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मंगलवार, 10 मई 2016

मौसी की लड़की और जीजाजी की ठुकाई

हेलो दोस्तों मेरा नाम राधव है मैं बनारस का रहने वाला हूँ और फिलहाल मुंबई मैं रहता हूँ | मुझे लड़कियो की चूत और गांड बहुत पसंद है| मैं 28 साल का युवक हूँ वैसे मैं बहुत शर्मिला किस्म का हूँ लकिन बीस्तर पर मैं हवान् से कम नही| आज की डेट तक मैं कई लड़कियो और भाभियो की चूत और गांड मारी हैं | लेकिन इसके पीछे भी कुछ वज़ह है मैं शुरू मैं बहुत शर्मीला और अपने मैं रहता था | मैं वो चुदाई की कहानी सुनाता हूँ जिसके वजह से मैं ठरकी हो गया और सिर्फ चूत गांड चाटने को मन करता है | बात उस समय के है जब मैं १२ क्लास मैं था मेरा लंड कही भी खड़ा हो जाता था इसलिए मैं हर दूसरे तीसरे दिन मुठ मरता रहता था लेकिन मुझे एक चीज़ बहुत परेशान करते थे वो थी आखिर लड़कियों के टांग के बीच में क्या होता है और कैसा दीखता है उनकी चूची कैसे होते है उसमें हड्डिया होती है की नहीं| इसी चक्कर में मैं अपने दीदी जब नहाने जाते थी तो मैं झुक के फाटक के नीचे से देखने के कोशिश करता रहा था लकिन कुछ दीखता नही था क्योकि मरे दीदी की चूत के बाल बहुत घने थे | जब वो कही चली जाती थीं तो उसकी पैंटी ब्रा सुंगता था और तकिया को पैंटी पहना के चुदाई करता था| मरे मन में अपने दीदी को लेकर कभी गलत इरादे नही थे लेकिन मैं हिलाने के लिए कुछ भी कर सकता था | शायद मैंने इस लिए आपको अपने दीदी के बारे में नही बताया | मुझे आज भी सेक्स पसंद हैं लेकिन रिस्तो से दूर और आपसी सहमति से ही | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | दिन बीतते गए और मैं ग्रेजुएशन मैं अड्मिशन हुआ फिर मैंने ब्लू फ्लिम देखे | मुखे सेक्स का भुखार चढ़ने लगा हमेशा मैं अब दीदी को ड्रेस बदलते देखना चाहता था वो मूतती कैसे है देखना चाहता था |मुझपे सुरूर ऐसा चढ़ा था की मैं जब दीदी ड्रेस चेंज करने जाती थीं तो चारपाई के नीचे पहले से छुप जाता था और चूत के दर्शन करना चाहता था और वही हिला लेता था| इसी बीच मेरे किरायदार चेंज हो गए और कुछ महीनो बाद नए किरायदार आये | उनकी अभी दो साल पहले शादी हुए थी कोई बच्चा नहीं था | आंटी बहुत सेक्सी थी मेरे आकर्षण उनकी तरफ होने लगा धीरे धीरे मैं उनकी चूत दर्शन कैसे होगा सोंचने लगा | मैं छत पर से उनकी पैंटी चुरा लेता था और सुंगता था कभी कभी पहन के हिलता भी लेता था | मैं उनकी करीब ६ से ज्यादा पैंटी चुराई थी | एक दिन जब मेरे घर मैं कोई नहीं था मम्मी दीदी ,बुआ के घर शादी पे गयी थी और मेरा एग्जाम नज़दीक होने के करण मुझे घर पर रुकना पड़ा और मम्मी ने आंटी से बोल दिया देखने के लिए |

मुझे तो आंटी की चूत देखनी थी सो मैं खुश था | अगले दिन सुबह जब आंटी दूध लेन गयी थी तब मैं ऊपर जा के उनकी बाथरूम जो सीढियों से थी चाकू से छेद बना दिया और इंतज़ार करने लगा |आंटी आई और मुझे खाना दिया और खुद नहाने चली गयी | मैं भी थोड़े देर बाद पीछे पीछे चल दिया और दरवाजे से झाकने लगा वह नज़ारा आज भी नही भूल सकता हूँ एकदम छोटे छोटे बाल और उसके बीच में चूत |आंटी तभी दरवाज़े के तरफ हुईं और खड़े खड़े मुत्तना शुरू कर दी |

मैं एकदम गरम हो गया ऐसा लग रहा था भुखार हो गया है नीचे आकर दीदी की पैंटी निकली और तीन बार मुठ मारा |शाम को उसके हस्बैंड आये मुझे थोड़ी खलबली मचने लगी | क्योकि अंकल कुछ दिन बाद आये थे तोह चुदाई तो होगी ही| आंटी कैसे चुदेंगी क्या वो लंड चूसेंगी | ये प्रश्न मुझे परेशान कर रहा था शाम भर यही सोंचता रहा क्या करू क्या करू कैसे चुदाई देखू | रात हुआ आंटी नोर्मल्ली लाइट ऑफ कर के सोती है लेकिन उस दिन लाइट जल रहा था मैंने झाकने की कोशिश की सुनने की कोशिश की लकिन सब नाकाम रहा | अंत में मैं अपने आप को ये समझाया की कल तो चूत देखेगा न और कल कुछ आईडिया कर लेना चुदाई देखने के लिए| सुबहः हुआ और उसका पति काम पे चला गया | आंटी मुझसे बात की और खाना खिलाई | मैं इंतज़ार करने लगा की कब चूत रानी को देखने को मिलेगा | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | जैसे ही वो नहाने गयी मैं जल्दी से दरवाज़े से झाकने लगा| लकिन मेरी किस्मत ख़राब निकली आंटी ने झट से दरवाज़ा खोल दिया | और मैं वहां खड़ा मिला | मैं भागने लगा लेकिन आंटी ने मेरे बल पकड़ के चार थपड मारा , मैं बहुत दर गया था सर से ले के पाव तक काँप रहा था | आंटी मुझे रूम मैं ले गयी और नीचे बैठा के पूछे बोली ये सब कबसे चल रहा है तेरी माँ से बोलू आवारा साले| वो मेरा बाल पड़ते हुए निचे मेरे रूम मैं ले गयी और कुछ ढूंढने लगी अलमारी में| मैं सर झुका के बैठा था तभी वो मेरे तरफ आई और बोले ये क्या है उनकी हाथ में उनकी पैंटी थी जो मैंने चोरे की थी| मादरचोद बहनचोद मेरे पैंटी चुराता है रुक तेरी गांड मरते हैं हम | मुझे तो सु सु आ ने लगी डर के मारे |मैं उनके पैर पड गया और भीख मांगने लगा लेकिन वो लात से मारना शुरू कर दी | उसने बोला बता सब कुछ सही सही नहीं तो पुलिस में कम्प्लेन करूंगी | मैंने सब कुछ बता दिया | मैंने ये भी बता दिया की सिर्फ में देखने की कोशिश करता था और कुछ नहीं | देखना हैं न तुझे अब चल , वो मुझे बाथरूम ले गयी और बैठा दी और अपने सलवार उतार दी मैंने कहा ये क्या आप मत करिये प्लीज ये गलत है | लेकिन वो एक नही मानी , उसने धमकाते हुए कहा या तो पुलिस या तो ये , में भी मान गया मुझे भी तो चूत मरने का पहला मौका मिला था सो ठीक है मैंने कह दिया | लेकिन वो मादरचोद रंडी साली कुछ और चाहते थी उसने अपना चूत मेरे मुह पर ला दिया मुझे लगा चाटना है लेकिन देखते ही देखते वो मूतना स्टार्ट कर दी | उसने बाल से ले कर मुह और पुरे शरीर पे मूत दिया | मुझे गुस्सा होने के बजाय अजीब सा लग रहा था | मूत खत्म होते हो वो बोली चाट मरे चूत को | मैंने चाटना शुरू कर दिया | थोड़े देर बाद वो बोले नहा के नंगे रूम पे आ | में खुश ,मुझे लगा अब साली को मरे लंड की याद आई | मैँ नंगे ही उसके रूम में गया मेरा लंड तन के सात इंच हो गया इतना तन गया की दर्द होने लगा | मैँ उसके बगल में जाके बैठ गया | इतने में वो और तमतमा गयी और बोली साले मादरचोद निचे बैठ | मैं चुप चाप बैठ गया | वो सिक की झाड़ू से एक सीक निकली और बोली खड़े हो कमीने | मैं जैसे ही खड़ा हुआ वो मुझे सिक से गांड पर मारना शुरू कर दी | मैं दर्द से कराहने लगा और मेरा लंड छोटा हो गया | उसने बोला क्यों रे लंड अब खड़ा नहीं करेगा , ले मेरी चूत देख साले मादरचोद पैंटी चुराता है झक के देखता है रंडा दोगला | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | आज तेरा गांड मारूंगी | मैं दर्द से चुप खड़ा था | फिर वो चिर पे बैठ गयी और बोले चूत चाट लकिन खड़ा हुआ तो फिर मारूंगी और चूतडो को लाल कर दूंगी | मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू बस जो कह रही थी वो कर रहा था | मैं चूत चाटना शुरू कर दिया थोड़ी देर में मेरा फिर खड़ा होने लगा | वो बोली साले मानेगा नहीं रुक और मुझे पीटना शुरू कर दिया मैं एकदम परेशान हो गया | थोड़े देर बाद वो बोली अपना मुंह खोल मुझे टॉयलेट करना है | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | उसने मरे मुंह मैं टॉयलेट कर दिया | मैं थूक के जब आया तो वो बोले चल आब गांड चाट , मैं आना काने करने लगा तो वो बोली चल तू अपने हाथ से मेरा गांड साबुन से धो ले लेकिन चाटेगा तो तू ही | मैंने उसके गांड साबुन से साफ़ किया और फिर चाटना शुरू किया करीब आधे घंटे तब मैंने उसकी गांड को जीभ से चाटे शायद मुझे आचा लगने लगा था | इसके बाद उसने मुझसे कहा आज के लिए इतना ठीक है | जब मैं बुलाऊ आ जाना | मैं ठीक है कह के चला गया | नीचे जा के कुछ देर बाद मैं हिलाया और सो गया |इस तरह अगले १० दिन तक तो उसने मुझपर खूब पेशाब किये और पिलाया , चूत गांड चटवाई| फिर जब मम्मी और दीदी आ गयी तो वो मुझे कम आर्डर दे पाती थी पर जब भी मौका मिलता जरूर करवाती थे | कभी कभी वो सोई रहती थे में उसके आर्डर पे साड़ी उठा के गांड मालिश और चाटना शुरू कर देता था | लकिन मुझे चुदाई नहीं करने दी | इसी बीच मैंने अपने दीदी की गांड देखनी शुरू हो गया |मैंने रात में एक बार उसकी चूत में ऊँगली डालते देखा था वो खूब मज़े ले रही थी मैं खिड़की के ऊपर चढ़ के लंड हिला रहा था | मैंने मौसी के लड़की और जीजाजी के ठुकाई भी देखी और खूब हिलाया | इस तर एक साल हो गया | मेरा ग्रेजुएशन खत्म हो गया | इन सबके करण मेरा लड़कियों और औरतो को देखने का नजरिया बदल गया | तो दोस्तों ये मेरी कहानी कैसी लगी जरुर बताना |

रांड भाभी की लबलबाती चूत

हाय मेरा नाम रंजित है मैं आपके लिए एक बार फिर लंड में से पानी निकल देने वाली स्टोरी लेकर आया हूँ मैंने जब चाची को चोदा तो मेरे लंड को चुदाई का पानी लग गया।
हम गाँव में रहते थे जब मैंने १० की परीक्षा पास की तो मेरे माता पिता ने मुझे शहर में रहने वाले मेरे बड़े भैया के पास पढने भेज दिया मेरे भैया की अभी ६ महीने पहले शादी हुयी थी मेरे भैया एक मलटी नेशनल कंपनी में काम करते थे जिस कारण वह रात को भी कभी कभी घर नहीं आते थे।

एक दिन मैं मेरे दोस्त के साथ रांड चोदने गया मैंने एक लड़की पसंद की और उसका दाम दौ सौ रूपये दौ घंटे का तय हुआ मैं उसे कमरे में लेकर गया और उसे नंगा कर दिया उसके बूब्स दबाने लगा बूब्स दबाते दबाते हुए मैंने उसका नाम पुछा तो उसने रानो बताया मैं चौंक गया क्यूंकि मेरी भाभी जो कि बहुत सुंदर थी उनक नाम भी रानो था। उसके बूब्स दबाते समय सब चिल्लाने लगे भागो भागो मैंने खिड़की में से झांक कर देखा तो वहां पुलिस की रेड पड़ी है। मैं जैसे तैसे वहां से जान छुड़ाकर भागा घर पंहुचा तो रात के ११ बज चुके थे। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | 
मैंने हिम्मत करके भाभी कि साडी ऊपर उठाने की कोशिश की और कुछ देर बाद मैंने वह ऊपर उठाई तो मैं यह देखा कर दंग रह गया कि भाभी ने नीचे पेंटी भी नहीं डाल रखी थी। मैं उनकी उस चिकनी चूत को देखने लगा और उन्होंने आज ही उस की तेल से मालिश की थी इसलिए वह बिलकुल चिकनी थी मैंने लाईट बंद की और कमरे में से पेंसिल टॉर्च लाकर उनकी चूत को देखने लगा।

काफी देर देखने के बाद मेरा उसे किस करने का मन किया तो मैंने उस पर एक किस कर दी उनकी चूत की भीनी भीनी खुशबू ने मुझे उनकी चूत चाटने पर मजबूर कर दिया चूत चाटते समय मेरा लंड कड़क होकर लोहे की तरह तन गया तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पेंट की जिप खोल के उसे बाहर निकाला और उसे एक हाथ से सहलाने लगा तभी भाभी ने नींद में मेरा लंड पकड़ लिया और कहने लगी की जानेमन आज सेक्स करने का इरादा नहीं है क्या मैंने सोचा मुझे  भैया समझ रही और इस बात का फायदा उठाते हुए मैं मुह से कुछ ना बोला क्यूँ की मेरी पोल खुल सकती थी मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया और उनके बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरे लंड को सहला रही थी इसी बीच भाभी बोली देवर जी अब रहा नहीं जाता ये तुम्हारा ८” लम्बा मेरी चूत में डाल कर इस की प्यास बुझा दो मैं भाभी के मुह से यह सुनकर चौंक गया गया और बोला भाभी आप ने कैसे और कब जाना की ये भैया नहीं मैं हूँ भाभी बोली की जब तुम मेरे कमरे में आए थे | आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | मैं तब ही जान गयी थी की तुम हो दरअसल मैंने ही दरवाजा खुला छोड़ रखा था की तुम आओ और मैंने ही जान बुझ कर अपनी साडी घुटनों से ऊपर कर रखी थी की तुम मेरी इन मस्त और चिकनी टांगो को देखा कर मुझे चोदने का मन बना लो मैं बोला की भाभी अपने तो मुझसे तो चुदवाने की फुल प्लानिंग कर रखी थी । वोह बोली की देवर जी अब फालतू की बाते करके अपना और मेरा समय खराब मत करो और मेरे इस मस्त हुस्न का फायदा उठाओ मैंने वैसा ही किया इतना कहने पर मैं भाभी के मस्त बूब्स चूसने लगा और भाभी मेरा ८’ लम्बा लंड सहलाने लगी फिर मैंने भाभी की चूत पर हाथ रखा दिया तो भाभी बोली इस में बहुत गर्मी है इसकी आग आज बुझा दो। मैं पहले तो भाभी की चूत में ऊँगली करता रहा तो भाभी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईइआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लगी फिर मैंने भाभी की चूत पर मुह लगाकर उसे चाटा और जब भाभी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी तो वह बोली की जानेमन अब मत तड़पाओ मुझे तुम्हारा यह ८’ लम्बा लंड मेरी चूत में डालो मैंने भाभी की चूत पर लंड रखकर जोर से झटका मारा तो भाभी चीख पड़ी मर गैईई मैंने भाभी की एक न सुनी और १५ मिनट तक भाभी की चुदाई करता रहा छोड़ते समय मैंने भाभी से पूछ लिया की इतने सुंदर पति के होते हुआ भी आप मुझसे क्यूँ चुदवा रही हैं भाभी बोली की पति तो सुंदर है पर पति का लंड कोई काम का नहीं वह तो दो चार झटके में ही स्खलित हो जाता है। शादी के बाद से आज अपने जिन्दगी की सबसे अच्छी चुदाई तुमसे करवाई है और मुझे आज ही सही मायनों में आज ही चुदाई का असली अर्थ आज ही मालूम पड़ा अब जब भी भैया काम से बाहर जाते है तो मैं भाभी को वह सुख देता हूँ जो उन्हें भैया नहीं दे पाते और अब भाभी भी मुझे बहुत प्यार करती है

शुक्रवार, 6 मई 2016

आंटी की गरम चूत की गर्मी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिंकू है और मेरी उम्र 25 साल है। में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और में रहने वाला सूरत गुजरात का हूँ। दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मेरी एक सच्ची घटना है और यह मेरे साथ करीब आठ महीने पहले घटित हुई, जिसको में आज तक नहीं भुला सका हूँ। दोस्तों मैंने आज तक अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर बहुत सारी सच्ची सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा भी आया, लेकिन में आज जो कहानी आप सभी को सुना रहा हूँ यह मेरी पहली कहानी है और मैंने इसे बहुत मेहनत से आप तक पहुंचाया है।

दोस्तों में एक बहुत अच्छे अमीर परिवार से हूँ, मेरे परिवार में और मेरे माता पिता रहते है। दोस्तों उस समय मेरे घर के सामने वाले एक घर में एक नया परिवार रहने आया और वो लोग घर में तीन सदस्य है पति, पत्नी और उनका एक लड़का जिसका नाम रोहित है, जो मुझसे सिर्फ़ चार साल छोटा है तो उस लड़के से मेरी धीरे धीरे बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और में अधिकतर समय उसके घर पर आया जाया करता और उसका भी मेरे घर पर आना जाना लगा रहता और हम एक दूसरे के साथ अपना बहुत समय बिताने लगे। दोस्तों उसके पापा एक प्राइवेट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर है और उसकी मम्मी एक ग्रहणी है। दोस्तों रोहित की मम्मी शोभा आंटी थोड़ी सी मोटी जरुर है, लेकिन वो दिखने में अभी तक बहुत अच्छी लगती है, लेकिन मैंने कभी भी उन्हें किसी ग़लत निगाह से नहीं देखा था और में उनसे हमेशा आंटी कहकर बात किया करता था।

दोस्तों कुछ दिन बाद रोहित होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने बाहर चला गया तो उसके चले जाने के बाद मेरा उनके घर पर जाना भी बहुत कम हो गया। एक दिन शोभा आंटी मुझे मिली और वो मुझसे कहने लगी कि रोहित क्या चला गया तुमने तो घर पर आना जाना बिल्कुल ही छोड़ दिया? तो मैंने कहा कि आंटी में कुछ दिनों से थोड़ा किसी जरूरी काम में व्यस्त था, लेकिन में आज शाम को आपके घर पर जरुर आऊंगा और फिर उसी शाम को में शोभा आंटी के घर पर चला गया। मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो उस समय एक साड़ी में थी और मुझे देखते ही वो बहुत खुश होकर मुझसे बोली आ जाओ में भी घर पर अकेली बैठी बैठी बोर हो रही थी। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों अंकल कहाँ है? वो मुझसे कहने लगी कि तेरे अंकल ज़्यादातर समय बाहर टूर पर रहते है और फिर वो मुझसे इतना कहकर किचन में चली गई। फिर कुछ देर बाद मेरे लिए वो चाय बनाकर ले आई और थोड़ी देर बाद बातों ही बातों में आंटी ने मुझसे अचानक से पूछा कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? दोस्तों में उनके मुहं से यह शब्द सुनकर थोड़ा चकित जरुर हुआ, लेकिन फिर भी मैंने उनसे कहा कि शोभा आंटी अभी कुछ दिन पहले मेरा ब्रेकअप हुआ है तो आंटी मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली कि तुम आजकल के जवान लड़के लड़कियों को परेशान बहुत करते होंगे, तभी तो वो भाग गई होगी? फिर मैंने पूछा कि परेशान वो कैसे? तो तुरंत आंटी बोली कि आजकल तुम लोग गंदी गंदी फिल्म्स देखकर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वैसा ही सब कुछ उसके साथ करने या वैसा ही उससे करवाने की उससे उम्मीद करते हो और फिर आंटी इतना कहकर ज़ोर से हंसने लगी। दोस्तों उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर में बहुत चकित हो गया था और वो सब सुनकर मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया और आज पहली बार मेरे मन में आंटी के लिए कुछ ग़लत विचार आ रहे थे तो इतने में आंटी का कॉल आ गया और वो फोन पर अंकल से बातें करने में व्यस्त हो गई और में वापस अपने घर पर आ गया, लेकिन दोस्तों उस रात मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई और मैंने आंटी को सोच सोचकर मुठ मारी। दोस्तों उसके तीन, चार दिन बाद मेरे घर वाले एक शादी में बाहर चले गये तो में घर पर अकेला रह गया और अब में पूरा दिन घर पर सिर्फ़ सेक्सी फिल्म्स देखता रहा। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |  फिर उसी शाम को शोभा आंटी मुझे मिली तो मैंने उनको हैल्लो किया और बातों ही बातों में मैंने उन्हें बताया कि में घर पर बिल्कुल अकेला हूँ, तभी उन्होंने भी मुझसे कहा कि उनके पति भी बाहर गये है और फिर कुछ देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम दोनों अपने अपने घर पर चले गए और में बस उनके बड़े सेक्सी जिस्म को चोदने के बारे में सोचने लगा। दोस्तों रात को ठीक 9 बजे मेरे घर की घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो शोभा आंटी बाहर खड़ी हुई थी और फिर आंटी ने मुझसे कहा कि उन्हें थोड़ा सा दही चाहिए। फिर मैंने उनसे कहा कि पहले आंटी आप थोड़ा अंदर आ जाईए और फिर वो अंदर आकर मेरे रूम में बैठ गई। फिर में उनके लिए दही लेकर आया और अब आंटी मुझसे बातें करने लगी, उस समय आंटी ने काले कलर का गाऊन पहन रखा था जिसकी वजह से उनके बड़े बड़े बूब्स और बड़ी सी गांड बहुत सेक्सी दिख रही थी, शायद आंटी ने मेरी इस बात पर गौर कर लिया था कि में बार बार उनके बूब्स की तरफ घूर घूरकर देख रहा था। दोस्तों उस वक़्त मैंने आधी पेंट पहनी हुई थी और अब मेरा लंड धीरे धीरे पूरा खड़ा हो गया था और भी आंटी बार बार जानबूझ कर मुझसे थोड़ा झुककर बात कर रही थी ताकि में उनके बूब्स देख सकूं। फिर आंटी बोली कि अभी तो तुम घर पर एकदम अकेले हो क्यों तुम कोई ग़लत काम तो नहीं कर रहे हो ना? फिर मैंने पूछा कि आंटी ग़लत काम का मतलब क्या? आंटी तुरंत बोली कि क्यों कोई गंदी फिल्म तो नहीं देख रहे हो ना? और फिर वो हंसने लगी। दोस्तों उनके मुहं से यह सब सुनकर मेरे पूरे शरीर में अब कुछ कुछ हो रहा था और इतने में आंटी ने मेरी उस पेंट की जिप की तरफ मुझसे देखकर कहा कि यह इतना मोटा बाहर क्या दिख रहा है? दोस्तों क्योंकि उस समय मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा था और जिसकी वजह से मेरी पेंट उठी हुई दिख रही थी। दोस्तों अब में भी पूरी तरह से मूड में आ चुका था। फिर मैंने उनसे तुरंत कहा कि आंटी आप ही देख लीजिए और में उनके पास जाकर खड़ा हो गया। आंटी मेरे बेड पर बैठी हुई थी और जैसे ही में उनके पास गया तो उन्होंने तुरंत मेरा लंड उस छोटी पेंट के बाहर से झपटकर पकड़ लिया और वो मुझसे बोली कि वाह वाह तुमने इसको बहुत सम्भालकर रखा हुआ है और अब वो मेरा पकड़कर धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगी। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी अब खोलकर भी देख ही लो। दोस्तों उन्होंने झट से मेरी पेंट की चेन खोली और तुरंत मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और वो मेरे लंड पर ऐसे झपटी जैसे उन्हें मेरे हाँ कहने का ही इंतजार था और उसके ऐसा करने से मुझे लगा कि मुझे आज पूरी जन्नत मिल गई है। दोस्तों आंटी अब अपने नाज़ुक मुलायम मुलायम हाथों से मेरा लंड पकड़कर सहला रही थी तो मैंने भी इस बात का फायदा उठाकर आंटी के बूब्स दबा दिए। दोस्तों उनके बूब्स आकार में बहुत बड़े और बहुत मुलायम महसूस हो रहे थे, लेकिन अब आंटी और में पूरे मूड में आ चुके थे। आंटी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए थे और में पूरा नंगा होकर खड़ा हुआ था और आंटी मेरा लंड अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी। दोस्तों ये कहानी आप अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोस्तों उस वक़्त मानो में जन्नत में सैर कर रहा था और जिस औरत को लंड चूसना बहुत अच्छी तरह से आता है और अगर उससे आप अपना लंड चुसवाओगे तो सही में आप दस मिनट तक भी अपना लंड नहीं रोक सकोगे। फिर मैंने आंटी का गाऊन उतार दिया तो मैंने देखा कि उन्होंने काली कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी और में अब ब्रा को भी उतारकर उनके वो बड़े बड़े मुलायम बूब्स चूसने लगा और वो बार बार कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से चूस मेरे बच्चे और ज़ोर से। मुझे भी ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने सही मौका देखकर अपना एक हाथ आंटी की पेंटी के अंदर डाल दिया। तभी मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि उनकी चूत एकदम साफ थी और उसे छूकर मानो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो अभी अभी अपनी चूत को साफ करके आई है। आंटी अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी और उनकी चूत भी गीली हो रही थी तो उन्होंने खुद ही अपनी पेंटी को उतार दिया और बोली कि प्लीज़ मेरी इसे चाटो।

फिर मैंने बिना वक़्त गंवाए उसको दीवार के सहारे खड़ा करकर उसके करके पैर को ऊपर करके मैंने उसकी चूत में अपना मुहं घुसा दिया और एकदम में बहुत जोश में आकर उसकी चूत को चाट रहा था और वो आहह सस्स्शह उउउम्म्म्मम बोल रही थी और में उतनी ही गहराई से अपनी जीभ को उसकी चूत में अंदर तक घुसा रहा था, क्योंकि मुझे चूत को चाटना, चूसना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि मुझे चूत से निकलता हुआ पानी बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों उनकी चूत भी उनकी तरह बिल्कुल गोरी थी, आंटी ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और गरम गरम साँसे छोड़ रही थी। दोस्तों मैंने करीब उसकी उसी पोज़ में करीब दस मिनट तक चूत चाटी और फिर मैंने उसको बेड पर लेटाकर उसकी चूत पर अपना मुँह और भी ज़्यादा अंदर घुसाकर एक और हमला कर दिया और अब में उसकी चूत को ज़ोर से चाट रहा था और चूस रहा था और मज़े ले रहा था और उधर आंटी उूउउम्म्म्मम उूउउफफफफ्फ़ तकिये को पकड़कर दबा रही थी और मेरे बाल खींच रही थी और मेरा मुहं अपनी चूत पर दबा रही थी और वो मुझसे कह रही थी कि हाँ खा जाओ उह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी इसको उह्ह्ह और थोड़ा और ज़ोर से स्स्सीईईईइ चूसो, वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है मुझे आज तक ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला। फिर मैंने अपने एक हाथ से उसके दाने को छुआ और अब में उसको धीरे धीरे घिसने, सहलाने लगा और वो मानो बिना पानी की मछली हो ऐसे उछलने लगी और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उसको पूरा पी लिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से पूरी तरह चाट चाटकर साफ कर दिया। अब में आंटी के ऊपर आ गया और में अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा तो आंटी ने मुझसे कहा कि प्लीज़ देखो हमे कोई देख लेगा तो क्या कहेगा, हम दोनों पूरे नंगे होकर एक दूसरे से लिपटे हुए है और वो यह बात कहकर मेरे कूल्हे दबाने लगी।

दोस्तों आंटी इतनी सेक्सी बातें कर रही थी कि मुझे भी उनकी बातों में बहुत मज़ा आ रहा था। आंटी मुझसे बोली कि प्लीज़ रिंकू अपनी आंटी के साथ थोड़ा धीरे धीरे करो वरना मुझे दर्द बहुत होगा, क्योंकि तुम्हारा लंड बहुत लम्बा, मोटा है, प्लीज़ तुम धीरे धीरे डालो, क्योंकि तुम्हारे अंकल का तो बहुत छोटा है और मुझे अब तक सिर्फ उसी को लेने की आदत है, लेकिन अब तो वो मुझे समय भी नहीं दे सकते और वो मेरे कूल्हे ज़ोर से दबाने लगी। फिर बोली कि प्लीज अब धीरे धीरे अंदर डाल दे रिंकू। फिर मैंने अपना लंड अंदर डाल दिया और आगे पीछे होने लगा और आंटी उस दर्द से आहें भर रही थी और मुझे तो अपनी जिन्दगी के सारे सुख मिल रहे थे और में मन ही मन सोच रहा था कि मुझे तो अब कहीं बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा और घर के पास ही मुझे यह सब मिल जाएगा। फिर मैंने यह बात सोचकर अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया, क्योंकि आंटी की आँहे अब बहुत बढ़ गयी थी।

फिर वो मुझसे अब बोल रही थी कि और ज़ोर से आईईईई हाँ उह्ह्हह् और ज़ोर से चोद मुझे मादरचोद उह्ह्ह्ह थोड़ा और अंदर डाल कुत्ते, आज फाड़ दे मेरी चूत को और इसका भोसड़ा बना दे और वो यह बात बोलते बोलते थोड़ी ही देर के बाद झड़ गई और मुझसे रुकने के लिए कहने लगी, लेकिन मैंने कहा कि नहीं आंटी, अभी मेरा काम भी होना बाकी है तो आंटी हंसकर बोली इतनी कम उम्र है और इतना टाईम लगता है? यह अब बहुत परेशान कर रहा था अपनी नंगी आंटी को और फिर वो लंड को बाहर निकालने की ज़िद करने लगी कि प्लीज अब मत करो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मैंने उनसे कहा कि में अभी तक झड़ा नहीं हूँ तो इसका में क्या करूं? दोस्तों आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसकर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर जल्दी जल्दी अंदर बाहर लेकर चूसने लगी और फिर कुछ देर बाद लंड को बाहर निकालकर वो मुझसे बोली कि इसका पानी तो आज में बहुत अच्छी तरह से निकालती हूँ, यह बहुत बड़ा और शरारती हो गया है और वो अब मेरा लंड बहुत ज़ोर से अपने मुँह में लेने लगी, उसकी स्पीड अचानक से बहुत बड़ चुकी थी और थोड़ी ही देर में मेरा वीर्य निकल गया और मैंने अपना सारा गरम गरम वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया और वो सारा का सारा वीर्य पी गयी। फिर आंटी मुझसे हंसकर बोली कि तुम्हारा लंड कितना ज़्यादा वीर्य निकालता है क्यों तूने इसे अपने लंड में कितने दिन से बचाकर रखा था? और यह कितना गाड़ा, मीठा और स्वादिष्ट भी और अब आंटी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी। अब आंटी और में सीधे बाथरूम में चले गये और हमने वहां पर एक दूसरे को साफ किया और उसके बाद वापस आ गये। दोस्तों में अभी भी नंगा ही था और आंटी भी पूरी नंगी थी। फिर आंटी मुझसे कहने लगी कि अब तुमने अपनी आंटी को नंगा किया है तो उसी तरह कपड़े भी पहना दो। फिर मैंने उनसे कहा कि नहीं, आप मुझे ऐसे ही अच्छी लगती हो।

फिर आंटी बोली कि तुम बहुत बड़े गुंडे हो, तुमने अपनी आंटी को पूरा गंदा कर दिया और फिर वो ज़ोर से हंसने लगी। फिर मैंने उनसे कहा कि आप यहीं पर रुक जाओ तो आंटी बोली कि ठीक है और फिर आंटी मेरे घर पर सुबह के चार बजे तक रही और हम दोनों ने उस रात को तीन बार और सेक्स किया। आंटी और में रात भर पूरे नंगे रहे और पॉर्न फिल्म देखते रहे। दोस्तों अब भी आंटी और मुझे जब भी कोई अच्छा सा मौका मिलता है तो हम दोनों जमकर सेक्स करते है, लेकिन उससे ज़्यादा हम दोनों हमेशा फोन पर सेक्सी बातें करते है, आज तक यह सिलसिला चालू है ।।

धन्यवाद …

गुरुवार, 5 मई 2016

भाभी की गरमा गर्म चूत चाटी

दोस्तों मेरा नाम राहुल सिंह हैं और मैं पंजाब का रहनेवाला हूँ. वैसे मैं अपनी इंजिनियरिंग की पढाई के लिए पिछले २ सालों से दिल्ली में ही हूँ. और आज की यह हिंदी सेक्स स्टोरी भी दिल्ली में हुए एक सच्चे और हॉट हादसे की ही हैं. आज मैं आप को बताऊंगा की कैसे मैं दोपहर को एक भाभी को चोदा था वो भी छत के ऊपर.
उस भाभी का नाम कुलवंत कौर था और वो मेरे मकानमालिक बिट्टू सिंह की बहु थी. उसका पति दलेर काफी सालों से लंदन में था और उस भाभी की हरियाली चूत को सुखा करने के लिए उसे पीछे छोड़ के गया था वो. भाभी कलवंत के रूप के बारे में बताऊ तो वो एक २५ साल के करीब की हॉट औरत हैं. उसके फिगर का नाप कुछ ३२-३०-३४ का होगा.
उसकी गांड देखने से बनती हैं और आँखे भी शराब की प्याली के जैसी हैं उसकी. दलेर सिंह पैसे कमा रहा था लेकिन इस यौवन के प्याले को पीछे छोड़ के गया था मेरे जैसे सेक्स पारखू के लिए. पहले दिन से ही मेरा दिमाग इस भाभी की चूत के गुलाबजामुन को खाने के लिए मचल रहा था. लेकिन बुढा बिट्टू सिंह डेढ़साना था. वो जानता था की दिल्ली में इंजीनियरिंग करने वाले लौंडे कितने खतरनाक होते हैं. वो कभी भी भाभी को मेरे करीब आने नहीं देता था.
और फिर मेरी किस्मत से एक बार इस बूढ़े को टाइफोइड हुआ और उसे अस्पताल में भरती किया गया. भाभी की ननंद जो दिल्ली में ही रहती हैं वो यहाँ आ गई. भाभी टिफिन बनाती थी और उसकी ननंद लाडो हॉस्पिटल में रहती थी बूढ़े के पास. इस बिच में मैं भी चांस मार रहा था भाभी के ऊपर. वो कम ही बोलती थी.
एक दिन जब वो खाना पका रही थी तो मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुसा. जानबूझ के तौलिया मैंने नहीं लिया था और कपडे भी बहार सोफे पर ही रख के मैं अन्दर चला गया. कुछ देर तक लंड को साबुन लगा लगा के मैंने खड़ा किया और फिर भाभी को आवाज लगाईं.
भाभी प्लीज़ मेरे कपडे देंगे मैं भूल गया हूँ.
आई, रोटी उतार के.
एक मिनिट में जब वो आई तो मैंने उसके कदमो की आवाज महसूस की. मैंने लंड पर दो हाथ और मारे और उसे टाईट किया. भाभी ने बाथरूम के दरवाजे पर कपडे और तौलिया रखा, और तभी मैंने अपना प्लान अमम में रख दिया. मैंने पाँव फिसलने की एक्टिंग की और दरवाजे पर अपनी आधी बोड़ी को धकेल दिया. दरवाजा खुल गया और मैं लड़खड़ाने की एक्टिंग कर रहा था. कलवंत भाभी की नजर ना चाहते हुए भी मेरे कसे हुए लंड पर आ गई. वो उसे सब कुछ भूल के देख रही थी. मैं खड़ा हुआ और भाभी के हाथ से कपडे लिए और लंड को ढंक लिया. भाभी तब होश में आई और हंस पड़ी.
मैंने कहा क्या हुआ?
भाभी कुछ नहीं बोली और वो किचन की और चली गई. मैं तौलिया लपेट के ही उसके पीछे चला गया. तौलिये में भी मेरा लंड अपना अकार बनाये हुए था. किचन में भाभी ने मुझे और मेरे कसे हुए लंड को तिरछी नजर से देखा और चुपचाप रोटी सकने लगी, मेरा लौड़ा बौखला गया था. मेरे सामने भाभी की गांड थी जो नाइटी में एकदम मादक लग रही थी. अन्दर उसने पेंटी नहीं पहनी थी इसलिए गांड की फांक में कपडा घुसा हुआ था. अब आप तो जानते ही है की यह सिन कितना मादक होता हैं. मैं भाभी के पास गया तो वो फट से मेरी और मुड गई. मैंने देखा की उसकी साँसे फूली हुई थी. मैं अपने चहरे को उसके करीब ले गया तो उसने आँखे बंध कर दी. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चहरे को पकड लिया और अपने होंठो को उसके होंठो पर लगा दिया. भाभी ने मेरे सर को अपनी तरफ खिंचा और किस देने लगी, हमारे होंठ एक दुसरे से जुड़ चुके थे और भाभी किस साँसों की खुसबू से मेरा लोडा और भी टाईट हो गया. वो भाभी के पेट पर चुभा भी होगा.
मैंने हाथ आगे किया और भाभी के पेट पर रख दिया. फिर धीरे धीरे कर के हाथ को बूब्स की तरफ बढ़ा दिया. वो साँसे बढ़ा चुकी थी और मेरे हाथ को उसने पकड लिया. मैंने जबरन उसके बूब्स पकडे और दबा दिए. बाप से इस भाभी को काफी दिनों से चोदा नहीं गया था और वो बेताब थी.
लेकिन फिर पता नहीं उसे क्या हुआ की उसने मुझे धक्का दे दिया और वहां से हट गई. वो छत की तरफ गई. मैं भी सीडियां चढ़ के ऊपर गया. ऊपर मस्त धुप थी, भाभी सुखाये हुए कपडे लेने लगी तो मैंने पीछे से उसे पकड लिया.
भाभी ने कहा, यह गलत हैं.
मैंने कहा, मैं आप को प्यार करता हूँ भाभी, इसमें क्या गलत हैं.
मैं शादीसुदा हूँ.
लेकिन आप अकेली भी हैं और मुझसे यह देखा नहीं जाता हैं.
कही कुछ अनर्थ हो गया तो.
मैं अन्दर नहीं निकालूँगा आप के, फिर तो कुछ नहीं होगा न.
नहीं नहीं, यह गलत हैं.
मेरी आँखों में आँखे डाल के कहिये की आप मुझसे प्यार नहीं करती हैं. और आप मेरे साथ ख़ुशी के दो चार पल बांटना नहीं चाहती हैं, आइने फ़िल्मी स्टाइल में डायलोग बोल दिया.
और साला यह डायलोग काम कर गया. भाभी ने मुझे गले से लगा लीया और मैंने उसकी गांड पर हाथ रख दिया. मैं धीरे से उसकी नाइटी को हटा के गांड की फांक को खोलने लगा था. भाभी ने कहा, आह्ह्ह ह्ह्ह्हह.
मैंने कहा, डार्लिंग मुझे पता है की तुझे बहुत टाइम से चोदा नहीं गया हैं. लेकिन आज तेरे सब ख्वाब पुरे कर दूंगा.
जल्दी करो, मेरी ननंद आ जाए उसके पहले.
मैं जान गया की भाभी को जल्दी ही चोदना पड़ेगा क्यूंकि उसकी ननंद के आने का वक्त हो चला था..
भाभी ने अपने हाथ से अपनी नाईटी को ऊपर किया. धुप सख्त थी इसलिए हम दिवार के करीब आ गए. फिर मैंने भाभी की झांट से भरी हुई चूत को टच किया. भाभी के मुहं से सिसकी निकल पड़ी. मैंने अपने लंड को तौलिये को हटा के आजाद कर दिया. भाभी ने अपने हाथ को आगे कर के लंड को पकड़ा और बोली, बहुत बड़ा हैं तुम्हारा तो. कितनो को चोदा हैं इस से?
मैंने जूठ बोलते हुए कहा, बस आप से पहले एक को ही चोदा हैं, जिसे मैं प्यार करता था!
भाभी हंस पड़ी और मैंने अपने लंड को चूत के छेद पर लगा दिया. दोपहर की गर्मी के बिच में जब मैंने अपना लंड भाभी की चूत में रगडा तो हम दोनों ही पसीने से नाहा रहे थे. भाभी को मैंने वही छत पर चोदा और वादे के मुताबिक़ माल चूत में नहीं निकाला.
फिर हम दोनों निचे आ गए और मैं फिर से नहाने चला गया. भाभी की ननंद टिफिन ले के गई और मैंने एक बार फीर से भाभी को चोदा. भाभी की चुदाई का सिलसिला जो उस दिन से स्टार्ट हुआ हैं की आजतक भी चालु हैं. मैं जब भी चांस मिले और बूढ़ा रुकावट न डाले तो भाभी को चोदता हूँ. वो भी खुश हैं और मैं भी.

ट्रेन में मिली रसभरी चूत बजा दी

दोस्तों मेरा नाम नीलम है. और दोस्तों में ट्रेन से जा रही थी अपने हस्बैंड के कजिन की शादी में थी अपने ससुराल और में ट्रेन में अकेली थी. ट्रेन में एक लड़के की हरकतों ने मुझे इतना एक्साइट कर दिया की मुझसे कण्ट्रोल ही नहीं हो रहा था. असल में मैंने सारी पहनी थी पर उसका पल्लू थोडा ढीला पहना था क्यूनी गर्मी बहुत थी और मुझे अपने ससुराल से अगल रहने की वजह से सारी पहनने की आदत छुट गयी थी. और वो लड़का मेरी सीट के सामने बैठा था. मेरा बैग सीट के निचे था. जब में अपना कुछ सामान लेने झुकी तो उसको मेरा पल्ला ढीला होने की वजह से मेरा पूरा क्लीवेज दिख गया और वो शायद एक्साइट हो गया था.
फिर उसने मुझ से बाते शुरू की और क्यूंकि हमारा केबिन एक ही था कई बार हमारा हाथ टकराया और कई बार हम टकराए. तभी अचानक में भी उठी और वो भी और उसके हाथ मेरे बूब्स पर आया गए. उसने सॉरी बोला और मैंने भी बोला कोई बात नहीं. पर इसके बाद उसकी हरकते बढ़ गयी और में भी एक्साइट होने लगी. कभी वो मेरे पेरो को अपने पेरो से टच करता और सॉरी बोल देता. में भी स्माइल कर देती और कभी में कड़ी होती तो मेरी गांड को टच कर देता. पर उसकी इन् हरकतों से में भी एक्साइट हो रही थी. में पूरी कोशिश करती रही पुरे रास्ते. सीट पर बैठे बैठे कभी अपने पाँव सिखोडटी तो कभी अपने गले पर धीरे धीरे हाथ फेरती, पर इन सब से प्यास बढती ही चली जा रही थी.
में जैसे तैसे अपने अरमानो को काबू कर, अपनी मंजिल- इंदौर पहुची. वह पर मेरे हस्बैंड के कजिन यानी की मेरे कजिन देवर लेने आये थे और उनके साथ एक फ्रेंड भी था. मेरे देवर का नाम मनीष था और उसके फ्रेंड का नाम मयंक था.
मनीष ने मुझे अपने फ्रेंड से मिलवाया. और बताया की मयंक उनका सब से क्लोज फ्रेंड है उअर शादी में उनकी बहुत मदद कर रहा है.
उसने मुझे नमस्ते की और मैंने भी उसे स्माइल दी. फिर वो थोडा आगे आये और मेरे सामान उठाने के लिए थोडा झुके और स्ट्रोलर का हैंडल पकड़ने लगे. में भी एक दम से ना करने ले लिए अपना हाथ स्ट्रोलर के हैंडल की और बढाया और थोडा झुकने लगी.
मैंने पिंक कलर की बहुत लूसे साड़ी पहनी थी गर्मी की वजह से. झुकते ही मेरा पल्लू एक दम से निचे गिर गया और मेरा क्लीवेज उसके सामने थे.
उसने मेरे क्लीवेज की साइड देखा और एक दम से आँखे बंद कर के उसने अपना फेस दूसरी तरफ टर्न किया. इस्सी वक़्त मेरा देवर आया और उसने मेरा बैग पकड़ कर बोला “अरे आप लोग परेशान मत हो, में हु ना.” और हम तीनो ने स्माइल दी एक दुसरे को और प्लातेफ़ोर्म से जाने लगे.
प्लेटफार्म से गाडी तक जाने तक में येही सोचती रही की कैसे मयंक ने अपना फेस साइड में कर लिया मेरा क्लीवेज देखते ही.
आक कल की दुनिया में जहा लोग ज़बरदस्ती औरतो का पल्लू गिरा कर क्लीवेज देखना चाहते है. वही मयंक ने कस्से अपना फेस हटाया मेरे क्लीवेज को देख कर. उसकी यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी. और मुझे वो पेर्सोनली बहुत अच्छा लगने लगा.
में अपने ससुराल आ गयी और बहू होने के नाते मुझे सबके चरण स्पर्श करने थे. पर साडी बहुत लूज थी. तो मुझे संकोच भी था की में कैसे झुकू. खुद की इज्ज़त झुपाने के लिए मैंने मैंने अपना पल्लू अच्छे से अपने ऊपर लपेट लिया ताकि झुकने पर किसी को कुछ न दिखे. मेरे ऐसे साड़ी पहनने से घर के सरे बुजुर्ग बहुत इम्प्रेस हुए और मुझे आशीर्वाद दिया.
तभी मेरे ससुरजी बोले बीत्य बहुत थक गयी होगी अपने रूम में जयो और फ्रेश हो जयो.
में मनन ही मनन कहा हा ससुर जी थक तो गयी ट्रेन में, एक लड़के ने मुझे बहुत एक्साइट किया.
में मन ही मन मुस्काई की मयंक ने मेरा सामान फिर से उठा लिया और बोला की. “ चलो भाभी आपको आपका रूम दिखा देता हु”.
मैंने कहा “ हाँ ठीक है” और हम फर्स्ट फ्लोर के रूम में चले गए. रूम में एन्टर होते ही मयंक ने पंखा ओन कर दिया और बोला भाभी कुछ जरुरत हो तो बता देना. मैंने कहा ठीक है मयंकतुम टेंशन न लो, यह मेरा ही तो घर है, में मैनेज कर लुंगी.
उसने कहा, “ हनन भाभी, घर तो अप्प का ही है, पर अभी शादी की तैयारी की ज़िम्मेदारी मेरी है इसलिए भाभी की ज़िम्मेदारी भी तो मेरी हुई न.
मुझे उसकी सिंसेरिटी देख कर बहुत अच्छा लगा और मैंने उसे प्यारी से स्माइल दी और वो भी एक स्माइल देकर गेट बंद कर के चला गया.
मैंने अपना लगेज ओपन किया और एक पर्पल साडी निकली और उसके मैचिंग के अंडर र्गार्मेंट्स निकाले. मैंने साडी निकली और उसके अन्दर अपनी प्र्प्ले ब्रा और पिंक बसे पर्पल फ्लावर वाली पेंटी को फोल्ड कर के रख दिया. फिर मैंने अपनी मेक- उप किट निकली और तोवेल धुधने लगी.
तोवेल बैग में न मिलने के कारन में थोडा परेशान हो गयी. और अपने घुटनों पर बैग में अच्छे से ढूढने लगी.
मेरा पल्लू झुकने के कारन गिर गया. में सीधी हुई और अपना पल्लू ठीक कर के फिर से तोवेल ढूढने लगी. में बैग के दूसरी तरफ ढूढने के लिए थोडा शिफ्ट हुई तो मेरा फेस दरवाज़े की तरफ हो गया था.
में तोवेल ढूढते हुए फिर झुकी तो मेरा पल्ला फिर से गिर गया. मैंने इस बार उसे गिरा ही रहने दिया यह सोच कर की मैं रूम में अकेली हे तो हु और ढूढने में तो और भी बार गिरेगा तो कब तक संभाल कर रख पयुंगी.
में ढूढ ही रही थी की अचानक से गेट ओपन हुआ और में शॉक हो गयी. पूरी तरह से झुके होने के कारन मेरे बूब्स थोड़े बहार आ गए थे और बहुत सेक्सी लग रहे थे.
मेरे क्लीवेज का नज़ारा और मेरे सामने से गिरते हुए बाल मुझे और भी सेक्सी बना रहे थे. गेट एक दम से ओपन हुआ और मयंक कुछ बोलते हुए एक दम से अन्दर आ गया.
“भाभी जी आज शाम्म्मम्म… हम्म्म्म…”
जैसे ही उसने मेरे बूब्स की तरफ देखा तो उसकी ज़बान अटक गयी और आँखे खुली की खुली रह गयी.
मेरे दोनों बूब्स जिसको शायद वो दूध बोलता होगा वो उसके सामने थे. ब्लाउज में बूब्स बंद होने के कारन दोनों दूध आपस में टकरा रहे थे, उन्हें देख कर वो शायद सब कुछ भूल गया था.
में एक दम से होश में अ गयी और घुटनों पर बैठ कर पल्लू ठीक करने लगी.
उसने कहा, “सॉरी भाभी, मुझे गेट नॉक कर के आना चाहिए थे” और गेट फिर से बंद कर दिया.
मैंने एक दम से कहा,” मयंक!!”
उसने फिर से गेट ओपन किया और कहा “जी भाभी”.
मैंने कहा तुम कुछ कह रहे थे उस टाइम, किस आम से आना हुआ?
उसने कहा कुछ खास नहीं भाभी, में आपको बताने आया था की हम आज शाम को घुमने जायेंगे सभी गेस्ट को लेकर तो आप चाहो तो अप भी आ सकती हो.
मैंने कहा नहीं मयंक, मेरे लिए पॉसिबल नहीं होगा क्यूंकि में यहाँ बहु हु और मुझे कुछ फॉर्मेलिटी करनि [अड़ेगी घर के काम करने की.
उसने कहा जेसा आप ठीक समझे भाभी और गेट बंद कर के जाने लगा.
मुझे जभी स्ट्राइक हुआ की क्यों न में मयंक से तोवेल मंगवा लू.
में एक दम से कड़ी होने लगी और आवाज़ दी “ मयंक”!!
मैंने उठने के लिए दोनों हाथ ज़मीन पर लगाये और उठने लगी की तभी मेरा पल्लू फिर गिर गया और उस्सी वक़्त मयंक फिर से दरवाज़ा ओपन कर के मुझे देखने लगा. इस बार फिर उसने मेरा पल्लू गिरा हुआ देखा पर इस बार मेरे बूब्स नहीं बस मेरा क्लीवेज ही उसे दिखा.
पर वो क्लीवेज भी उसके लिए शायद बहुत था क्यूंकि उसके एक्सप्रेशन से मुझे लगा की उसने अपनी लाइफ में किसी के भी क्लीवेज नहीं देखे होंगे.
में मन ही मन सोच रही थी की यह क्या हो रहा है आज ४०-५० मिनट में मैंने मयंक को अपने दूध के ३ बार दर्शन दे दिए. पता नही वो मेरे बारे में कीस सोच रहा होगा.
मैंने अपना पल्लू ठीक किया और कहा की मयंक में अपना तोवेल लाना भूल गयी हु, क्या तुम एल तोवेल अर्रंगे कर सकते हो.
उसने कहा क्यों नहीं भाभी, बस ५ मिनट दीजिये.
मैंने उसे स्माइल दी और कहा की तोवेल गेट पर टांग देना में ले लुंगी. उसने स्माइल दी और गेट बंद कर के चला गया. उसके गेट बंद करते ही में सोचने लगी की कैसे उस ट्रेन वाले लड़के ने मेरे बूब्स दबाये और मयंक ने घर पर मेरे बूब्स देखे वो भी ३ ३ बार.
यह सब कुछ सोच कर में फिर से एक्साइट हो गयी और धीरे धीरे करते हुए में अपने सरे कपडे उतरने लगी.
सब से पहले में अपना पल्लू निचे कर फेंक दिया और अपने क्लीवेज को देख कर मयंक और ट्रेन वाले लड़के को याद करने लगी . उनकी याद इ अपने ब्लाउज के ३ हुक खोल दिए और फिर ब्लाउज भी उतर कर फेंक दिया.
फिर मैंने अपनी साडी की कमरे से पिन निकल दी और साडी उतर कर बेड पर रख दी. अब मैं सिर्फ येलो ब्रा और पेंटी में थी. में मिर्र्रोर के सामने गयी और अपने आप को येलो और पिंक और वाइट पेंटी में देखने लगी.
खुद को मिरर में इस हाल में देखने से मेरी प्यास जागने लगी और अपने आप ही मेरी सांस गहरी होती चली गयी.

भाभी और भाभी की सहेली की चुदाई

मेरे रीना भाभी से बहुत मधुर सम्बन्ध है . मैं उसे बहुत चाहता हूँ और वह भी मुझे बहुत चाहती है . मेरी नजदीकियां काफी बढ़ चुकी है . मैं उसके कपडे 
खोलता हूँ वह मेरे कपडे खोलती है . मैं उसे नंगी कर देता हूँ वह मुझे नंगा कर देती है . मैं उसकी चूंचियों पर साबुन लगा कर उसे नहलाता हूँ वह मेरे लण्ड पर साबुन लगा कर मुझे नहलाती है . मैं उसकी चूंचियाँ चूसता हूँ वह मेरा लण्ड चूसती है . मैं उसकी चूत चाटता हूँ वह मेरा लौड़ा चाटती है .मैं उसकी गांड सहलाता हूँ वह मेरी गांड सहलाती है . मैं उसकी झांटे बनाता हूँ वह मेरी झांटें बनाती है .मैं उसकी बुर चोदता हूँ वह मेरा लण्ड चोदती है . अब तो आलम यह है की न तो मुझे उसके वगैर चैन मिलता है न ही उसे मेरे वगैर चैन मिलता है .
इस तरह के सम्बन्ध, दोस्तों, एक दिन में नहीं हो गए . इसमें काफी समय लगा है . मैं आपको संक्षेप में बताता हूँ . रीना भाभी मेरी मकान मालकिन है .और मैं उसका एक किरायेदार ? मैं उसके घर में ऊपर एक कमरा लेकर रहता हूँ . आज से लगभग दो साल पहले मैं एक कमरा किराए पर लेने के लिए घूम रहा था . अचानक किसी ने मुझे रीना भाभी का घर बता दिया . बस बात चीत हुई और सौदा तय हो गया . मैं आराम से रहने लगा . बहुत दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ की भाभी घर में अकेले ही रहती है .तबसे मैं भाभी के ऊपर नज़र रखने लगा . भाभी बहुत सुन्दर है . उसका गदराया बदन, बड़ी बड़ी आँखे, गोल और गोरा चेहरा, लम्बे बाल, बड़े बड़े चूतड, बड़ी बड़ी चूंचियां और मस्त गुन्दाज़ बाहें मेरा मन हमेशा अपनी ओर खींचने लगी मेरी निगाह बरबस उसकी चूंचियों पर चली जाती थी . आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मुझे यह भी मालूम हुआ की भाभी एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती है . टीचर है . इधर मैं भी एक ऑफिस में काम करता हूँ . मैंने देखा की भाभी की खूबसूरती दिन पर बढती जा रही है . मैं उसकी खूबसूरती पर मोहित हो गया और मन ही मन उसे प्यार करने लगा . लेकिन यह बात कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई मेरी . हां मैं उसे आते जाते देखता जरुर था . उसकी मस्त चूतड हिलाती हुई चाल मुझे बहुत अच्छी लगती थी . उसकी आगे से उछलती हुई चूंचियाँ मैं देख कर मैं दीवाना हो जाता था . रात में मुझे भाभी के सपने आने लगे , जाने कितनी बार मैंने भाभी के नाम का मुठ्ठ मारा है . उसके नाम से मेरा लौडा खड़ा हो जाता था . मैं इसी मौके की तलास में था की किसी दिन भाभी से खुल कर बातें हो जाये ? बातों के बाद शायद कुछ और खुलने का मौका मिले मुझे . मैं बस इसी फिराक में रहने लगा . एक दिन मैंने इत्तिफाक से भाभी को बिलकुल नंगी बाथ रूम जाते हुए देख लिया . बस मेरे तन बदन में आग लग गयी . मेरा लौडा बहन चोद तन कर खड़ा हो गया . मैंने मन में कहा वाओ, कितनी मस्त और चिकनी है जवानी भाभी की . क्या चूंचियाँ है ? क्या चूतड है ? क्या गांड है ? कितनी पतली कमर है ? कितनी मस्त बाहें है ? मैं बस देखता ही रह गया . मैंने सोचा की भाभी नंगी निकलेंगी तो फिर देखूँगा लेकिन देख नहीं सका ?
एक दिन हिम्मत करके मैं भाभी के कमरे में जा ही रहा था की मैंने देखा की भाभी अपनी सहेली से बैठी बातें कर रही है . बस मैं छिप कर उन दोनों की बातें सुनने लगा . दोनों के हाथ में शराब के गिलास है . मैं भाभी को शराब पीते हुए पहली बार देख रहा था . थोड़ी देर में भाभी ने सिगरट निकाली एक सुनीता को दिया और दूसरी खुद जला कर पीने लगी . भाभी सिगरट और शराब पीते हुए बड़ी सेक्सी लग रही थी . 
भाभी बोली :- हाय सुनीता आजकल क्या हो रहा है .? मौज मस्ती हो रही है की नहीं .?
सुनीता बोली :- हां बिलकुल हो रही है . उसके वगैर ज़िन्दगी कहाँ ?
भाभी बोली :- अच्छा यह बताओ तुमने अभी तभी ताज़ा लौडा किसका पकड़ा ?
सुनीता बोली :- अभी कल ही मेरे गाँव का एक लड़का आ गया था . जब वह नहाने जा रहा था तो मैंने उसे अपने पास बुलाया और कहा पप्पू ज़रा वह पानी की बाल्टी उठा कर यहाँ ले आ . वह जब बाल्टी लेकर आने लगा तो उसकी तौलिया खुल गयी . वह नंगा हो गया . मैंने उसका लण्ड देख लिया . देखते ही मेरे बदन में आग लग गयी .  मैंने मन में कहा इतना मोटा तगड़ा लण्ड ? ऐसा लौड़ा तो मर्दों का होता है . बस मैं फ़ौरन उठी और तौलिया अपने कब्जे में कर लिया . मैंने कहा तुम यार नंगे नंगे ही बाल्टी रख कर आ जाओ . वह आ गया तो मैंने हाथ बढ़ा  कर उसका लौड़ा पकड़ कर कहा यार तेरा लन्ड तो बड़ा बढ़िया है . इसे मुझे दे दो . बस मैं लण्ड सहलाने लगी उसको भी जोश आ गया . उसने मेरी चूंचियाँ पकड़ ली . मैंने लण्ड पिया और फिर मजे से चुदवाया . रात में तीन बार चुदवाया और सवेरे फिर एक बार चोद कर गया वो ?
भाभी बोली :- तू तो बुर चोदी बड़ी उस्ताद है ? यार मुझे भी कोई मजेदार लौड़ा दो न प्लीज . मैं लण्ड के लिए आजकल तरस रही हूँ .
यह सुनकर मेरा लौड़ा टन टना कर खड़ा हो गया . मेरा मन हुआ की मैं भाभी के हाथ में अभी अपना लण्ड रख दू पर थोडा रुक गया .
सुनीता बोली अरे तू तो कॉलेज में पढ़ाती है . तेरे पास तो कई लड़के आते होंगे तो बस उन्ही को बुलाकर पकड़ा कर उनके लण्ड ?
भाभी बोली यार यही तो करती हूँ लेकिन पिछले पंद्रह दिन से कॉलेज बंद है कोई लड़का आता ही नहीं . मैं लण्ड के लिए बेताब हो रही हूँ यार ?
सुनीता बोली अच्छा मैं कुछ करती हूँ . फिर सुनीता चली गयी .
उसी दिन शाम को मैं भाभी के घर पहुँच गया .
मैंने पूंछा:- भाभी ये औरत कौन है .?
भाभी ने बताया :- यह सुनीता है मेरी दोस्त .
मैंने मुस्कराकर कहा :- भाभी बड़ी सेक्सी है तुम्हारी दोस्त . मेरा तो तो मन इसे पकड़ने का हो रहा था .मैं तो इसे दबोचने के मूड में था . आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | भाभी ने भी सेक्सी मुस्कान दी और कहा :- अच्छा तुमने कभी मुझे तो पकड़ा नहीं मुझे तो कभी दबोचा नहीं और अब उसे पकड़ोगे ? मैं थोडा थोडा समझने लगा . मैंने हिम्मत दिखाई और कहा भाभी पकड़ने का काम तो तुम्हारा है . मैंने तो जाने कबसे पकडाने के लिए तैयार हूँ . भाभी भी खुल गयी बोली अरे तू तो बड़ा सयाना हो गया है . मैं तो समझती थी की तू अभी बच्चा है . इधर आ ज़रा . मैं जब नजदीक गया तो भाभी ने मेरे लण्ड पर हाथ मार कर कहा तू इसकी बात कर रहा है . अरे इतना छोटा लौड़ा मेरा क्या उखाड़ पायेगा ? ये बहन चोद पूरा भी घुस जायेगा तो भी मुझे मज़ा नहीं आएगा ? भाभी के मुह से लण्ड सुनकर और गाली सुनकर मेरा लण्ड और टन्ना गया . मैंने कहा भाभी एक बार तो पकड़ कर देखो न इसे ? भाभी ने मेरी बात मजाक में ले लिया और कहा तू चला जा यहाँ से . जब तेरा लण्ड मर्द बन जायेगा तब मैं इसे पकडूगी . जब तेरा लण्ड मरदाना लण्ड बन जायेगा तब मैं इसे अपने अन्दर लूंगी . मैंने बार बार कहा भाभी एक बार तो देख लो प्लीज फिर तुम जो कहोगी वो मैं मान लूँगा . पर भाभी नहीं मानी . तन मैंने सोचा की मैं एक दिन खोल कर दिखा ही दू भाभी को अपना लण्ड .तभी काम बनेगा . बस मैं इसी फिराक में घूमने लगा .और प्लान बनाने लगा .
दोस्तों एक बात तो बताना मैं भूल ही गया . मैं ब्लू फिल्म देखने का बड़ा शौक़ीन हूँ . बिना कोई ब्लू फिल्म देखे मैं सोता नहीं हूँ . उस दिन इतवार था . दिन के 3 बजे थे . मैं अपने कमरे में सोफा पर एकदम नंगा लेटा हुआ ब्लू फिल्म देख रहा था . मेरा लौड़ा मस्त टन्ना गया था . 
मैंने उसे सहला सहलाकर मजे से फिल्म देखने में मगन था की अचानक भाभी कमरे में आ गयी . तब मुझे अहसास हुआ की दरवाजा शायद खुला रह गया . मैंने फ़ौरन अपना लण्ड दोनों हाथों से छुपा लिया और घूम कर कहा भाभी आप बिना बताये यहाँ चल आयी . मुझे बुला लिया होता ? भाभी बोली मैं अगर बुलाती तो तू कपडे पहन कर आता . नहीं बुलाया तभी तो तुझे नंगा देख लिया . तेरा लौड़ा देख लिया . मैं तो समझ रही थी की तू अभी छोटा है पर तू तो पूरा मर्द हो गया है . हां अभी मैंने ठीक से तेरा लण्ड नहीं देखा . चल अब मुझे अभी दिखा दे अपना पूरा लौड़ा . भाभी ने इतना कह कर मेरा लण्ड पकड़ लिया . लण्ड और फनफना उठा . भाभी उसे सहलाने लगी . और खूब चूम चूम कर प्यार किया . मैंने उसके कपडे उतारने शुरू किया . भाभी जब नंगी हुई तो मुझे बड़ा मज़ा आया . मैं उसकी चूंचियों का उसकी चूत का उसकी गांड का मज़ा लेने लगा . 
भाभी बोली :- यार, दीपक तेरा लौड़ा तो बुर चोदने वाला हो गया है . अब मैं इसको अपनी बुर में पेलूंगी . देखो तो लण्ड मेरे घर में निकला और मैं बेकार ही लण्ड के लिए तरस रही थी . आज से तेरा लण्ड मेरी चूत के लिए बुक हो गया . 
बस फिर भाभी ने अपनी टांगे फैलाई और लण्ड अपनी चूत में रगड़ने लगी . 
भाभी ने पूंछा :-दीपक, तुम्हे बुर चोदना आता है ?
मैंने कहा :- हां थोडा थोड़ा जानता हूँ .
भाभी बोली :- चल फिर मैं आज ही तुझे सिखाती हूँ की कैसे चोदी जाती है बुर ? 
उस दिन भाभी ने वाकई मुझे चोदना सिखाया और मैंने खूब मन लगा कर चोदना सीख लिया . जब मेरा लण्ड झड़ने को आया तो भाभी ने लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और मारने लगी सडका . मुझे बड़ा मज़ा आने लगा . वैसे तो मैंने खुद कई बार मुठ्ठ मारा है लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मज़ा भाभी से मुठ्ठ मरवाने में आया . 
दोस्तों, उस दिन के बाद मैंने आज तक अपने आप मुठ्ठ नहीं मारा . हमेशा भाभी से ही मरवाता रहा . अब मेरा रास्ता खुल चुका था .  आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मैं करीब करीब हर रोज़ भाभी की बुर चोदने लगा . एक दिन मैंने कहा भाभी अपनी सहेली सुनीता की बुर दिलाओ न प्लीज . भाभी मेरी बात मान गयी और उसने उसी दिन रात में सुनीता को बुला लिया . 
भाभी बोली :- यार सुनीता, ये दीपक है मेरा देवर . मेरा किरायेदार है . मुझे इसका लौड़ा पसंद आ गया है . मैं तो हर रोज़ इससे चुद्वाती हूँ . उस दिन जब तुम आयी थी तो इस बहन चोद ने हमारी सारी बातें सुन ली थी . तबसे दीपक तुम्हे चाहने लगा है . तेरी बुर चोदना चाहता है .  आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | सुनीता बोली :- हाय दईया, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है मेरे लिए ? मैं चुदवाने के लिए तैयार हूँ .| इतना कह कर सुनीता ने अपना हाथ बढाया और मेरा लण्ड पकड़ लिया . देखते ही देखते हम तीनो नंगे हो गए . सुनीता मेरा लौड़ा चूसने लगी और भाभी मेरे पेल्हड़ . मैं सुनीता की बुर सहलाने में जुटा था .
सुनीता थोड़ी देर में बुर फैलाकर बोली :- दीपक अब तुम पेलो अपना लौड़ा मेरी चूत में . 
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और चोदने लगा सुनीता की बुर . 10 मिनट में मुझे महसूस हुआ की मेरी गांड में कुछ घुस रहा है . मैंने मुड कर देखा तो हैरान रह गया . रीना भाभी अपनी कमर में बांधे थी एक जबरदस्त लौड़ा . बिलकुल असली लण्ड लग रहा था वो . मेरे लण्ड की तरह था वह लण्ड ?
भाभी बोली :- दीपक, आज मैं मारूंगी तेरी गांड ? आज तक भाभी की गांड हमेशा देवर मारता आया है पर अब ज़माना बदल गया है . अब भाभी मारने लगी है देवर की गांड ?

पहली बार भाभी से सिखा चुदाई करना

हाय दोस्तों मेरा नाम नितिन है मैं २१ साल का हूँ मैं मेंरठ में रहता हूँ मैं  अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर काफी समय से कहानी पढ़ रहा हूँ इसलिए सोचा की इस बार अपनी भी कोई कहानी भेजूं
ये बिलकुल सच्ची कहानी है अब मैं आपको अपनी भाभी यानी अपने सामान के बारे बताने जा रहा हूँ की कैसे मैंने उनको चोद कर मजे लूटे है
मेरी भाभी का नाम स्नेहा है उनकी आगे अब लगभग २९ होगी वो मेरे पड़ोस में अलग घर में रहती है हाँ तो अब मैं आपको ज्यादा नहीं बोर करूँगा तो कहानी की सुरुआत इश तरह होती है मेरे भैया के दौरे को दिन आये और भैया को ३ दिनों के टूर पर जाना पड़ा भैया मुझे भाभी के साथ घर पर रहने के लिए कहकर चले गए..

मैंने भाभी को पहले कभी बुरी नजर से नहीं देखा था हम दोनों का दोस्ताना व्यवहार तो पहले से हे था मेरा कुछ दिन पहले हे मेरी गर्ल फ्रेंड के साथ
ब्रेअक्प हुआ था तोह अब मेरी निघायें किसी को तलाश रही थी तो मेरी नजर मेरी ही भाभी पर पड गयी आप लोग विस्वास नहीं करोंगे वो काफी सुन्दर है बिलकुल कटरीना की तरह फिगर भी ३६ ३० ३६ मैंने भाभी को बुरी नज़र से देखा नहीं था. वो मुझे काफी पसंद करती थी क्यूं की दोस्तों आपका ये दोस्त भी कम नहीं है मैं भी
काफी स्मार्ट हूँ ये मैं नहीं मेरी गर्ल फ्रिएंड्स ने मुझे बताया है ,तो रात का टाइम था वो नायटी पहन कर सोती है पहली रात को हे हम दोनों बेड पर बैठ कर टी.वी. देख रहे थे टीवी देखते देखते मुझे नींद आ गयी और मेरी आँख लग गयी भाभी भी एक दो मिनट बाद टीवी देखते देखते वहीं पर ही सो जाती है फिर मुझे ध्यान आता है की मैं कहाँ सो गया हूँ और उठ कर देखता हूँ की टीवी चल रहा है मैं उठ कर जैसे ही टीवी ऑफ करने के लिए जाता हूँ तो टीवी की लाइट में मुझे भाभी की नायटी दिखाई देती है जो की घुटनों तक एक साइड से उठी हुई होती है एक दम गोरी टांग देख कर मेरे अन्दर का सैतान जाग जाता है और मेरी हवस बढ जाती है मेरा लंड एक दम तन जाता है और मैं टीवी ऑफ कर के वहीं पर जाकर लेट जाता हूँ नींद तो उड़ चुकी थी अब तो बस भाभी का जिस्म ही नजर आ रहा था मेरी हिम्मत बढने लगती है और मैं धीरे से एक हाथ उन के पेट पर रख देता हूँ ताकि उनको ऐसा लगे के ये गलती से रखा गया है वो नींद में होती है फर धीरे धीरे मैं अपना हाथ आगे बढाता हूँ और उनकी चुचियों पर रख कर धीरे धीरे फेरने लगता हूँ फिर मैं वापस अपना हाथ उन के पेट पर लेकर आता हूँ और अपनी एक ऊँगली से उन के पेट पर एस बनाता रहता हूँ ताकि मेरे द्वारा किये जा रहे इस फोरप्ले से वो बेकरार हो जाये फिर मैं धीरे से उनकी नायटी को और ऊपर करता हूँ और जागों तक ले आता हूँ उस नंगे बदन को देख कर मेरा लंड तड़प उठ ता है फिर मैं उसको इतने ऊपर ले आता हूँ की उनकी चुत मुझे साफ़ नजर आने लगती है अब उनका निचे का सारा जिस्म बिलकुल नंगा था मैं फिर वो ही तरीका अपनाता हूँ और फिर अपना हाथ उनकी जांग पर रख देता हूँ ताकि उनको ऐसा लगे कि गलती से रखा गया है और जानगो पर रख कर उंगलियाँ चलने लगता हूँ उन के शरीर में सनसनाहट होने लगती है फिर जैसे ही मैं अपना हाथ उनकी चुत पर ले जाने को आगे बढाता हूँ वो पलट जाती है और मुझ से दूर हट जाती है और कुछ नींद में कुछ बडबबड़ाती है ताकि मुझ को ऐसा लगे कि वो जाग गयी है उन की इश हरकत से मेरे हाथ पैर फुल जाते है और मैं चुप चाप लेट जाता हूँ...... 
अब किस को नींद आने वाली थी अब तो बस ये हे डर था की ये भैया को बता देगी और फिर मेरी अच्छी खासी लगेगी लेकिन अचानक कुछ मिनट के बाद उनका एक पैर मुझे आकर लगता है लेकिन मैं उसको समझ नहीं पाता फिर वो वापस पलट के मेरे पास आ जाती है मैं बिलकुल सीधा लेटा हुआ था तो वो एक पैर मेरे दोनों पैरो के ऊपर रख देती है बस मेरे लिए इतना हे इशारा काफी था और मैं फिर हिम्मत कर के अपना हाथ उसकी जांग पर रख देता हूँ और उसको सहलाना स्टार्ट कर देता हूँ फिर मैं धीरे से उसके बूब्स को नायटी में से बहार निकालता हूँ और दबाने लगता हूँ उनकी चूची देख कर मैं हैरान रह जाता हूँ की क्या जबरदस्त चूची पाई है भाभी ने और मैं उनको काफी पजोर जोर से दबाता हूँ फिर मैं उनकी चुत पर हाथ रखता हूँ उनकी चुत अब तक काफी गीली हो चुकी थी बिलकुल चिकनी थी | 
मैं उनको तब तक किस नहीं करता जब तक की वो मेरे लिए बिलकुल पागल न हो जाये फिर मैं उन से कहता हूँ कि अब रहा नहीं जाता आँखें खोल लो ना और वो बड़ी प्यारी सी ईशमाईल के साथ अपनी आँखें खोल कर कहती है की देवर जी आप तो बड़ी कातील चीज हो लो आज से तुमाहरी ये भाभी गुलाम हो गयी और हवास भरी आँखों से मेरे होंठो पर किस करना स्टार्ट करती है और मुझ पर चिपट जाती है और मेरे होठो को अपने दांतों से दबा दबा कर चुस्ती है वो किस मेरी लाइफ का सबसे प्यारा और लम्बा किस था हम दोनों इतनी बुरी तरह एक दुसरे को चाट रहे थे कि पसीने पसीने हो गये थे मैं उनकी नायटी को उतार के फैंक देता हूँ वो मुझे चुमते हुए मेरे शर्ट उतरना सुरु करती है और फिर मेरे लोअर में तने हुए लंड को जह्ट से पकड़ लेती है और अपने हाथो में लेकर ऊपर से हे रगड़ना सुरु कर देती है मैं तुरंत अपनी लोअर निकल के फैंक देता हूँ अब हम दोनों बिलकुल नंगे बस एक दुसरे को चाट रहे थे | आप यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
वो मेरा ७ इंच लम्बा और २.५ इंच मोटा लंड देख कर बोलती है कि आज तोह तुम मेरी चुत को फाड़ डालोगे मैं उन से दूर हटा और 69 की स्थिति में भाभी के ऊपर आगया और भाभी कि चुत को चाटने लगा भाभी भी मेरा लंड भूखी शेरनी कि तरह चाट रही थी उनकी चुत चटवाने में इतना मजा आ रहा था कि वो मेरे मुह पर बैठ कर धक्के मारने लग गयी और ऊओह्ह्ह्हाआआअ उनकी चुत से पानी बहार निकल रहा था थोरी देर बाद तक ऐसे ही मज़ा लेने के बाद मैंने अपनी उंगली उनकी को चुत से बहार निकल लिया और सीधा हो कर उनके ऊपर लेट गया भाभी ने अपनी टाँगे फैला दी और मेरे फर्फराते हुए लुंड को पकड़ कर सुपारा चुत के मुह पर रख लिया . उनकी चुत कि दीवारों का स्पर्श मुझे पागल बना रहा था , फिर भाभी ने मुज से बोली कि जानू अब तोह चोद दो क्यू इतना तडपा रहे हो मैंने कहा मेरी रानी अब चुदवाने के लिए तयार हो जा आज तेरा चुत को फाड़ के हे छोडऊँगा उसकी चुत काफी ताईट थी शुरू शुरू में मुझे अपना लंड उनकी चुत में घुसाने में काफी परेशानी हुई मैं जब जोर लगा कर लंड अन्दर बाढ़ रहा था chah रहा था तो उसको काफी दर्द हो रहा था लेकिन पहले से उंगली से चुदवा कर उनकी छूट काफी गीली हो गयी थी . भाभी भी हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही मेरा एक ही धक्के में सुपारा अन्दर चला गया . इससे पहले कि भाभी संभल पति मैंने दूसरा धक्का लगाया और पूरा का पूरा लुंड मख्हन जैसे चुत की जन्नत में दाखिल हो गया . भाभी चिल्लाई , “उईई ईईईइ ईईइ माआआ उहुहुह्ह्ह्हह ओह अंश , ऐसे ही कुछ देर हिलना डुलना नहीं , हाय बड़े जालीम हो तुम्हारा लंड , मार ही डाला मुझे तुमने देवर जानू .” भाभी को काफी दर्द हो रहा था मेरा लैंड धीरे धीरे उनकी चूत में अन्दर -बहार होने लगा . फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेजी से लैंड अन्दर -बहार करने लगा . भाभी को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से कमर उठा उठा कर हर शोट का जवाब देने लगी . . उनका सारा बदन हिल रहा था और सांसे तेज़ तेज़ चल रही थी . भाभी की चुन्चिया तेज़ी से ऊपर नीचे हो रही थी . मुझसे रहा नहीं गया और हाथ बढ़ा कर दोनों चुन्ची को पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगा .
जैसे जैसे वो झड़ने के करीब आ रही थी मैंने अपनी रफ़्तार और बड़ा दी कमरे में पच पच की आवाज गूंज रही थी . जब उनकी साँस फूल गइ तो भाभी अपनी कमर हिला कर चुतर उठा उठा कर चुदा रही थी और बोले जा रही थी , “अह्ह्ह आःह्ह्ह उन्ह्ह्हह ऊओह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह हाआआन हाआई मेंरे अंश , माआआअर गयययययये  रीई , जांन्न्न्नन्न चूऊओदो रे चूऊओद . ऊईईईई मीईईरीईइ माआअ , फाआआअत गाआआयीई रीईई आआआज  तो मेरी चूत अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या जन्नत का मज़ाआअ सिखयाआअ तुमने . मेरा तो दम निक्क्क्ककल दिया तुमने तो आआज . अराआअ जाआअलीएम हाआऐरे तूऊम्हाआआर लौदा , मैं भी बोल रहा था , “ले मेरीईइ  रानी , लीई ले मेरा लौड़ा अप्नीईइ छुट में . बड़ा तर्पय्यय्य्या है तुने मुझीई . लेय्य्य लेय्य्य्यय्य , ले मेरीईइ भाभी यह लंड अब्बब्बब तेराआ ही है . उन्होंने मुझे कस के पकड़ लिया और अपना सारा पानी छोड़ दिया मैं तेज़ी से उनको चोदे जा रहा था अब मेरा भी पानी छुटने वाला था तो मैंने उनकी टांगो को बिलकुल ऊपर कर दिया और बड़ी तेज़ी के साथ अपना सारा पानी उनकी चुत में छोड़ दिया और मैं हाफ्ते हुए उनकी चुन्ची पर सर रख कर कस के चिपक कर लेट गया . यह मेरी पहली चुदाई थी . इसीलिए मुझे काफी थकान महसूस हो रही थी . मैं भाभी के सिने पर सर रख कर सो गया . भाभी भी एक हाथ से मेरे सर को धीरे धीरे से सहलाते हुए दुसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रही थी और मुझे पागलो की तरह किस कर रही थी . इस तरह हम दोनों ने काफी चुदाई करी जो की अभी तक जारी है ... इस तरह मेरी ये चुदाई की पहली कहानी ख़तम होती है

बुधवार, 4 मई 2016

चुदाई के बाद संतुष्टी

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