे रूम पे आ | में खुश ,मुझे लगा अब साली को मरे लंड की याद आई | मैँ नंगे ही उसके रूम में गया मेरा लंड तन के सात इंच हो गया इतना तन गया की दर्द होने लगा | मैँ उसके बगल में जाके बैठ गया | इतने में वो और तमतमा गयी और बोली साले मादरचोद निचे बैठ | मैं चुप चाप बैठ गया | वो सिक की झाड़ू से एक सीक निकली और बोली खड़े हो कमीने | मैं जैसे ही खड़ा हुआ वो मुझे सिक से गांड पर मारना शुरू कर दी | मैं दर्द से कराहने लगा और मेरा लंड छोटा हो गया | उसने बोला क्यों रे लंड अब खड़ा नहीं करेगा , ले मेरी चूत देख साले मादरचोद पैंटी चुराता है झक के देखता है रंडा दोगला | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | आज तेरा गांड मारूंगी | मैं दर्द से चुप खड़ा था | फिर वो चिर पे बैठ गयी और बोले चूत चाट लकिन खड़ा हुआ तो फिर मारूंगी और चूतडो को लाल कर दूंगी | मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू बस जो कह रही थी वो कर रहा था | मैं चूत चाटना शुरू कर दिया थोड़ी देर में मेरा फिर खड़ा होने लगा | वो बोली साले मानेगा नहीं रुक और मुझे पीटना शुरू कर दिया मैं एकदम परेशान हो गया | थोड़े देर बाद वो बोली अपना मुंह खोल मुझे टॉयलेट करना है | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | उसने मरे मुंह मैं टॉयलेट कर दिया | मैं थूक के जब आया तो वो बोले चल आब गांड चाट , मैं आना काने करने लगा तो वो बोली चल तू अपने हाथ से मेरा गांड साबुन से धो ले लेकिन चाटेगा तो तू ही | मैंने उसके गांड साबुन से साफ़ किया और फिर चाटना शुरू किया करीब आधे घंटे तब मैंने उसकी गांड को जीभ से चाटे शायद मुझे आचा लगने लगा था | इसके बाद उसने मुझसे कहा आज के लिए इतना ठीक है | जब मैं बुलाऊ आ जाना | मैं ठीक है कह के चला गया | नीचे जा के कुछ देर बाद मैं हिलाया और सो गया |इस तरह अगले १० दिन तक तो उसने मुझपर खूब पेशाब किये और पिलाया , चूत गांड चटवाई| फिर जब मम्मी और दीदी आ गयी तो वो मुझे कम आर्डर दे पाती थी पर जब भी मौका मिलता जरूर करवाती थे | कभी कभी वो सोई रहती थे में उसके आर्डर पे साड़ी उठा के गांड मालिश और चाटना शुरू कर देता था | लकिन मुझे चुदाई नहीं करने दी | इसी बीच मैंने अपने दीदी की गांड देखनी शुरू हो गया |मैंने रात में एक बार उसकी चूत में ऊँगली डालते देखा था वो खूब मज़े ले रही थी मैं खिड़की के ऊपर चढ़ के लंड हिला रहा था | मैंने मौसी के लड़की और जीजाजी के ठुकाई भी देखी और खूब हिलाया | इस तर एक साल हो गया | मेरा ग्रेजुएशन खत्म हो गया | इन सबके करण मेरा लड़कियों और औरतो को देखने का नजरिया बदल गया | तो दोस्तों ये मेरी कहानी कैसी लगी जरुर बताना |

रांड भाभी की लबलबाती चूत

हाय मेरा नाम रंजित है मैं आपके लिए एक बार फिर लंड में से पानी निकल देने वाली स्टोरी लेकर आया हूँ मैंने जब चाची को चोदा तो मेरे लंड को चुदाई का पानी लग गया।
हम गाँव में रहते थे जब मैंने १० की परीक्षा पास की तो मेरे माता पिता ने मुझे शहर में रहने वाले मेरे बड़े भैया के पास पढने भेज दिया मेरे भैया की अभी ६ महीने पहले शादी हुयी थी मेरे भैया एक मलटी नेशनल कंपनी में काम करते थे जिस कारण वह रात को भी कभी कभी घर नहीं आते थे।

एक दिन मैं मेरे दोस्त के साथ रांड चोदने गया मैंने एक लड़की पसंद की और उसका दाम दौ सौ रूपये दौ घंटे का तय हुआ मैं उसे कमरे में लेकर गया और उसे नंगा कर दिया उसके बूब्स दबाने लगा बूब्स दबाते दबाते हुए मैंने उसका नाम पुछा तो उसने रानो बताया मैं चौंक गया क्यूंकि मेरी भाभी जो कि बहुत सुंदर थी उनक नाम भी रानो था। उसके बूब्स दबाते समय सब चिल्लाने लगे भागो भागो मैंने खिड़की में से झांक कर देखा तो वहां पुलिस की रेड पड़ी है। मैं जैसे तैसे वहां से जान छुड़ाकर भागा घर पंहुचा तो रात के ११ बज चुके थे। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | 
मैंने हिम्मत करके भाभी कि साडी ऊपर उठाने की कोशिश की और कुछ देर बाद मैंने वह ऊपर उठाई तो मैं यह देखा कर दंग रह गया कि भाभी ने नीचे पेंटी भी नहीं डाल रखी थी। मैं उनकी उस चिकनी चूत को देखने लगा और उन्होंने आज ही उस की तेल से मालिश की थी इसलिए वह बिलकुल चिकनी थी मैंने लाईट बंद की और कमरे में से पेंसिल टॉर्च लाकर उनकी चूत को देखने लगा।

काफी देर देखने के बाद मेरा उसे किस करने का मन किया तो मैंने उस पर एक किस कर दी उनकी चूत की भीनी भीनी खुशबू ने मुझे उनकी चूत चाटने पर मजबूर कर दिया चूत चाटते समय मेरा लंड कड़क होकर लोहे की तरह तन गया तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पेंट की जिप खोल के उसे बाहर निकाला और उसे एक हाथ से सहलाने लगा तभी भाभी ने नींद में मेरा लंड पकड़ लिया और कहने लगी की जानेमन आज सेक्स करने का इरादा नहीं है क्या मैंने सोचा मुझे  भैया समझ रही और इस बात का फायदा उठाते हुए मैं मुह से कुछ ना बोला क्यूँ की मेरी पोल खुल सकती थी मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया और उनके बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरे लंड को सहला रही थी इसी बीच भाभी बोली देवर जी अब रहा नहीं जाता ये तुम्हारा ८” लम्बा मेरी चूत में डाल कर इस की प्यास बुझा दो मैं भाभी के मुह से यह सुनकर चौंक गया गया और बोला भाभी आप ने कैसे और कब जाना की ये भैया नहीं मैं हूँ भाभी बोली की जब तुम मेरे कमरे में आए थे | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | मैं तब ही जान गयी थी की तुम हो दरअसल मैंने ही दरवाजा खुला छोड़ रखा था की तुम आओ और मैंने ही जान बुझ कर अपनी साडी घुटनों से ऊपर कर रखी थी की तुम मेरी इन मस्त और चिकनी टांगो को देखा कर मुझे चोदने का मन बना लो मैं बोला की भाभी अपने तो मुझसे तो चुदवाने की फुल प्लानिंग कर रखी थी । वोह बोली की देवर जी अब फालतू की बाते करके अपना और मेरा समय खराब मत करो और मेरे इस मस्त हुस्न का फायदा उठाओ मैंने वैसा ही किया इतना कहने पर मैं भाभी के मस्त बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरा ८’ लम्बा लंड सहलाने लगी फिर मैंने भाभी की चूत पर हाथ रखा दिया तो भाभी बोली इस में बहुत गर्मी है इसकी आग आज बुझा दो। मैं पहले तो भाभी की चूत में ऊँगली करता रहा तो भाभी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईइआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी फिर मैंने भाभी की चूत पर मुह लगाकर उसे चाटा और जब भाभी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी तो वह बोली की जानेमन अब मत तड़पाओ मुझे तुम्हारा यह ८’ लम्बा लंड मेरी चूत में डालो मैंने भाभी की चूत पर लंड रखकर जोर से झटका मारा तो भाभी चीख पड़ी मर गैईई मैंने भाभी की एक न सुनी और १५ मिनट तक भाभी की चुदाई करता रहा छोड़ते समय मैंने भाभी से पूछ लिया की इतने सुंदर पति के होते हुआ भी आप मुझसे क्यूँ चुदवा रही हैं भाभी बोली की पति तो सुंदर है पर पति का लंड कोई काम का नहीं वह तो दो चार झटके में ही स्खलित हो जाता है। शादी के बाद से आज अपने जिन्दगी की सबसे अच्छी चुदाई तुमसे करवाई है और मुझे आज ही सही मायनों में आज ही चुदाई का असली अर्थ आज ही मालूम पड़ा अब जब भी भैया काम से बाहर जाते है तो मैं भाभी को वह सुख देता हूँ जो उन्हें भैया नहीं दे पाते और अब भाभी भी मुझे बहुत प्यार करती है

शुक्रवार, 6 मई 2016

आंटी की गरम चूत की गर्मी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिंकू है और मेरी उम्र 25 साल है। में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और में रहने वाला सूरत गुजरात का हूँ। दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मेरी एक सच्ची घटना है और यह मेरे साथ करीब आठ महीने पहले घटित हुई, जिसको में आज तक नहीं भुला सका हूँ। दोस्तों मैंने आज तक अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर बहुत सारी सच्ची सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा भी आया, लेकिन में आज जो कहानी आप सभी को सुना रहा हूँ यह मेरी पहली कहानी है और मैंने इसे बहुत मेहनत से आप तक पहुंचाया है।

दोस्तों में एक बहुत अच्छे अमीर परिवार से हूँ, मेरे परिवार में और मेरे माता पिता रहते है। दोस्तों उस समय मेरे घर के सामने वाले एक घर में एक नया परिवार रहने आया और वो लोग घर में तीन सदस्य है पति, पत्नी और उनका एक लड़का जिसका नाम रोहित है, जो मुझसे सिर्फ़ चार साल छोटा है तो उस लड़के से मेरी धीरे धीरे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और में अधिकतर समय उसके घर पर आया जाया करता और उसका भी मेरे घर पर आना जाना लगा रहता और हम एक दूसरे के साथ अपना बहुत समय बिताने लगे। दोस्तों उसके पापा एक प्राइवेट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर है और उसकी मम्मी एक ग्रहणी है। दोस्तों रोहित की मम्मी शोभा आंटी थोड़ी सी मोटी जरुर है, लेकिन वो दिखने में अभी तक बहुत अच्छी लगती है, लेकिन मैंने कभी भी उन्हें किसी ग़लत निगाह से नहीं देखा था और में उनसे हमेशा आंटी कहकर बात किया करता था।

दोस्तों कुछ दिन बाद रोहित होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने बाहर चला गया तो उसके चले जाने के बाद मेरा उनके घर पर जाना भी बहुत कम हो गया। एक दिन शोभा आंटी मुझे मिली और वो मुझसे कहने लगी कि रोहित क्या चला गया तुमने तो घर पर आना जाना बिल्कुल ही छोड़ दिया? तो मैंने कहा कि आंटी में कुछ दिनों से थोड़ा किसी जरूरी काम में व्यस्त था, लेकिन में आज शाम को आपके घर पर जरुर आऊंगा और फिर उसी शाम को में शोभा आंटी के घर पर चला गया। मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो उस समय एक साड़ी में थी और मुझे देखते ही वो बहुत खुश होकर मुझसे बोली आ जाओ में भी घर पर अकेली बैठी बैठी बोर हो रही थी। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों अंकल कहाँ है? वो मुझसे कहने लगी कि तेरे अंकल ज़्यादातर समय बाहर टूर पर रहते है और फिर वो मुझसे इतना कहकर किचन में चली गई। फिर कुछ देर बाद मेरे लिए वो चाय बनाकर ले आई और थोड़ी देर बाद बातों ही बातों में आंटी ने मुझसे अचानक से पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? दोस्तों में उनके मुहं से यह शब्द सुनकर थोड़ा चकित जरुर हुआ, लेकिन फिर भी मैंने उनसे कहा कि शोभा आंटी अभी कुछ दिन पहले मेरा ब्रेकअप हुआ है तो आंटी मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली कि तुम आजकल के जवान लड़के लड़कियों को परेशान बहुत करते होंगे, तभी तो वो भाग गई होगी? फिर मैंने पूछा कि परेशान वो कैसे? तो तुरंत आंटी बोली कि आजकल तुम लोग गंदी गंदी फिल्म्स देखकर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वैसा ही सब कुछ उसके साथ करने या वैसा ही उससे करवाने की उससे उम्मीद करते हो और फिर आंटी इतना कहकर ज़ोर से हंसने लगी। दोस्तों उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर में बहुत चकित हो गया था और वो सब सुनकर मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया और आज पहली बार मेरे मन में आंटी के लिए कुछ ग़लत विचार आ रहे थे तो इतने में आंटी का कॉल आ गया और वो फोन पर अंकल से बातें करने में व्यस्त हो गई और में वापस अपने घर पर आ गया, लेकिन दोस्तों उस रात मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई और मैंने आंटी को सोच सोचकर मुठ मारी। दोस्तों उसके तीन, चार दिन बाद मेरे घर वाले एक शादी में बाहर चले गये तो में घर पर अकेला रह गया और अब में पूरा दिन घर पर सिर्फ़ सेक्सी फिल्म्स देखता रहा। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |  फिर उसी शाम को शोभा आंटी मुझे मिली तो मैंने उनको हैल्लो किया और बातों ही बातों में मैंने उन्हें बताया कि में घर पर बिल्कुल अकेला हूँ, तभी उन्होंने भी मुझसे कहा कि उनके पति भी बाहर गये है और फिर कुछ देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम दोनों अपने अपने घर पर चले गए और में बस उनके बड़े सेक्सी जिस्म को चोदने के बारे में सोचने लगा। दोस्तों रात को ठीक 9 बजे मेरे घर की घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो शोभा आंटी बाहर खड़ी हुई थी और फिर आंटी ने मुझसे कहा कि उन्हें थोड़ा सा दही चाहिए। फिर मैंने उनसे कहा कि पहले आंटी आप थोड़ा अंदर आ जाईए और फिर वो अंदर आकर मेरे रूम में बैठ गई। फिर में उनके लिए दही लेकर आया और अब आंटी मुझसे बातें करने लगी, उस समय आंटी ने काले कलर का गाऊन पहन रखा था जिसकी वजह से उनके बड़े बड़े बूब्स और बड़ी सी गांड बहुत सेक्सी दिख रही थी, शायद आंटी ने मेरी इस बात पर गौर कर लिया था कि में बार बार उनके बूब्स की तरफ घूर घूरकर देख रहा था। दोस्तों उस वक़्त मैंने आधी पेंट पहनी हुई थी और अब मेरा लंड धीरे धीरे पूरा खड़ा हो गया था और भी आंटी बार बार जानबूझ कर मुझसे थोड़ा झुककर बात कर रही थी ताकि में उनके बूब्स देख सकूं। फिर आंटी बोली कि अभी तो तुम घर पर एकदम अकेले हो क्यों तुम कोई ग़लत काम तो नहीं कर रहे हो ना? फिर मैंने पूछा कि आंटी ग़लत काम का मतलब क्या? आंटी तुरंत बोली कि क्यों कोई गंदी फिल्म तो नहीं देख रहे हो ना? और फिर वो हंसने लगी। दोस्तों उनके मुहं से यह सब सुनकर मेरे पूरे शरीर में अब कुछ कुछ हो रहा था और इतने में आंटी ने मेरी उस पेंट की जिप की तरफ मुझसे देखकर कहा कि यह इतना मोटा बाहर क्या दिख रहा है? दोस्तों क्योंकि उस समय मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा था और जिसकी वजह से मेरी पेंट उठी हुई दिख रही थी। दोस्तों अब में भी पूरी तरह से मूड में आ चुका था। फिर मैंने उनसे तुरंत कहा कि आंटी आप ही देख लीजिए और में उनके पास जाकर खड़ा हो गया। आंटी मेरे बेड पर बैठी हुई थी और जैसे ही में उनके पास गया तो उन्होंने तुरंत मेरा लंड उस छोटी पेंट के बाहर से झपटकर पकड़ लिया और वो मुझसे बोली कि वाह वाह तुमने इसको बहुत सम्भालकर रखा हुआ है और अब वो मेरा पकड़कर धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगी। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी अब खोलकर भी देख ही लो। दोस्तों उन्होंने झट से मेरी पेंट की चेन खोली और तुरंत मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और वो मेरे लंड पर ऐसे झपटी जैसे उन्हें मेरे हाँ कहने का ही इंतजार था और उसके ऐसा करने से मुझे लगा कि मुझे आज पूरी जन्नत मिल गई है। दोस्तों आंटी अब अपने नाज़ुक मुलायम मुलायम हाथों से मेरा लंड पकड़कर सहला रही थी तो मैंने भी इस बात का फायदा उठाकर आंटी के बूब्स दबा दिए। दोस्तों उनके बूब्स आकार में बहुत बड़े और बहुत मुलायम महसूस हो रहे थे, लेकिन अब आंटी और में पूरे मूड में आ चुके थे। आंटी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे और में पूरा नंगा होकर खड़ा हुआ था और आंटी मेरा लंड अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी। दोस्तों ये कहानी आप अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोस्तों उस वक़्त मानो में जन्नत में सैर कर रहा था और जिस औरत को लंड चूसना बहुत अच्छी तरह से आता है और अगर उससे आप अपना लंड चुसवाओगे तो सही में आप दस मिनट तक भी अपना लंड नहीं रोक सकोगे। फिर मैंने आंटी का गाऊन उतार दिया तो मैंने देखा कि उन्होंने काली कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी और में अब ब्रा को भी उतारकर उनके वो बड़े बड़े मुलायम बूब्स चूसने लगा और वो बार बार कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से चूस मेरे बच्चे और ज़ोर से। मुझे भी ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने सही मौका देखकर अपना एक हाथ आंटी की पेंटी के अंदर डाल दिया। तभी मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि उनकी चूत एकदम साफ थी और उसे छूकर मानो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो अभी अभी अपनी चूत को साफ करके आई है। आंटी अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी और उनकी चूत भी गीली हो रही थी तो उन्होंने खुद ही अपनी पेंटी को उतार दिया और बोली कि प्लीज़ मेरी इसे चाटो।

फिर मैंने बिना वक़्त गंवाए उसको दीवार के सहारे खड़ा करकर उसके करके पैर को ऊपर करके मैंने उसकी चूत में अपना मुहं घुसा दिया और एकदम में बहुत जोश में आकर उसकी चूत को चाट रहा था और वो आहह सस्स्शह उउउम्म्म्मम बोल रही थी और में उतनी ही गहराई से अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर तक घुसा रहा था, क्योंकि मुझे चूत को चाटना, चूसना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि मुझे चूत से निकलता हुआ पानी बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों उनकी चूत भी उनकी तरह बिल्कुल गोरी थी, आंटी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और गरम गरम साँसे छोड़ रही थी। दोस्तों मैंने करीब उसकी उसी पोज़ में करीब दस मिनट तक चूत चाटी और फिर मैंने उसको बेड पर लेटाकर उसकी चूत पर अपना मुँह और भी ज़्यादा अंदर घुसाकर एक और हमला कर दिया और अब में उसकी चूत को ज़ोर से चाट रहा था और चूस रहा था और मज़े ले रहा था और उधर आंटी उूउउम्म्म्मम उूउउफफफफ्फ़ तकिये को पकड़कर दबा रही थी और मेरे बाल खींच रही थी और मेरा मुहं अपनी चूत पर दबा रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि हाँ खा जाओ उह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी इसको उह्ह्ह और थोड़ा और ज़ोर से स्स्सीईईईइ चूसो, वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है मुझे आज तक ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला। फिर मैंने अपने एक हाथ से उसके दाने को छुआ और अब में उसको धीरे धीरे घिसने, सहलाने लगा और वो मानो बिना पानी की मछली हो ऐसे उछलने लगी और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उसको पूरा पी लिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से पूरी तरह चाट चाटकर साफ कर दिया। अब में आंटी के ऊपर आ गया और में अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा तो आंटी ने मुझसे कहा कि प्लीज़ देखो हमे कोई देख लेगा तो क्या कहेगा, हम दोनों पूरे नंगे होकर एक दूसरे से लिपटे हुए है और वो यह बात कहकर मेरे कूल्हे दबाने लगी।

दोस्तों आंटी इतनी सेक्सी बातें कर रही थी कि मुझे भी उनकी बातों में बहुत मज़ा आ रहा था। आंटी मुझसे बोली कि प्लीज़ रिंकू अपनी आंटी के साथ थोड़ा धीरे धीरे करो वरना मुझे दर्द बहुत होगा, क्योंकि तुम्हारा लंड बहुत लम्बा, मोटा है, प्लीज़ तुम धीरे धीरे डालो, क्योंकि तुम्हारे अंकल का तो बहुत छोटा है और मुझे अब तक सिर्फ उसी को लेने की आदत है, लेकिन अब तो वो मुझे समय भी नहीं दे सकते और वो मेरे कूल्हे ज़ोर से दबाने लगी। फिर बोली कि प्लीज अब धीरे धीरे अंदर डाल दे रिंकू। फिर मैंने अपना लंड अंदर डाल दिया और आगे पीछे होने लगा और आंटी उस दर्द से आहें भर रही थी और मुझे तो अपनी जिन्दगी के सारे सुख मिल रहे थे और में मन ही मन सोच रहा था कि मुझे तो अब कहीं बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा और घर के पास ही मुझे यह सब मिल जाएगा। फिर मैंने यह बात सोचकर अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया, क्योंकि आंटी की आँहे अब बहुत बढ़ गयी थी।

फिर वो मुझसे अब बोल रही थी कि और ज़ोर से आईईईई हाँ उह्ह्हह् और ज़ोर से चोद मुझे मादरचोद उह्ह्ह्ह थोड़ा और अंदर डाल कुत्ते, आज फाड़ दे मेरी चूत को और इसका भोसड़ा बना दे और वो यह बात बोलते बोलते थोड़ी ही देर के बाद झड़ गई और मुझसे रुकने के लिए कहने लगी, लेकिन मैंने कहा कि नहीं आंटी, अभी मेरा काम भी होना बाकी है तो आंटी हंसकर बोली इतनी कम उम्र है और इतना टाईम लगता है? यह अब बहुत परेशान कर रहा था अपनी नंगी आंटी को और फिर वो लंड को बाहर निकालने की ज़िद करने लगी कि प्लीज अब मत करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मैंने उनसे कहा कि में अभी तक झड़ा नहीं हूँ तो इसका में क्या करूं? दोस्तों आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसकर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर जल्दी जल्दी अंदर बाहर लेकर चूसने लगी और फिर कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर वो मुझसे बोली कि इसका पानी तो आज में बहुत अच्छी तरह से निकालती हूँ, यह बहुत बड़ा और शरारती हो गया है और वो अब मेरा लंड बहुत ज़ोर से अपने मुँह में लेने लगी, उसकी स्पीड अचानक से बहुत बड़ चुकी थी और थोड़ी ही देर में मेरा वीर्य निकल गया और मैंने अपना सारा गरम गरम वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया और वो सारा का सारा वीर्य पी गयी। फिर आंटी मुझसे हंसकर बोली कि तुम्हारा लंड कितना ज़्यादा वीर्य निकालता है क्यों तूने इसे अपने लंड में कितने दिन से बचाकर रखा था? और यह कितना गाड़ा, मीठा और स्वादिष्ट भी और अब आंटी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी। अब आंटी और में सीधे बाथरूम में चले गये और हमने वहां पर एक दूसरे को साफ किया और उसके बाद वापस आ गये। दोस्तों में अभी भी नंगा ही था और आंटी भी पूरी नंगी थी। फिर आंटी मुझसे कहने लगी कि अब तुमने अपनी आंटी को नंगा किया है तो उसी तरह कपड़े भी पहना दो। फिर मैंने उनसे कहा कि नहीं, आप मुझे ऐसे ही अच्छी लगती हो।

फिर आंटी बोली कि तुम बहुत बड़े गुंडे हो, तुमने अपनी आंटी को पूरा गंदा कर दिया और फिर वो ज़ोर से हंसने लगी। फिर मैंने उनसे कहा कि आप यहीं पर रुक जाओ तो आंटी बोली कि ठीक है और फिर आंटी मेरे घर पर सुबह के चार बजे तक रही और हम दोनों ने उस रात को तीन बार और सेक्स किया। आंटी और में रात भर पूरे नंगे रहे और पॉर्न फिल्म देखते रहे। दोस्तों अब भी आंटी और मुझे जब भी कोई अच्छा सा मौका मिलता है तो हम दोनों जमकर सेक्स करते है, लेकिन उससे ज़्यादा हम दोनों हमेशा फोन पर सेक्सी बातें करते है, आज तक यह सिलसिला चालू है ।।

धन्यवाद …

गुरुवार, 5 मई 2016

भाभी की गरमा गर्म चूत चाटी

दोस्तों मेरा नाम राहुल सिंह हैं और मैं पंजाब का रहनेवाला हूँ. वैसे मैं अपनी इंजिनियरिंग की पढाई के लिए पिछले २ सालों से दिल्ली में ही हूँ. और आज की यह हिंदी सेक्स स्टोरी भी दिल्ली में हुए एक सच्चे और हॉट हादसे की ही हैं. आज मैं आप को बताऊंगा की कैसे मैं दोपहर को एक भाभी को चोदा था वो भी छत के ऊपर.
उस भाभी का नाम कुलवंत कौर था और वो मेरे मकानमालिक बिट्टू सिंह की बहु थी. उसका पति दलेर काफी सालों से लंदन में था और उस भाभी की हरियाली चूत को सुखा करने के लिए उसे पीछे छोड़ के गया था वो. भाभी कलवंत के रूप के बारे में बताऊ तो वो एक २५ साल के करीब की हॉट औरत हैं. उसके फिगर का नाप कुछ ३२-३०-३४ का होगा.
उसकी गांड देखने से बनती हैं और आँखे भी शराब की प्याली के जैसी हैं उसकी. दलेर सिंह पैसे कमा रहा था लेकिन इस यौवन के प्याले को पीछे छोड़ के गया था मेरे जैसे सेक्स पारखू के लिए. पहले दिन से ही मेरा दिमाग इस भाभी की चूत के गुलाबजामुन को खाने के लिए मचल रहा था. लेकिन बुढा बिट्टू सिंह डेढ़साना था. वो जानता था की दिल्ली में इंजीनियरिंग करने वाले लौंडे कितने खतरनाक होते हैं. वो कभी भी भाभी को मेरे करीब आने नहीं देता था.
और फिर मेरी किस्मत से एक बार इस बूढ़े को टाइफोइड हुआ और उसे अस्पताल में भरती किया गया. भाभी की ननंद जो दिल्ली में ही रहती हैं वो यहाँ आ गई. भाभी टिफिन बनाती थी और उसकी ननंद लाडो हॉस्पिटल में रहती थी बूढ़े के पास. इस बिच में मैं भी चांस मार रहा था भाभी के ऊपर. वो कम ही बोलती थी.
एक दिन जब वो खाना पका रही थी तो मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुसा. जानबूझ के तौलिया मैंने नहीं लिया था और कपडे भी बहार सोफे पर ही रख के मैं अन्दर चला गया. कुछ देर तक लंड को साबुन लगा लगा के मैंने खड़ा किया और फिर भाभी को आवाज लगाईं.
भाभी प्लीज़ मेरे कपडे देंगे मैं भूल गया हूँ.
आई, रोटी उतार के.
एक मिनिट में जब वो आई तो मैंने उसके कदमो की आवाज महसूस की. मैंने लंड पर दो हाथ और मारे और उसे टाईट किया. भाभी ने बाथरूम के दरवाजे पर कपडे और तौलिया रखा, और तभी मैंने अपना प्लान अमम में रख दिया. मैंने पाँव फिसलने की एक्टिंग की और दरवाजे पर अपनी आधी बोड़ी को धकेल दिया. दरवाजा खुल गया और मैं लड़खड़ाने की एक्टिंग कर रहा था. कलवंत भाभी की नजर ना चाहते हुए भी मेरे कसे हुए लंड पर आ गई. वो उसे सब कुछ भूल के देख रही थी. मैं खड़ा हुआ और भाभी के हाथ से कपडे लिए और लंड को ढंक लिया. भाभी तब होश में आई और हंस पड़ी.
मैंने कहा क्या हुआ?
भाभी कुछ नहीं बोली और वो किचन की और चली गई. मैं तौलिया लपेट के ही उसके पीछे चला गया. तौलिये में भी मेरा लंड अपना अकार बनाये हुए था. किचन में भाभी ने मुझे और मेरे कसे हुए लंड को तिरछी नजर से देखा और चुपचाप रोटी सकने लगी, मेरा लौड़ा बौखला गया था. मेरे सामने भाभी की गांड थी जो नाइटी में एकदम मादक लग रही थी. अन्दर उसने पेंटी नहीं पहनी थी इसलिए गांड की फांक में कपडा घुसा हुआ था. अब आप तो जानते ही है की यह सिन कितना मादक होता हैं. मैं भाभी के पास गया तो वो फट से मेरी और मुड गई. मैंने देखा की उसकी साँसे फूली हुई थी. मैं अपने चहरे को उसके करीब ले गया तो उसने आँखे बंध कर दी. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चहरे को पकड लिया और अपने होंठो को उसके होंठो पर लगा दिया. भाभी ने मेरे सर को अपनी तरफ खिंचा और किस देने लगी, हमारे होंठ एक दुसरे से जुड़ चुके थे और भाभी किस साँसों की खुसबू से मेरा लोडा और भी टाईट हो गया. वो भाभी के पेट पर चुभा भी होगा.
मैंने हाथ आगे किया और भाभी के पेट पर रख दिया. फिर धीरे धीरे कर के हाथ को बूब्स की तरफ बढ़ा दिया. वो साँसे बढ़ा चुकी थी और मेरे हाथ को उसने पकड लिया. मैंने जबरन उसके बूब्स पकडे और दबा दिए. बाप से इस भाभी को काफी दिनों से चोदा नहीं गया था और वो बेताब थी.
लेकिन फिर पता नहीं उसे क्या हुआ की उसने मुझे धक्का दे दिया और वहां से हट गई. वो छत की तरफ गई. मैं भी सीडियां चढ़ के ऊपर गया. ऊपर मस्त धुप थी, भाभी सुखाये हुए कपडे लेने लगी तो मैंने पीछे से उसे पकड लिया.
भाभी ने कहा, यह गलत हैं.
मैंने कहा, मैं आप को प्यार करता हूँ भाभी, इसमें क्या गलत हैं.
मैं शादीसुदा हूँ.
लेकिन आप अकेली भी हैं और मुझसे यह देखा नहीं जाता हैं.
कही कुछ अनर्थ हो गया तो.
मैं अन्दर नहीं निकालूँगा आप के, फिर तो कुछ नहीं होगा न.
नहीं नहीं, यह गलत हैं.
मेरी आँखों में आँखे डाल के कहिये की आप मुझसे प्यार नहीं करती हैं. और आप मेरे साथ ख़ुशी के दो चार पल बांटना नहीं चाहती हैं, आइने फ़िल्मी स्टाइल में डायलोग बोल दिया.
और साला यह डायलोग काम कर गया. भाभी ने मुझे गले से लगा लीया और मैंने उसकी गांड पर हाथ रख दिया. मैं धीरे से उसकी नाइटी को हटा के गांड की फांक को खोलने लगा था. भाभी ने कहा, आह्ह्ह ह्ह्ह्हह.
मैंने कहा, डार्लिंग मुझे पता है की तुझे बहुत टाइम से चोदा नहीं गया हैं. लेकिन आज तेरे सब ख्वाब पुरे कर दूंगा.
जल्दी करो, मेरी ननंद आ जाए उसके पहले.
मैं जान गया की भाभी को जल्दी ही चोदना पड़ेगा क्यूंकि उसकी ननंद के आने का वक्त हो चला था..
भाभी ने अपने हाथ से अपनी नाईटी को ऊपर किया. धुप सख्त थी इसलिए हम दिवार के करीब आ गए. फिर मैंने भाभी की झांट से भरी हुई चूत को टच किया. भाभी के मुहं से सिसकी निकल पड़ी. मैंने अपने लंड को तौलिये को हटा के आजाद कर दिया. भाभी ने अपने हाथ को आगे कर के लंड को पकड़ा और बोली, बहुत बड़ा हैं तुम्हारा तो. कितनो को चोदा हैं इस से?
मैंने जूठ बोलते हुए कहा, बस आप से पहले एक को ही चोदा हैं, जिसे मैं प्यार करता था!
भाभी हंस पड़ी और मैंने अपने लंड को चूत के छेद पर लगा दिया. दोपहर की गर्मी के बिच में जब मैंने अपना लंड भाभी की चूत में रगडा तो हम दोनों ही पसीने से नाहा रहे थे. भाभी को मैंने वही छत पर चोदा और वादे के मुताबिक़ माल चूत में नहीं निकाला.
फिर हम दोनों निचे आ गए और मैं फिर से नहाने चला गया. भाभी की ननंद टिफिन ले के गई और मैंने एक बार फीर से भाभी को चोदा. भाभी की चुदाई का सिलसिला जो उस दिन से स्टार्ट हुआ हैं की आजतक भी चालु हैं. मैं जब भी चांस मिले और बूढ़ा रुकावट न डाले तो भाभी को चोदता हूँ. वो भी खुश हैं और मैं भी.

ट्रेन में मिली रसभरी चूत बजा दी

दोस्तों मेरा नाम नीलम है. और दोस्तों में ट्रेन से जा रही थी अपने हस्बैंड के कजिन की शादी में थी अपने ससुराल और में ट्रेन में अकेली थी. ट्रेन में एक लड़के की हरकतों ने मुझे इतना एक्साइट कर दिया की मुझसे कण्ट्रोल ही नहीं हो रहा था. असल में मैंने सारी पहनी थी पर उसका पल्लू थोडा ढीला पहना था क्यूनी गर्मी बहुत थी और मुझे अपने ससुराल से अगल रहने की वजह से सारी पहनने की आदत छुट गयी थी. और वो लड़का मेरी सीट के सामने बैठा था. मेरा बैग सीट के निचे था. जब में अपना कुछ सामान लेने झुकी तो उसको मेरा पल्ला ढीला होने की वजह से मेरा पूरा क्लीवेज दिख गया और वो शायद एक्साइट हो गया था.
फिर उसने मुझ से बाते शुरू की और क्यूंकि हमारा केबिन एक ही था कई बार हमारा हाथ टकराया और कई बार हम टकराए. तभी अचानक में भी उठी और वो भी और उसके हाथ मेरे बूब्स पर आया गए. उसने सॉरी बोला और मैंने भी बोला कोई बात नहीं. पर इसके बाद उसकी हरकते बढ़ गयी और में भी एक्साइट होने लगी. कभी वो मेरे पेरो को अपने पेरो से टच करता और सॉरी बोल देता. में भी स्माइल कर देती और कभी में कड़ी होती तो मेरी गांड को टच कर देता. पर उसकी इन् हरकतों से में भी एक्साइट हो रही थी. में पूरी कोशिश करती रही पुरे रास्ते. सीट पर बैठे बैठे कभी अपने पाँव सिखोडटी तो कभी अपने गले पर धीरे धीरे हाथ फेरती, पर इन सब से प्यास बढती ही चली जा रही थी.
में जैसे तैसे अपने अरमानो को काबू कर, अपनी मंजिल- इंदौर पहुची. वह पर मेरे हस्बैंड के कजिन यानी की मेरे कजिन देवर लेने आये थे और उनके साथ एक फ्रेंड भी था. मेरे देवर का नाम मनीष था और उसके फ्रेंड का नाम मयंक था.
मनीष ने मुझे अपने फ्रेंड से मिलवाया. और बताया की मयंक उनका सब से क्लोज फ्रेंड है उअर शादी में उनकी बहुत मदद कर रहा है.
उसने मुझे नमस्ते की और मैंने भी उसे स्माइल दी. फिर वो थोडा आगे आये और मेरे सामान उठाने के लिए थोडा झुके और स्ट्रोलर का हैंडल पकड़ने लगे. में भी एक दम से ना करने ले लिए अपना हाथ स्ट्रोलर के हैंडल की और बढाया और थोडा झुकने लगी.
मैंने पिंक कलर की बहुत लूसे साड़ी पहनी थी गर्मी की वजह से. झुकते ही मेरा पल्लू एक दम से निचे गिर गया और मेरा क्लीवेज उसके सामने थे.
उसने मेरे क्लीवेज की साइड देखा और एक दम से आँखे बंद कर के उसने अपना फेस दूसरी तरफ टर्न किया. इस्सी वक़्त मेरा देवर आया और उसने मेरा बैग पकड़ कर बोला “अरे आप लोग परेशान मत हो, में हु ना.” और हम तीनो ने स्माइल दी एक दुसरे को और प्लातेफ़ोर्म से जाने लगे.
प्लेटफार्म से गाडी तक जाने तक में येही सोचती रही की कैसे मयंक ने अपना फेस साइड में कर लिया मेरा क्लीवेज देखते ही.
आक कल की दुनिया में जहा लोग ज़बरदस्ती औरतो का पल्लू गिरा कर क्लीवेज देखना चाहते है. वही मयंक ने कस्से अपना फेस हटाया मेरे क्लीवेज को देख कर. उसकी यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी. और मुझे वो पेर्सोनली बहुत अच्छा लगने लगा.
में अपने ससुराल आ गयी और बहू होने के नाते मुझे सबके चरण स्पर्श करने थे. पर साडी बहुत लूज थी. तो मुझे संकोच भी था की में कैसे झुकू. खुद की इज्ज़त झुपाने के लिए मैंने मैंने अपना पल्लू अच्छे से अपने ऊपर लपेट लिया ताकि झुकने पर किसी को कुछ न दिखे. मेरे ऐसे साड़ी पहनने से घर के सरे बुजुर्ग बहुत इम्प्रेस हुए और मुझे आशीर्वाद दिया.
तभी मेरे ससुरजी बोले बीत्य बहुत थक गयी होगी अपने रूम में जयो और फ्रेश हो जयो.
में मनन ही मनन कहा हा ससुर जी थक तो गयी ट्रेन में, एक लड़के ने मुझे बहुत एक्साइट किया.
में मन ही मन मुस्काई की मयंक ने मेरा सामान फिर से उठा लिया और बोला की. “ चलो भाभी आपको आपका रूम दिखा देता हु”.
मैंने कहा “ हाँ ठीक है” और हम फर्स्ट फ्लोर के रूम में चले गए. रूम में एन्टर होते ही मयंक ने पंखा ओन कर दिया और बोला भाभी कुछ जरुरत हो तो बता देना. मैंने कहा ठीक है मयंकतुम टेंशन न लो, यह मेरा ही तो घर है, में मैनेज कर लुंगी.
उसने कहा, “ हनन भाभी, घर तो अप्प का ही है, पर अभी शादी की तैयारी की ज़िम्मेदारी मेरी है इसलिए भाभी की ज़िम्मेदारी भी तो मेरी हुई न.
मुझे उसकी सिंसेरिटी देख कर बहुत अच्छा लगा और मैंने उसे प्यारी से स्माइल दी और वो भी एक स्माइल देकर गेट बंद कर के चला गया.
मैंने अपना लगेज ओपन किया और एक पर्पल साडी निकली और उसके मैचिंग के अंडर र्गार्मेंट्स निकाले. मैंने साडी निकली और उसके अन्दर अपनी प्र्प्ले ब्रा और पिंक बसे पर्पल फ्लावर वाली पेंटी को फोल्ड कर के रख दिया. फिर मैंने अपनी मेक- उप किट निकली और तोवेल धुधने लगी.
तोवेल बैग में न मिलने के कारन में थोडा परेशान हो गयी. और अपने घुटनों पर बैग में अच्छे से ढूढने लगी.
मेरा पल्लू झुकने के कारन गिर गया. में सीधी हुई और अपना पल्लू ठीक कर के फिर से तोवेल ढूढने लगी. में बैग के दूसरी तरफ ढूढने के लिए थोडा शिफ्ट हुई तो मेरा फेस दरवाज़े की तरफ हो गया था.
में तोवेल ढूढते हुए फिर झुकी तो मेरा पल्ला फिर से गिर गया. मैंने इस बार उसे गिरा ही रहने दिया यह सोच कर की मैं रूम में अकेली हे तो हु और ढूढने में तो और भी बार गिरेगा तो कब तक संभाल कर रख पयुंगी.
में ढूढ ही रही थी की अचानक से गेट ओपन हुआ और में शॉक हो गयी. पूरी तरह से झुके होने के कारन मेरे बूब्स थोड़े बहार आ गए थे और बहुत सेक्सी लग रहे थे.
मेरे क्लीवेज का नज़ारा और मेरे सामने से गिरते हुए बाल मुझे और भी सेक्सी बना रहे थे. गेट एक दम से ओपन हुआ और मयंक कुछ बोलते हुए एक दम से अन्दर आ गया.
“भाभी जी आज शाम्म्मम्म… हम्म्म्म…”
जैसे ही उसने मेरे बूब्स की तरफ देखा तो उसकी ज़बान अटक गयी और आँखे खुली की खुली रह गयी.
मेरे दोनों बूब्स जिसको शायद वो दूध बोलता होगा वो उसके सामने थे. ब्लाउज में बूब्स बंद होने के कारन दोनों दूध आपस में टकरा रहे थे, उन्हें देख कर वो शायद सब कुछ भूल गया था.
में एक दम से होश में अ गयी और घुटनों पर बैठ कर पल्लू ठीक करने लगी.
उसने कहा, “सॉरी भाभी, मुझे गेट नॉक कर के आना चाहिए थे” और गेट फिर से बंद कर दिया.
मैंने एक दम से कहा,” मयंक!!”
उसने फिर से गेट ओपन किया और कहा “जी भाभी”.
मैंने कहा तुम कुछ कह रहे थे उस टाइम, किस आम से आना हुआ?
उसने कहा कुछ खास नहीं भाभी, में आपको बताने आया था की हम आज शाम को घुमने जायेंगे सभी गेस्ट को लेकर तो आप चाहो तो अप भी आ सकती हो.
मैंने कहा नहीं मयंक, मेरे लिए पॉसिबल नहीं होगा क्यूंकि में यहाँ बहु हु और मुझे कुछ फॉर्मेलिटी करनि [अड़ेगी घर के काम करने की.
उसने कहा जेसा आप ठीक समझे भाभी और गेट बंद कर के जाने लगा.
मुझे जभी स्ट्राइक हुआ की क्यों न में मयंक से तोवेल मंगवा लू.
में एक दम से कड़ी होने लगी और आवाज़ दी “ मयंक”!!
मैंने उठने के लिए दोनों हाथ ज़मीन पर लगाये और उठने लगी की तभी मेरा पल्लू फिर गिर गया और उस्सी वक़्त मयंक फिर से दरवाज़ा ओपन कर के मुझे देखने लगा. इस बार फिर उसने मेरा पल्लू गिरा हुआ देखा पर इस बार मेरे बूब्स नहीं बस मेरा क्लीवेज ही उसे दिखा.
पर वो क्लीवेज भी उसके लिए शायद बहुत था क्यूंकि उसके एक्सप्रेशन से मुझे लगा की उसने अपनी लाइफ में किसी के भी क्लीवेज नहीं देखे होंगे.
में मन ही मन सोच रही थी की यह क्या हो रहा है आज ४०-५० मिनट में मैंने मयंक को अपने दूध के ३ बार दर्शन दे दिए. पता नही वो मेरे बारे में कीस सोच रहा होगा.
मैंने अपना पल्लू ठीक किया और कहा की मयंक में अपना तोवेल लाना भूल गयी हु, क्या तुम एल तोवेल अर्रंगे कर सकते हो.
उसने कहा क्यों नहीं भाभी, बस ५ मिनट दीजिये.
मैंने उसे स्माइल दी और कहा की तोवेल गेट पर टांग देना में ले लुंगी. उसने स्माइल दी और गेट बंद कर के चला गया. उसके गेट बंद करते ही में सोचने लगी की कैसे उस ट्रेन वाले लड़के ने मेरे बूब्स दबाये और मयंक ने घर पर मेरे बूब्स देखे वो भी ३ ३ बार.
यह सब कुछ सोच कर में फिर से एक्साइट हो गयी और धीरे धीरे करते हुए में अपने सरे कपडे उतरने लगी.
सब से पहले में अपना पल्लू निचे कर फेंक दिया और अपने क्लीवेज को देख कर मयंक और ट्रेन वाले लड़के को याद करने लगी . उनकी याद इ अपने ब्लाउज के ३ हुक खोल दिए और फिर ब्लाउज भी उतर कर फेंक दिया.
फिर मैंने अपनी साडी की कमरे से पिन निकल दी और साडी उतर कर बेड पर रख दी. अब मैं सिर्फ येलो ब्रा और पेंटी में थी. में मिर्र्रोर के सामने गयी और अपने आप को येलो और पिंक और वाइट पेंटी में देखने लगी.
खुद को मिरर में इस हाल में देखने से मेरी प्यास जागने लगी और अपने आप ही मेरी सांस गहरी होती चली गयी.

भाभी और भाभी की सहेली की चुदाई

मेरे रीना भाभी से बहुत मधुर सम्बन्ध है . मैं उसे बहुत चाहता हूँ और वह भी मुझे बहुत चाहती है . मेरी नजदीकियां काफी बढ़ चुकी है . मैं उसके कपडे 
खोलता हूँ वह मेरे कपडे खोलती है . मैं उसे नंगी कर देता हूँ वह मुझे नंगा कर देती है . मैं उसकी चूंचियों पर साबुन लगा कर उसे नहलाता हूँ वह मेरे लण्ड पर साबुन लगा कर मुझे नहलाती है . मैं उसकी चूंचियाँ चूसता हूँ वह मेरा लण्ड चूसती है . मैं उसकी चूत चाटता हूँ वह मेरा लौड़ा चाटती है .मैं उसकी गांड सहलाता हूँ वह मेरी गांड सहलाती है . मैं उसकी झांटे बनाता हूँ वह मेरी झांटें बनाती है .मैं उसकी बुर चोदता हूँ वह मेरा लण्ड चोदती है . अब तो आलम यह है की न तो मुझे उसके वगैर चैन मिलता है न ही उसे मेरे वगैर चैन मिलता है .
इस तरह के सम्बन्ध, दोस्तों, एक दिन में नहीं हो गए . इसमें काफी समय लगा है . मैं आपको संक्षेप में बताता हूँ . रीना भाभी मेरी मकान मालकिन है .और मैं उसका एक किरायेदार ? मैं उसके घर में ऊपर एक कमरा लेकर रहता हूँ . आज से लगभग दो साल पहले मैं एक कमरा किराए पर लेने के लिए घूम रहा था . अचानक किसी ने मुझे रीना भाभी का घर बता दिया . बस बात चीत हुई और सौदा तय हो गया . मैं आराम से रहने लगा . बहुत दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ की भाभी घर में अकेले ही रहती है .तबसे मैं भाभी के ऊपर नज़र रखने लगा . भाभी बहुत सुन्दर है . उसका गदराया बदन, बड़ी बड़ी आँखे, गोल और गोरा चेहरा, लम्बे बाल, बड़े बड़े चूतड, बड़ी बड़ी चूंचियां और मस्त गुन्दाज़ बाहें मेरा मन हमेशा अपनी ओर खींचने लगी मेरी निगाह बरबस उसकी चूंचियों पर चली जाती थी . आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मुझे यह भी मालूम हुआ की भाभी एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती है . टीचर है . इधर मैं भी एक ऑफिस में काम करता हूँ . मैंने देखा की भाभी की खूबसूरती दिन पर बढती जा रही है . मैं उसकी खूबसूरती पर मोहित हो गया और मन ही मन उसे प्यार करने लगा . लेकिन यह बात कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई मेरी . हां मैं उसे आते जाते देखता जरुर था . उसकी मस्त चूतड हिलाती हुई चाल मुझे बहुत अच्छी लगती थी . उसकी आगे से उछलती हुई चूंचियाँ मैं देख कर मैं दीवाना हो जाता था . रात में मुझे भाभी के सपने आने लगे , जाने कितनी बार मैंने भाभी के नाम का मुठ्ठ मारा है . उसके नाम से मेरा लौडा खड़ा हो जाता था . मैं इसी मौके की तलास में था की किसी दिन भाभी से खुल कर बातें हो जाये ? बातों के बाद शायद कुछ और खुलने का मौका मिले मुझे . मैं बस इसी फिराक में रहने लगा . एक दिन मैंने इत्तिफाक से भाभी को बिलकुल नंगी बाथ रूम जाते हुए देख लिया . बस मेरे तन बदन में आग लग गयी . मेरा लौडा बहन चोद तन कर खड़ा हो गया . मैंने मन में कहा वाओ, कितनी मस्त और चिकनी है जवानी भाभी की . क्या चूंचियाँ है ? क्या चूतड है ? क्या गांड है ? कितनी पतली कमर है ? कितनी मस्त बाहें है ? मैं बस देखता ही रह गया . मैंने सोचा की भाभी नंगी निकलेंगी तो फिर देखूँगा लेकिन देख नहीं सका ?
एक दिन हिम्मत करके मैं भाभी के कमरे में जा ही रहा था की मैंने देखा की भाभी अपनी सहेली से बैठी बातें कर रही है . बस मैं छिप कर उन दोनों की बातें सुनने लगा . दोनों के हाथ में शराब के गिलास है . मैं भाभी को शराब पीते हुए पहली बार देख रहा था . थोड़ी देर में भाभी ने सिगरट निकाली एक सुनीता को दिया और दूसरी खुद जला कर पीने लगी . भाभी सिगरट और शराब पीते हुए बड़ी सेक्सी लग रही थी . 
भाभी बोली :- हाय सुनीता आजकल क्या हो रहा है .? मौज मस्ती हो रही है की नहीं .?
सुनीता बोली :- हां बिलकुल हो रही है . उसके वगैर ज़िन्दगी कहाँ ?
भाभी बोली :- अच्छा यह बताओ तुमने अभी तभी ताज़ा लौडा किसका पकड़ा ?
सुनीता बोली :- अभी कल ही मेरे गाँव का एक लड़का आ गया था . जब वह नहाने जा रहा था तो मैंने उसे अपने पास बुलाया और कहा पप्पू ज़रा वह पानी की बाल्टी उठा कर यहाँ ले आ . वह जब बाल्टी लेकर आने लगा तो उसकी तौलिया खुल गयी . वह नंगा हो गया . मैंने उसका लण्ड देख लिया . देखते ही मेरे बदन में आग लग गयी .  मैंने मन में कहा इतना मोटा तगड़ा लण्ड ? ऐसा लौड़ा तो मर्दों का होता है . बस मैं फ़ौरन उठी और तौलिया अपने कब्जे में कर लिया . मैंने कहा तुम यार नंगे नंगे ही बाल्टी रख कर आ जाओ . वह आ गया तो मैंने हाथ बढ़ा  कर उसका लौड़ा पकड़ कर कहा यार तेरा लन्ड तो बड़ा बढ़िया है . इसे मुझे दे दो . बस मैं लण्ड सहलाने लगी उसको भी जोश आ गया . उसने मेरी चूंचियाँ पकड़ ली . मैंने लण्ड पिया और फिर मजे से चुदवाया . रात में तीन बार चुदवाया और सवेरे फिर एक बार चोद कर गया वो ?
भाभी बोली :- तू तो बुर चोदी बड़ी उस्ताद है ? यार मुझे भी कोई मजेदार लौड़ा दो न प्लीज . मैं लण्ड के लिए आजकल तरस रही हूँ .
यह सुनकर मेरा लौड़ा टन टना कर खड़ा हो गया . मेरा मन हुआ की मैं भाभी के हाथ में अभी अपना लण्ड रख दू पर थोडा रुक गया .
सुनीता बोली अरे तू तो कॉलेज में पढ़ाती है . तेरे पास तो कई लड़के आते होंगे तो बस उन्ही को बुलाकर पकड़ा कर उनके लण्ड ?
भाभी बोली यार यही तो करती हूँ लेकिन पिछले पंद्रह दिन से कॉलेज बंद है कोई लड़का आता ही नहीं . मैं लण्ड के लिए बेताब हो रही हूँ यार ?
सुनीता बोली अच्छा मैं कुछ करती हूँ . फिर सुनीता चली गयी .
उसी दिन शाम को मैं भाभी के घर पहुँच गया .
मैंने पूंछा:- भाभी ये औरत कौन है .?
भाभी ने बताया :- यह सुनीता है मेरी दोस्त .
मैंने मुस्कराकर कहा :- भाभी बड़ी सेक्सी है तुम्हारी दोस्त . मेरा तो तो मन इसे पकड़ने का हो रहा था .मैं तो इसे दबोचने के मूड में था . आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | भाभी ने भी सेक्सी मुस्कान दी और कहा :- अच्छा तुमने कभी मुझे तो पकड़ा नहीं मुझे तो कभी दबोचा नहीं और अब उसे पकड़ोगे ? मैं थोडा थोडा समझने लगा . मैंने हिम्मत दिखाई और कहा भाभी पकड़ने का काम तो तुम्हारा है . मैंने तो जाने कबसे पकडाने के लिए तैयार हूँ . भाभी भी खुल गयी बोली अरे तू तो बड़ा सयाना हो गया है . मैं तो समझती थी की तू अभी बच्चा है . इधर आ ज़रा . मैं जब नजदीक गया तो भाभी ने मेरे लण्ड पर हाथ मार कर कहा तू इसकी बात कर रहा है . अरे इतना छोटा लौड़ा मेरा क्या उखाड़ पायेगा ? ये बहन चोद पूरा भी घुस जायेगा तो भी मुझे मज़ा नहीं आएगा ? भाभी के मुह से लण्ड सुनकर और गाली सुनकर मेरा लण्ड और टन्ना गया . मैंने कहा भाभी एक बार तो पकड़ कर देखो न इसे ? भाभी ने मेरी बात मजाक में ले लिया और कहा तू चला जा यहाँ से . जब तेरा लण्ड मर्द बन जायेगा तब मैं इसे पकडूगी . जब तेरा लण्ड मरदाना लण्ड बन जायेगा तब मैं इसे अपने अन्दर लूंगी . मैंने बार बार कहा भाभी एक बार तो देख लो प्लीज फिर तुम जो कहोगी वो मैं मान लूँगा . पर भाभी नहीं मानी . तन मैंने सोचा की मैं एक दिन खोल कर दिखा ही दू भाभी को अपना लण्ड .तभी काम बनेगा . बस मैं इसी फिराक में घूमने लगा .और प्लान बनाने लगा .
दोस्तों एक बात तो बताना मैं भूल ही गया . मैं ब्लू फिल्म देखने का बड़ा शौक़ीन हूँ . बिना कोई ब्लू फिल्म देखे मैं सोता नहीं हूँ . उस दिन इतवार था . दिन के 3 बजे थे . मैं अपने कमरे में सोफा पर एकदम नंगा लेटा हुआ ब्लू फिल्म देख रहा था . मेरा लौड़ा मस्त टन्ना गया था . 
मैंने उसे सहला सहलाकर मजे से फिल्म देखने में मगन था की अचानक भाभी कमरे में आ गयी . तब मुझे अहसास हुआ की दरवाजा शायद खुला रह गया . मैंने फ़ौरन अपना लण्ड दोनों हाथों से छुपा लिया और घूम कर कहा भाभी आप बिना बताये यहाँ चल आयी . मुझे बुला लिया होता ? भाभी बोली मैं अगर बुलाती तो तू कपडे पहन कर आता . नहीं बुलाया तभी तो तुझे नंगा देख लिया . तेरा लौड़ा देख लिया . मैं तो समझ रही थी की तू अभी छोटा है पर तू तो पूरा मर्द हो गया है . हां अभी मैंने ठीक से तेरा लण्ड नहीं देखा . चल अब मुझे अभी दिखा दे अपना पूरा लौड़ा . भाभी ने इतना कह कर मेरा लण्ड पकड़ लिया . लण्ड और फनफना उठा . भाभी उसे सहलाने लगी . और खूब चूम चूम कर प्यार किया . मैंने उसके कपडे उतारने शुरू किया . भाभी जब नंगी हुई तो मुझे बड़ा मज़ा आया . मैं उसकी चूंचियों का उसकी चूत का उसकी गांड का मज़ा लेने लगा . 
भाभी बोली :- यार, दीपक तेरा लौड़ा तो बुर चोदने वाला हो गया है . अब मैं इसको अपनी बुर में पेलूंगी . देखो तो लण्ड मेरे घर में निकला और मैं बेकार ही लण्ड के लिए तरस रही थी . आज से तेरा लण्ड मेरी चूत के लिए बुक हो गया . 
बस फिर भाभी ने अपनी टांगे फैलाई और लण्ड अपनी चूत में रगड़ने लगी . 
भाभी ने पूंछा :-दीपक, तुम्हे बुर चोदना आता है ?
मैंने कहा :- हां थोडा थोड़ा जानता हूँ .
भाभी बोली :- चल फिर मैं आज ही तुझे सिखाती हूँ की कैसे चोदी जाती है बुर ? 
उस दिन भाभी ने वाकई मुझे चोदना सिखाया और मैंने खूब मन लगा कर चोदना सीख लिया . जब मेरा लण्ड झड़ने को आया तो भाभी ने लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और मारने लगी सडका . मुझे बड़ा मज़ा आने लगा . वैसे तो मैंने खुद कई बार मुठ्ठ मारा है लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मज़ा भाभी से मुठ्ठ मरवाने में आया . 
दोस्तों, उस दिन के बाद मैंने आज तक अपने आप मुठ्ठ नहीं मारा . हमेशा भाभी से ही मरवाता रहा . अब मेरा रास्ता खुल चुका था .  आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मैं करीब करीब हर रोज़ भाभी की बुर चोदने लगा . एक दिन मैंने कहा भाभी अपनी सहेली सुनीता की बुर दिलाओ न प्लीज . भाभी मेरी बात मान गयी और उसने उसी दिन रात में सुनीता को बुला लिया . 
भाभी बोली :- यार सुनीता, ये दीपक है मेरा देवर . मेरा किरायेदार है . मुझे इसका लौड़ा पसंद आ गया है . मैं तो हर रोज़ इससे चुद्वाती हूँ . उस दिन जब तुम आयी थी तो इस बहन चोद ने हमारी सारी बातें सुन ली थी . तबसे दीपक तुम्हे चाहने लगा है . तेरी बुर चोदना चाहता है .  आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | सुनीता बोली :- हाय दईया, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है मेरे लिए ? मैं चुदवाने के लिए तैयार हूँ .| इतना कह कर सुनीता ने अपना हाथ बढाया और मेरा लण्ड पकड़ लिया . देखते ही देखते हम तीनो नंगे हो गए . सुनीता मेरा लौड़ा चूसने लगी और भाभी मेरे पेल्हड़ . मैं सुनीता की बुर सहलाने में जुटा था .
सुनीता थोड़ी देर में बुर फैलाकर बोली :- दीपक अब तुम पेलो अपना लौड़ा मेरी चूत में . 
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और चोदने लगा सुनीता की बुर . 10 मिनट में मुझे महसूस हुआ की मेरी गांड में कुछ घुस रहा है . मैंने मुड कर देखा तो हैरान रह गया . रीना भाभी अपनी कमर में बांधे थी एक जबरदस्त लौड़ा . बिलकुल असली लण्ड लग रहा था वो . मेरे लण्ड की तरह था वह लण्ड ?
भाभी बोली :- दीपक, आज मैं मारूंगी तेरी गांड ? आज तक भाभी की गांड हमेशा देवर मारता आया है पर अब ज़माना बदल गया है . अब भाभी मारने लगी है देवर की गांड ?