गुरुवार, 5 मई 2016

भाभी और भाभी की सहेली की चुदाई

मेरे रीना भाभी से बहुत मधुर सम्बन्ध है . मैं उसे बहुत चाहता हूँ और वह भी मुझे बहुत चाहती है . मेरी नजदीकियां काफी बढ़ चुकी है . मैं उसके कपडे 
खोलता हूँ वह मेरे कपडे खोलती है . मैं उसे नंगी कर देता हूँ वह मुझे नंगा कर देती है . मैं उसकी चूंचियों पर साबुन लगा कर उसे नहलाता हूँ वह मेरे लण्ड पर साबुन लगा कर मुझे नहलाती है . मैं उसकी चूंचियाँ चूसता हूँ वह मेरा लण्ड चूसती है . मैं उसकी चूत चाटता हूँ वह मेरा लौड़ा चाटती है .मैं उसकी गांड सहलाता हूँ वह मेरी गांड सहलाती है . मैं उसकी झांटे बनाता हूँ वह मेरी झांटें बनाती है .मैं उसकी बुर चोदता हूँ वह मेरा लण्ड चोदती है . अब तो आलम यह है की न तो मुझे उसके वगैर चैन मिलता है न ही उसे मेरे वगैर चैन मिलता है .
इस तरह के सम्बन्ध, दोस्तों, एक दिन में नहीं हो गए . इसमें काफी समय लगा है . मैं आपको संक्षेप में बताता हूँ . रीना भाभी मेरी मकान मालकिन है .और मैं उसका एक किरायेदार ? मैं उसके घर में ऊपर एक कमरा लेकर रहता हूँ . आज से लगभग दो साल पहले मैं एक कमरा किराए पर लेने के लिए घूम रहा था . अचानक किसी ने मुझे रीना भाभी का घर बता दिया . बस बात चीत हुई और सौदा तय हो गया . मैं आराम से रहने लगा . बहुत दिनों के बाद मुझे मालूम हुआ की भाभी घर में अकेले ही रहती है .तबसे मैं भाभी के ऊपर नज़र रखने लगा . भाभी बहुत सुन्दर है . उसका गदराया बदन, बड़ी बड़ी आँखे, गोल और गोरा चेहरा, लम्बे बाल, बड़े बड़े चूतड, बड़ी बड़ी चूंचियां और मस्त गुन्दाज़ बाहें मेरा मन हमेशा अपनी ओर खींचने लगी मेरी निगाह बरबस उसकी चूंचियों पर चली जाती थी . आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मुझे यह भी मालूम हुआ की भाभी एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती है . टीचर है . इधर मैं भी एक ऑफिस में काम करता हूँ . मैंने देखा की भाभी की खूबसूरती दिन पर बढती जा रही है . मैं उसकी खूबसूरती पर मोहित हो गया और मन ही मन उसे प्यार करने लगा . लेकिन यह बात कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई मेरी . हां मैं उसे आते जाते देखता जरुर था . उसकी मस्त चूतड हिलाती हुई चाल मुझे बहुत अच्छी लगती थी . उसकी आगे से उछलती हुई चूंचियाँ मैं देख कर मैं दीवाना हो जाता था . रात में मुझे भाभी के सपने आने लगे , जाने कितनी बार मैंने भाभी के नाम का मुठ्ठ मारा है . उसके नाम से मेरा लौडा खड़ा हो जाता था . मैं इसी मौके की तलास में था की किसी दिन भाभी से खुल कर बातें हो जाये ? बातों के बाद शायद कुछ और खुलने का मौका मिले मुझे . मैं बस इसी फिराक में रहने लगा . एक दिन मैंने इत्तिफाक से भाभी को बिलकुल नंगी बाथ रूम जाते हुए देख लिया . बस मेरे तन बदन में आग लग गयी . मेरा लौडा बहन चोद तन कर खड़ा हो गया . मैंने मन में कहा वाओ, कितनी मस्त और चिकनी है जवानी भाभी की . क्या चूंचियाँ है ? क्या चूतड है ? क्या गांड है ? कितनी पतली कमर है ? कितनी मस्त बाहें है ? मैं बस देखता ही रह गया . मैंने सोचा की भाभी नंगी निकलेंगी तो फिर देखूँगा लेकिन देख नहीं सका ?
एक दिन हिम्मत करके मैं भाभी के कमरे में जा ही रहा था की मैंने देखा की भाभी अपनी सहेली से बैठी बातें कर रही है . बस मैं छिप कर उन दोनों की बातें सुनने लगा . दोनों के हाथ में शराब के गिलास है . मैं भाभी को शराब पीते हुए पहली बार देख रहा था . थोड़ी देर में भाभी ने सिगरट निकाली एक सुनीता को दिया और दूसरी खुद जला कर पीने लगी . भाभी सिगरट और शराब पीते हुए बड़ी सेक्सी लग रही थी . 
भाभी बोली :- हाय सुनीता आजकल क्या हो रहा है .? मौज मस्ती हो रही है की नहीं .?
सुनीता बोली :- हां बिलकुल हो रही है . उसके वगैर ज़िन्दगी कहाँ ?
भाभी बोली :- अच्छा यह बताओ तुमने अभी तभी ताज़ा लौडा किसका पकड़ा ?
सुनीता बोली :- अभी कल ही मेरे गाँव का एक लड़का आ गया था . जब वह नहाने जा रहा था तो मैंने उसे अपने पास बुलाया और कहा पप्पू ज़रा वह पानी की बाल्टी उठा कर यहाँ ले आ . वह जब बाल्टी लेकर आने लगा तो उसकी तौलिया खुल गयी . वह नंगा हो गया . मैंने उसका लण्ड देख लिया . देखते ही मेरे बदन में आग लग गयी .  मैंने मन में कहा इतना मोटा तगड़ा लण्ड ? ऐसा लौड़ा तो मर्दों का होता है . बस मैं फ़ौरन उठी और तौलिया अपने कब्जे में कर लिया . मैंने कहा तुम यार नंगे नंगे ही बाल्टी रख कर आ जाओ . वह आ गया तो मैंने हाथ बढ़ा  कर उसका लौड़ा पकड़ कर कहा यार तेरा लन्ड तो बड़ा बढ़िया है . इसे मुझे दे दो . बस मैं लण्ड सहलाने लगी उसको भी जोश आ गया . उसने मेरी चूंचियाँ पकड़ ली . मैंने लण्ड पिया और फिर मजे से चुदवाया . रात में तीन बार चुदवाया और सवेरे फिर एक बार चोद कर गया वो ?
भाभी बोली :- तू तो बुर चोदी बड़ी उस्ताद है ? यार मुझे भी कोई मजेदार लौड़ा दो न प्लीज . मैं लण्ड के लिए आजकल तरस रही हूँ .
यह सुनकर मेरा लौड़ा टन टना कर खड़ा हो गया . मेरा मन हुआ की मैं भाभी के हाथ में अभी अपना लण्ड रख दू पर थोडा रुक गया .
सुनीता बोली अरे तू तो कॉलेज में पढ़ाती है . तेरे पास तो कई लड़के आते होंगे तो बस उन्ही को बुलाकर पकड़ा कर उनके लण्ड ?
भाभी बोली यार यही तो करती हूँ लेकिन पिछले पंद्रह दिन से कॉलेज बंद है कोई लड़का आता ही नहीं . मैं लण्ड के लिए बेताब हो रही हूँ यार ?
सुनीता बोली अच्छा मैं कुछ करती हूँ . फिर सुनीता चली गयी .
उसी दिन शाम को मैं भाभी के घर पहुँच गया .
मैंने पूंछा:- भाभी ये औरत कौन है .?
भाभी ने बताया :- यह सुनीता है मेरी दोस्त .
मैंने मुस्कराकर कहा :- भाभी बड़ी सेक्सी है तुम्हारी दोस्त . मेरा तो तो मन इसे पकड़ने का हो रहा था .मैं तो इसे दबोचने के मूड में था . आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | भाभी ने भी सेक्सी मुस्कान दी और कहा :- अच्छा तुमने कभी मुझे तो पकड़ा नहीं मुझे तो कभी दबोचा नहीं और अब उसे पकड़ोगे ? मैं थोडा थोडा समझने लगा . मैंने हिम्मत दिखाई और कहा भाभी पकड़ने का काम तो तुम्हारा है . मैंने तो जाने कबसे पकडाने के लिए तैयार हूँ . भाभी भी खुल गयी बोली अरे तू तो बड़ा सयाना हो गया है . मैं तो समझती थी की तू अभी बच्चा है . इधर आ ज़रा . मैं जब नजदीक गया तो भाभी ने मेरे लण्ड पर हाथ मार कर कहा तू इसकी बात कर रहा है . अरे इतना छोटा लौड़ा मेरा क्या उखाड़ पायेगा ? ये बहन चोद पूरा भी घुस जायेगा तो भी मुझे मज़ा नहीं आएगा ? भाभी के मुह से लण्ड सुनकर और गाली सुनकर मेरा लण्ड और टन्ना गया . मैंने कहा भाभी एक बार तो पकड़ कर देखो न इसे ? भाभी ने मेरी बात मजाक में ले लिया और कहा तू चला जा यहाँ से . जब तेरा लण्ड मर्द बन जायेगा तब मैं इसे पकडूगी . जब तेरा लण्ड मरदाना लण्ड बन जायेगा तब मैं इसे अपने अन्दर लूंगी . मैंने बार बार कहा भाभी एक बार तो देख लो प्लीज फिर तुम जो कहोगी वो मैं मान लूँगा . पर भाभी नहीं मानी . तन मैंने सोचा की मैं एक दिन खोल कर दिखा ही दू भाभी को अपना लण्ड .तभी काम बनेगा . बस मैं इसी फिराक में घूमने लगा .और प्लान बनाने लगा .
दोस्तों एक बात तो बताना मैं भूल ही गया . मैं ब्लू फिल्म देखने का बड़ा शौक़ीन हूँ . बिना कोई ब्लू फिल्म देखे मैं सोता नहीं हूँ . उस दिन इतवार था . दिन के 3 बजे थे . मैं अपने कमरे में सोफा पर एकदम नंगा लेटा हुआ ब्लू फिल्म देख रहा था . मेरा लौड़ा मस्त टन्ना गया था . 
मैंने उसे सहला सहलाकर मजे से फिल्म देखने में मगन था की अचानक भाभी कमरे में आ गयी . तब मुझे अहसास हुआ की दरवाजा शायद खुला रह गया . मैंने फ़ौरन अपना लण्ड दोनों हाथों से छुपा लिया और घूम कर कहा भाभी आप बिना बताये यहाँ चल आयी . मुझे बुला लिया होता ? भाभी बोली मैं अगर बुलाती तो तू कपडे पहन कर आता . नहीं बुलाया तभी तो तुझे नंगा देख लिया . तेरा लौड़ा देख लिया . मैं तो समझ रही थी की तू अभी छोटा है पर तू तो पूरा मर्द हो गया है . हां अभी मैंने ठीक से तेरा लण्ड नहीं देखा . चल अब मुझे अभी दिखा दे अपना पूरा लौड़ा . भाभी ने इतना कह कर मेरा लण्ड पकड़ लिया . लण्ड और फनफना उठा . भाभी उसे सहलाने लगी . और खूब चूम चूम कर प्यार किया . मैंने उसके कपडे उतारने शुरू किया . भाभी जब नंगी हुई तो मुझे बड़ा मज़ा आया . मैं उसकी चूंचियों का उसकी चूत का उसकी गांड का मज़ा लेने लगा . 
भाभी बोली :- यार, दीपक तेरा लौड़ा तो बुर चोदने वाला हो गया है . अब मैं इसको अपनी बुर में पेलूंगी . देखो तो लण्ड मेरे घर में निकला और मैं बेकार ही लण्ड के लिए तरस रही थी . आज से तेरा लण्ड मेरी चूत के लिए बुक हो गया . 
बस फिर भाभी ने अपनी टांगे फैलाई और लण्ड अपनी चूत में रगड़ने लगी . 
भाभी ने पूंछा :-दीपक, तुम्हे बुर चोदना आता है ?
मैंने कहा :- हां थोडा थोड़ा जानता हूँ .
भाभी बोली :- चल फिर मैं आज ही तुझे सिखाती हूँ की कैसे चोदी जाती है बुर ? 
उस दिन भाभी ने वाकई मुझे चोदना सिखाया और मैंने खूब मन लगा कर चोदना सीख लिया . जब मेरा लण्ड झड़ने को आया तो भाभी ने लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और मारने लगी सडका . मुझे बड़ा मज़ा आने लगा . वैसे तो मैंने खुद कई बार मुठ्ठ मारा है लेकिन मुझे सबसे ज्यादा मज़ा भाभी से मुठ्ठ मरवाने में आया . 
दोस्तों, उस दिन के बाद मैंने आज तक अपने आप मुठ्ठ नहीं मारा . हमेशा भाभी से ही मरवाता रहा . अब मेरा रास्ता खुल चुका था .  आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मैं करीब करीब हर रोज़ भाभी की बुर चोदने लगा . एक दिन मैंने कहा भाभी अपनी सहेली सुनीता की बुर दिलाओ न प्लीज . भाभी मेरी बात मान गयी और उसने उसी दिन रात में सुनीता को बुला लिया . 
भाभी बोली :- यार सुनीता, ये दीपक है मेरा देवर . मेरा किरायेदार है . मुझे इसका लौड़ा पसंद आ गया है . मैं तो हर रोज़ इससे चुद्वाती हूँ . उस दिन जब तुम आयी थी तो इस बहन चोद ने हमारी सारी बातें सुन ली थी . तबसे दीपक तुम्हे चाहने लगा है . तेरी बुर चोदना चाहता है .  आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | सुनीता बोली :- हाय दईया, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है मेरे लिए ? मैं चुदवाने के लिए तैयार हूँ .| इतना कह कर सुनीता ने अपना हाथ बढाया और मेरा लण्ड पकड़ लिया . देखते ही देखते हम तीनो नंगे हो गए . सुनीता मेरा लौड़ा चूसने लगी और भाभी मेरे पेल्हड़ . मैं सुनीता की बुर सहलाने में जुटा था .
सुनीता थोड़ी देर में बुर फैलाकर बोली :- दीपक अब तुम पेलो अपना लौड़ा मेरी चूत में . 
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और चोदने लगा सुनीता की बुर . 10 मिनट में मुझे महसूस हुआ की मेरी गांड में कुछ घुस रहा है . मैंने मुड कर देखा तो हैरान रह गया . रीना भाभी अपनी कमर में बांधे थी एक जबरदस्त लौड़ा . बिलकुल असली लण्ड लग रहा था वो . मेरे लण्ड की तरह था वह लण्ड ?
भाभी बोली :- दीपक, आज मैं मारूंगी तेरी गांड ? आज तक भाभी की गांड हमेशा देवर मारता आया है पर अब ज़माना बदल गया है . अब भाभी मारने लगी है देवर की गांड ?

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